मुंबई: वर्ष 1969 में अमिताभ बच्चन हिंदी फिल्मों में काम पाने की जुगत में लगे हुए थे, जबकि विनोद खन्ना अपनी पहली भूमिका पा चुके थे. बच्चन (74) नेशुक्रवार को भावनात्मक तौर पर लिखे गये ब्लॉग में कहा, मैं एक भूमिका पाने के लिए संघर्ष कर रहा था. कोई भी भूमिका और कहीं भी.
विनोद खन्ना के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए बच्चन ने लिखा कि वह अंजता आर्ट्स फिल्म की ‘मन का मीत’ में काम रहे थे. उनकी पहली मुलाकात अभिनेता सुनील दत्त के दफ्तर में हुई, जिन्होंने दोनों को 1971 में ‘रेश्मा और शेरा’ में रुपहले पर्दे पर जगह दी. बच्चन ने लिखा, एक बेहद खूबसूरत युवक, उनका शरीर जैसे सांचे में ढला था, उनकी चाल बेमिसाल भी और उन्होंने जैसे ही मेरी तरफ देखा उनके चेहरे पर एक विनम्र मुस्कान थी.
खन्ना के साथ अपनी 48 साल पुरानी दोस्ती को याद करते हुए बच्चन ने विनोद के करिश्माई व्यक्तित्व और हमेशा अच्छा सोचने की आदत का खास तौर से जिक्र किया. उनका आत्मविश्वास कमाल का था. उनकी मुस्कुराहट, उनकी खिलखिलाहट और जिंदगी को पूरी तरह जीने की आदत जैसे सबको अपना बना लेती थी. बच्चन का मानना है कि विनोद अपनी तरह के अलग ही व्यक्ति थे.
बच्चन ने लिखा कि विनोद की चाल में जो बात थी वह किसी और में नहीं. लोगों से भरे कमरे में विनोद की मौजूदगी अलग ही एहसास देती थी. उनके होने से जैसे आसपास की सारी फिजा रौशन हो जाती थी. किसी और के साथ ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ. गौरतलब है कि विनोद खन्ना का कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए गुरुवार को निधन हो गया. अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना ने बहुत सी फिल्मों में एक साथ काम किया.