मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा को 20 साल पुराने एक मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी से अस्थायी संरक्षण दिया. इस मामले में गोविंदा पर आरोप था कि उन्होंने एक हिंदी फिल्म के गाने में बिहार और उत्तर प्रदेश को बदनाम किया.
न्यायमूर्ति साधना जाधव ने 25,000 रुपए के मुचलके पर गोविंदा को चार हफ्ते के लिए ट्रांजिट जमानत दे दी और उनसे झारखंड की उस अदालत के समक्ष पेश होने को कहा जिसने उन्हें इस मामले में छह मार्च को सम्मन किया था.
उच्च न्यायालय ने कहा कि गोविंदा की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 25,000 रुपए मुचलके के तौर पर देने होंगे. साल 1997 में झारखंड (तत्कालीन बिहार) के पाकुड जिले के एक वकील ने गोविंदा के खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा दायर किया था.
‘छोटे सरकार’ फिल्म के गाने ‘एक चुम्मा तू मुझको उधार दे दे…’ के बोल पर आपत्ति जताते हुए गोविंदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. गोविंदा ने हाल में उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी. झारखंड की अदालत ने उन्हें छह मार्च को पेश होने का आदेश दिया था.
गोविंदा ने 20 साल पुराने मामले में अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गोविंदा ने अपनी अर्जी में का है कि उन्होंने फिल्म में सिर्फ एक्टिंग की है और वो गाना भी उन्होंने नहीं लिखा है. गोविंदा ने यह भी कहा कि यह गाना अश्लील नहीं हैं और न ही किसी की मानहानि करने वाला.
बता दें कि पाकुड़ की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गीतकार, संगीतकार के अलावा पार्श्वगायकों उदित नारायण और अलका याज्ञनिक को भी 6 मार्च को पेश होने के लिए कहा है.