फिल्म : मशीन
निर्माता : पेन मूवीज
निर्देशक : अब्बास मस्तान
कलाकार : मुस्तफा बर्मावाला, कियारा आडवाणी, रोनित रॉय
रेटिंग : एक
बाजीगर से रेस तक कई थ्रिलर फिल्म बना चुके निर्देशक अब्बास मस्तान की जोड़ी इस बार मशीन लेकर आयी है. यह फिल्म उन्होंने अपने बेटे मुस्तफा को लांच करने के लिए ही बनायी है. फिल्म की कहानी की बात करें तो यह फिल्म रंश और सारा की प्रेमकहानी से शुरू होती है. पहली नजर में प्यार फिर इकरार और फिर शादी और उसके बाद फिल्म की असली कहानी शुरू होती है. जो कुछ हो रहा है उसके पीछे एक खास मकसद छुपा है. एक बदला. हालांकि फिल्म देखते हुए आप यह आप पहले ही दृश्य में इस मकसद को समझ जाते है. जो किसी भी थ्रिलर फिल्म की सबसे बड़ी खामी है.
फिल्म की कहानी बहुत कमजोर है. अब्बास मस्तान अपनी ही पुरानी फिल्मों से इस फिल्म में प्रेरित हुए हैं. इस फिल्म की कहानी कई बार खिलाड़ी और बाजीगर की याद दिला जाता है. फिल्म की लेंथ बहुत ज्यादा है. जिससे यह फिल्म को और ज्यादा बोझिल बना जाता है. प्यार, धोखा, बदला, रेसिंग कार, ग्रे किरदार सबकुछ वही पुराना बार-बार फिल्म में दोहराया गया फार्मूला इस फिल्म में जमकर इस्तेमाल किया गया है. फिल्म का शीर्षक कहानी की प्रस्तुति के साथ बेमेल सा लगता है.
अभिनय की बात करें तो मुस्तफा की यह पहली फिल्म है वह पूरी तरह से निराश करते हैं. न तो वह रोमांस ही कर पाए हैं न इमोशन और एक्शन दृश्य. कियारा आडवाणी अपनी भूमिका में जमी हैं. रोनित रॉय अपने किरदार के साथ न्याय करने में कामयाब रहे हैं. फिल्म के लोकेशन बहुत खूबसूरत है. यह फिल्म का एकमात्र अच्छा पहलु है. गीत संगीत की बात करें तो तू चीज बड़ी मस्त भी इसके गीत संगीत को मस्त नहीं बना पाया है. मशीन पूरी तरह से निराश करती है.