बॉलीवुड में अपनी नायाब अदाकारी के लिए पहचाने जाने वाले दिग्गज अभिनेता ओमपुरी का आज सुबह दिल का दौरा पडने से अपने घर पर निधन हो गया. अभिनेता ने ‘अर्ध सत्य’, आक्रोश’, ‘सिटी ऑफ जाय’, में अपनी बेहतरीन अदाकारी से दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की. उनके परिवार में उनकी परित्यक्त पत्नी नंदिता और बेटा इशान है. नंदिता ने कहा, ‘मैं अभी सदमे में हूं. यह आश्चर्यजनक है. आज सुबह छह-साढे छह बजे के बीच उनका निधन हुआ. वह रसोई के फर्श पर गिरे मिले थे.’ उन्होंने कहा, ‘मैं अभी बात नहीं कर सकती. मैं पोस्ट मार्टम करवाने कूपर अस्पताल आई हुई हूं.’ ओम पुरी ही बार पर बेबाक रहे और उन्होंने हर मुद्दे पर खुलकर बातें की. अपने निजी जीवन में कई बार उन्हें विवादों का सामना करना पड़ा.
किसने जवानों को सेना में आने के लिए कहा…
ताजा मामला हाल ही में हुए उरी हमले से जुड़ा है. एक टीवी शो के दौरान ओम पुरी ने उरी हमले में शहीद हुए सेना के जवानों को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी. उन्होंने कहा था- किसने जवानों को सेना में आने के लिए कहा है किसने उन्हें हथियार उठाने के लिए कहा है. जिसके बाद उनकी खूब निंदा हुई थी. इस मामले को लेकर उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था. आलोचनाओं में घिरने के बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी और कहा था,’ मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, मैं गलत कहा है. मुझे सजा मिलनी चाहिए.’
आमिर खान को माफी मांगनी चाहिए…
आमिर खान के असहिष्णुता पर दिए गए बयान पर भी ओम पुरी ने हमला बोला था. उन्होंने कहा था,’ आमिर को अपने कहे के लिए माफी मांगनी चाहिए. अगर किसी आम इंसान ने ऐसी बात की होती तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता. आप लोगों को एक-दूसरे के प्रति भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों ने बहुत की गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. ये कोई अचानक दिया गया बयान नहीं हैं, बल्कि दोनों ने सोच-समझकर ये बातें कहीं है. अगर किसी आम इंसान ने ऐसी बात की होती तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता.
गोमांस को लेकर दिया विवादित बयान
जब देश में गोमांस का मुद्दा गर्माया हुआ था, उस दौरान भी ओम पुरी अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में आ गये थे. उन्होंने कहा था कि हम बीफ बाहर भेजते हैं और डॉलर कमाते हैं. जो लोग इस पर रोक लगाना चाहते हैं, वे डरपोक हैं.
नक्सली फाइटर हैं, ना कि आतंकवादी
ओम पुरी नक्सलियों को दिये अपने बयान को लेकर घिर गये थे. उन्होंने कहा था नक्सली फाइटर हैं, वे आतंकवादियों की तरह सड़कों में बम नहीं प्लांट करते. वे अपने हक के लिए जिम्मेदारी की लड़ाई लड़ते हैं और वे गरीबों को तंग भी नहीं करते हैं.
अन्ना हजारे को लेकर दिया था ऐसा बयान
रामलीला मैदान में जब अन्ना हजारे अनशन के लिए बैठे थे तब ओमपुरी ने नेताओं को लेकर कहा कि मुझे शर्म आती है जब एक आईएस और आईपीए अफसर किसी गवांर नेता को सलामी देते हैं. आधे से ज्यादा नेता बिना पढ़े लिखे हैं. हालांकि उन्होंने अपने इस बयान पर माफ़ी मांग ली थी.