फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट न मिलने के बाद अब सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका कहना है कि सेंसर बोर्ड सोशल मीडिया के दबाव में नहीं आयेगा.
सोशल मीडिया पर सेंसर बोर्ड की जमकर आलोचना हो रही है. अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म के कथित रुप से ‘महिला केंद्रित’ होने और इसमें ‘अपशब्दों’ के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उसे प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया.
Censor Board will not succumb to social media pressure: Pahlaj Nihalanihttps://t.co/UAkg2L0tUX
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निहलानी ने कहा,’ किसी को नहीं पता है कि फिल्म को सर्टिफिकेट कैसे मिलता है. सेंसर बोर्ड को कुछ तय गाइडलाइन्स के मुताबिक किसी भी फिल्म को सर्टिफिकेट देना होता है. यह सेंसर बोर्ड की जिम्मेदारी है और बोर्ड किसी भी मीडिया के दबाव में आकर फैसला नहीं लेगा.’
उन्होंने आगे कहा कि,’ सालभर में लगभग 2500 फिल्में सर्टिफिकेशन के लिए बोर्ड के पास आती है. जिनमें से 82 प्रतिशत फिल्मों को बिना किसी कट के पास कर दिया जाता है. बाकी बचे 18 प्रतिशत में से 2 प्रतिशत ऐसी फिल्में होती है जिसे रिवाइजिंग कमेटी को भेजा जाता है. अगर 2500 में किसी एक फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिलता है तो इतना हल्ला मचाने की क्या जरुरत है.’
‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर, सुशांत सिंह, विक्रांत मेसी और शशांक अरोडा मुख्य भूमिकाओं में हैं.