Exclusive: …तो ऐसा हमसफर चाहती हैं आलिया भट्ट!
अभिनेत्री आलिया भट्ट इनदिनों अपनी आगामी फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हानिया’ को लेकर खासा चर्चा में हैं. आलिया का मानना है कि यह फिल्म एक रोमांटिक फिल्म ही नहीं हैं बल्कि यह महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को भी कहानी में समेटे है. फिल्म में आलिया वैदेही नामक किरदार निभा रही है. आलिया की फैन फ्लोविंग है […]
अभिनेत्री आलिया भट्ट इनदिनों अपनी आगामी फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हानिया’ को लेकर खासा चर्चा में हैं. आलिया का मानना है कि यह फिल्म एक रोमांटिक फिल्म ही नहीं हैं बल्कि यह महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को भी कहानी में समेटे है.
फिल्म में आलिया वैदेही नामक किरदार निभा रही है. आलिया की फैन फ्लोविंग है और उनके लिए यह फिल्म किसी ट्रीट से कम नहीं है. फिल्म में वरुण धवन भी लीड रोल में हैं. हमारी संवाददाता उर्मिला कोरी से हुई बातचीत में आलिया ने अपनी जिंदगी को लेकर कई अहम खुलासे किये.
वरुण के साथ यह आपकी तीसरी फिल्म हैं. को-एक्टर जब दोस्त हो तो क्या केमिस्ट्री ज्यादा आकर्षक बन जाती हैं
हां, मैं इस बात को मानती हूं. रोमांटिक सीन तो फिर भी आप कर लेंगे लेकिन इमोशनल सीन में यह बॉडिंग बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हम एक दूसरे को समझते हैं. इसका हमें बहुत बड़ा फायदा मिल जाता है. यह हंसी मजाक वाली फिल्म होने के साथ साथ इमोशनल फिल्म भी है. जब भी इंटेस सीन हो रहा था. भले ही हमारे साथ में सीन नहीं होते थे लेकिन हम एक दूसरे के लिए रुकते थे ताकि बाद में हमारे परफॉर्मेस में हमें मदद मिली.
इस फिल्म में भाषा और माहौल बदलाव हैं कितनी तैयारी आपको करनी पड़ी.
वरुण का किरदार यूपी से है. मैं राजस्थान से हूं. मैं कोटा की हूं. वहां ज्यादा बिहारी या भोजपुरी नहीं बोलेते है बस हल्का सा टोन होता है. ज्यादा रिसपेक्ट में बोलते है. हम में बात करते हैं. हमने सोचा था कि टीचर रखेंगे लेकिन निर्देशक शशांक ने ऐसा करने को मना कर दिया उनका कहना था कि सब डायलॉग में है .बस एटीटयूड लाना है.
आप इस किरदार से कितना कनेक्ट करती है. क्या आपको भी आपका जीवनसाथी आपसे ज्यादा सक्सेफुल चाहिए.
बात सिर्फ सक्सेसफुल की नहीं है. वो आपकी बात समझे यह बेहद जरुरी है. इज्जत उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है. फिल्म के एक संवाद में भी यही बात कही गयी है. वो ही इस फिल्म का एंसेस है. प्यार ऐसा शब्द बन गया है जिसका हम जमकर इस्तेमाल करते रहते हैं. प्यार तो हम आज अपने मोबाइल फोन को भी करते हैं. इस किरदार के इज्जत वाली बात बात से मैं ज्यादा कनेक्ट करती हूं. इसके अलावा वह फेमिनिस्ट है लडका लड़की में भेद नहीं समझती है. स्पंकी है. अपने लिए स्टैंड लेती है. यह सब मेरे लिए खास है. इन बातों पर मैं भी कनेक्ट करती हूं.
सिद्धार्थ हो या वरुण दोनों के साथ आपकी केमिस्ट्री खास है आप सबसे ज्यादा किसकी कंपनी इंज्वॉय करती हैं.
