मशहूर फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना का आज सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 70 साल के थे. विनोद खन्ना अपने समय में काफी डैशिंग और चार्मिंग हुआ करते थे. लड़कियां उनकी दीवानी थी. एक ऐसा भी समय था जब विनोद खन्ना का फिल्म में होना फिल्म का सफल होना माना जाता था. पर्दे पर उनकी धमाकेदार इंट्री और शानदार डायलॉग डिलीवरी पर लोग सीटियां बजाये बिना नहीं रह पाते थे.
70 के दशक में उन्होंने एंग्री यंगमैन अमिताभ बच्चन को कड़ी टक्कर दी. उस समय विनोद खन्ना की तुलना अमिताभ बच्चन से की जा रही थी. लंबे कद-काठी वाले दोनों ही अभिनेताओं की जोड़ी को पर्दे पर बेहद पसंद किया जा रहा था. दोनों ने ‘परवरिश’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘खून पसीना’, ‘हेरा फेरी’, ‘जमीर’ और ‘रेशमा और शेरा’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया था. अमिताभ और विनोद खन्ना का करियर उस समय चरम पर था. लेकिन अचानक विनोद खन्ना ने फिल्मी करियर को छोड़ ओशो की शरण में चले गये.
कहा जाता है कि अचानक उनकी मां का निधन होने के बाद वे काफी दुखी रहने लगे थे. इसी बीच उनकी मुलाकात ओशो से हुई. विनोद खन्ना, ओशो से इतना प्रभावित हुए उन्होंने फिल्मी करियर से सन्यास ले लिया और ओशो के शरण में चले गये. उन्होंने अपनी पत्नी से तलाक भी ले लिया था. वे अमेरिका जाकर ओशो के आश्रम में बस गये थे. ओशो ने उन्हें स्वामी विनोद भारती नाम दिया था.
विनोद खन्ना के जाने के बाद अमिताभ बच्चन ने एक के बाद कई हिट फिल्में दी. 5 साल बाद एक बार फिर विनोद खन्ना ने रुपहले पर्दे पर शानदार एंट्री की. उन्होंने फिल्म ‘इंसाफ’ से अपनी नयी पारी की शुरुआत की लेकिन तब अमिताभ बच्चन बहुत आगे निकल चुके थे और विनोद खन्ना का स्टारडम कहीं खो गया था.