शाहरुख खान जानते हैं : डर के आगे जीत है…
मुंबई: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने हाल ही में इंडस्ट्री में अपने 25 साल पूरे करने का जश्न मनाया था. इन 25 सालों में उनके सामने कई चुनौतियां आयीं जिसे उन्होंने काफी सहजता से लिया. रोमांटिक फ़िल्मों के किंग कहे जाने वाले शाहरुख हाल ही में आपने फिल्म ‘रईस’ में एक अलग ही किरदार […]
मुंबई: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने हाल ही में इंडस्ट्री में अपने 25 साल पूरे करने का जश्न मनाया था. इन 25 सालों में उनके सामने कई चुनौतियां आयीं जिसे उन्होंने काफी सहजता से लिया. रोमांटिक फ़िल्मों के किंग कहे जाने वाले शाहरुख हाल ही में आपने फिल्म ‘रईस’ में एक अलग ही किरदार में नजर आ चुके हैं.
आपको बता दें कि, बॉलीवुड में किंग के नाम से अपने को स्थापित करने वाले शाहरुख खान का जीवन काफी कष्टप्रद रहा है. उनके पीछे किसी का नाम नहीं था उन्होंने अपने अभिनय की बदौलत बॉलीवुड में यह मुकाम हासिल किया. वे अपने आप को स्मार्ट नहीं मानते थे लेकिन उनकी स्माइल और डिंपल उनके ट्रेडमार्क बन गये हैं.
मुंबई में उन्हें कई साल तक संघर्ष करना पड़ा. उनके अभिनय की शुरुआत फौजी नामक एक धारावाहिक से हुई. 80 के दशक में उन्होंने कुछ सीरियल्स किये जिनमें फौजी और सर्कस मुख्य हैं. जिसके बाद उन्हें फिल्म ‘दिल आशना है’ में पहला ब्रेक मिला. ‘दिल आशना है’ को लोग उनकी पहली फिल्म के रुप में जानते हैं लेकिन लेकिन ‘दीवाना’ पहले रिलीज हुई, इसलिए उनकी पहली फिल्म इसे ही माना जाता है. यह फिल्म हिट हुई.
इसके बाद हेमा मालिनी की फिल्म ‘दिल आशना है’ आई इसमें भी उनके अभिनय की जमकर तारीफ हुई. 1992 में राजकंवर के निर्देशन में बनी ‘दीवाना’ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और इसी फिल्म के बाद शाहरुख को इंडस्ट्री में पहचान मिली. इस फिल्म में अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित कलाकार का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया. डर, अंजाम और बाजीगर में नकारात्मक किरदार निभा कर उन्होंने काफी नाम कमाया.
1995 में यश चोपड़ा की डीडीएलजे से उनकी रोमेंटिक छवि को बल मिला और उनकी इस छवि ने शाहरुख को रोमांस के बादशाह के रूप में बॉलीवुड में स्थापित कर दिया. शाहरुख को आठ बार सर्वश्रेष्ट अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. मेहनत और लगन से काम करने के अलावा शाहरुख रिस्क लेने से भी कभी पीछे नहीं हटते. उन्होंने अपने बैनर तले भारत की सबसे महंगी फिल्म माने जाने वाली रा-वन का निर्माण किया हालांकि फिल्म सफल नहीं हो पायी.
इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि उनको शुरू में ही उनकी मां ने सिखाया था हार से डरना नहीं चाहिए. रा-वन के बाद भी उनकी कई फिल्में आईं. उनकी अंतिम फिल्म ‘रईस’ ने सफलता के झंडे गाड़े.