(हंसते हुए )मैं वो नहीं बोलूंगी. हां मैं मैं चाहती हूं कि मेरे ऐसी ही केमिस्ट्री मेरे आनेवाले कोएक्टर रणबीर कपूर और रणवीर सिंह के साथ भी हो.
रियल लाइफ में आप किस तरह की दुल्हनियां बनेंगी.
दुल्हनियां दूर की बात हूं. मैं अभी सिर्फ चौबीस साल की हूं. पांच सात साल तक शादी का बिल्कुल भी इरादा नहीं है. हां जब दुल्हनियां बनूंगी तो बहुत शांत वाली बनूंगी. मै सिंपल वेडिंग करूंगी. डेस्टिनेशन वेडिंग तो क्या वेडिंग. मैं उस तरह से शादी नहीं करने वाली हूं. बस रिसेप्शन दे दूंगी.
करन जौहर के साथ आपने और वरु़ण ने अपने कैरियर की शुरुआत की थी, आज आप स्टार बन चुके हैं क्या इक्वेशन बदला है.
करन ने हमे लॉन्च उनके लिए कभी स्टार या एक्टर नहीं बनेगें. हमेशा बच्चे ही रहेंगे. मैं वरुऩ और सिद्धार्थ हम तीनों उनके लिए वहीं रहेंगे. जो पहली फिल्म में थे. मैं करन की शुक्रगुजार हूं जो उन्होंने मुझे एक्ट्रेस के तौर पर मौका दिया.
बायोपिक फिल्में इन दिनों ट्रेंड में हैं. आप किन फिल्मों से जुड़ना चाहेंगी.
मुझे नीरजा के बारे में सबसे अच्छी बात यह लगी थी कि वह सीखने वाली फिल्म थी. नीरजा नाम की एक औरत थी. आप उसके नाम को सुने चुके थे लेकिन कहानी के बारे में ज्यादा पता नहीं था. मैं भी ऐसी ही किसी शख्सियत की कहानी को करना चाहूंगी. बीते दौर की मशहूर सिंगर नाजिया हसन की बहुत कम उम्र में मौत हो गयी. मुझे पता करना है कि उनकी कहानी क्या थी. अगर उनके उपर कोई फिल्म बनें और मुङो एप्रोच किया जाए तो मैं जरुर करना चाहूंगी. वो भी यंग थी. मैं भी यंग हूं.
रिमेक का चलन हैं आप अपने पिता की किस फिल्म के रिमेक में काम करना चाहेंगी.
दिल है कि मानता नहीं बहुत खूबसूरत कहानी है हां थोड़ा चेंज करना होगा लेकिन कौन करेगा यह मुश्किल है क्योंकि जूते कौन खाएगा. इसमे प्रेशर बहुत होता है. कभी निर्माता के तौर पर मैंने काम किया तो उस फिल्म से मैं शुरुआत करना चाहूंगी. मैं निर्देशन की जिम्मेदारी शकुन बत्र को दूंगी. उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है. उनमें ह्यूमन इमोशन की समझ भी बहुत अच्छी है.
इस फिल्म में तम्मा तम्मा गीत का इस्तेमाल किया गया है, सरोज खान ने कहा कि आलिया माधुरी नहीं बन सकती हैं.
सरोज जी ने सही कहा कि वैसे मैं क्यों माधुरी बनना चाहूंगी. माधुरी दीक्षित के जूते में नहीं घुसना है. मेरे जूते आसान हैं. उनके मुश्किल है. तम्मा तम्मा हमेशा माधुरी, संजय सर का ही गाना रहेगा. उस गाने को इस फिल्म में रिवाइव नहीं बल्कि रिक्रिएट किया गया है. हम ओरिजिनल आवाज को रखा है. कुछ बदलाव किया भी है तो पुरानी चीजों का ही इस्तेमाल किया है. अमीन सयानी की आवाज इसी का उदाहरण है.