निर्माताओं ने गुलाब गैंग की सफलता पर लगाया प्रश्न चिन्ह
नयी दिल्ली: माधुरी दीक्षित एवं जूही चावला अभिनीत फिल्म ‘‘गुलाब गैंग’’ के निर्माताओं ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता की इस दलील का विरोध किया कि इस मूवी को दिखाया जाना ‘‘सतत मानहानि’’ है. निर्माताओं ने कहा कि बाक्स आफिस पर फिल्म असफल रही है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी डी अहमद और न्यायमूर्ति […]
नयी दिल्ली: माधुरी दीक्षित एवं जूही चावला अभिनीत फिल्म ‘‘गुलाब गैंग’’ के निर्माताओं ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता की इस दलील का विरोध किया कि इस मूवी को दिखाया जाना ‘‘सतत मानहानि’’ है. निर्माताओं ने कहा कि बाक्स आफिस पर फिल्म असफल रही है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी डी अहमद और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की पीठ ने कहा, ‘‘उनका (निर्माताओं का) कहना है कि फिल्म असफल रही है. इसका मतलब है कि लोग आपका (कार्यकर्ता का) जीवन देखने के लिए थियेटरों में नहीं जा रहे हैं. हम इसके प्रदर्शन पर रोक नहीं लगा सकते.’’ संक्षिप्त सुनवाई में सहारा वन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट लि. सहित निर्माताओं की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने कहा कि फिल्म बाक्स आफिस पर असफल रही क्योंकि उसको जारी करने को लेकर ‘‘अनिश्चितता’’ थी.
अदालत ने पिछले हफ्ते फिल्म के जारी होने पर एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा लगायी गयी रोक को हटा लिया था. यह रोक इस आधार पर लगायी गयी थी कि इस फिल्म में उत्तर प्रदेश स्थित सामाजिक कार्यकर्ता संपत पाल एवं उनके ‘‘गुलाबी गैंग’’ को अच्छे ढंग से पेश नहीं किया गया.पाल के वकील ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का नये सिरे से अनुरोध करते हुए आज कहा, ‘‘मैंने फिल्म देखी है. यह मेरे जीवन की घटना है तथा मैं अंत में हत्या के प्रयास के अपराध में जेल जाता हूं. यह सतत मानहानि है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बात पर भरोसा करिये, मैं यहां धन के लिए नहीं आया हूं. मैं धन के लिए मामला नहीं सुलझाउंगा. मैंने कानूनी माध्यमों के जरिये महिलाओं के मुद्दों के लिए हमेशा लड़ाई लडी है. मेरी मानहानि की जा रही है.’’
यह फिल्म का प्रदर्शन 7 मार्च को होना था लकिन पांच मार्च को एकल पीठ ने मानहानि याचिका पर संज्ञान लेते हुए इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में दो सदस्यीय पीठ ने फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक हटा दी थी.