पश्चिम में हिंदी फिल्मों को लेकर है रुढिवादी सोच: प्रियंका चोपड़ा
न्यूयॉर्क: अभिनेत्री प्रियंका चोपडा ने कहा है कि भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में पश्चिम में अब भी ‘‘बडी रुढियां’ मौजूद हैं और भारत में मुख्यधारा से कई कलाकारों को लंबे समय से बनी इन धारणाओं को धीरे-धीरे तोड़ने की जरुरत है. प्रियंका ने कहा, ‘भारत, हिंदी फिल्मों के बारे में बडी रुढिवादी सोच है. […]
न्यूयॉर्क: अभिनेत्री प्रियंका चोपडा ने कहा है कि भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में पश्चिम में अब भी ‘‘बडी रुढियां’ मौजूद हैं और भारत में मुख्यधारा से कई कलाकारों को लंबे समय से बनी इन धारणाओं को धीरे-धीरे तोड़ने की जरुरत है. प्रियंका ने कहा, ‘भारत, हिंदी फिल्मों के बारे में बडी रुढिवादी सोच है. अब और जागरुकता फैलाने की जरुरत है क्योंकि हिंदी फिल्मों का एक बडा उद्योग है लेकिन रुढियां अब भी मौजूद हैं.’
‘क्वांटिको’ स्टार ने कहा कि लोग भारतीय कलाकारों से उम्मीद करते है कि उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान ना हो, यहां तक कि वे अभिनय ना जानते हो और वे सिर्फ उनसे नाचने की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन रुढियों से आपको हमेशा लडना होता है और मुझे लगता है कि लोगों को शिक्षित करके और यह बताकर कि भारतीय कलाकार यह कर सकते हैं, इन रुढियों को तोडा जा सकता है.’
प्रियंका ने कहा कि उन्हें टीवी धारावाहिक ‘क्वांटिको’ में देखकर लोगों ने उनकी हिंदी फिल्में देखी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें यह समझ आया कि हिंदी फिल्में केवल गाने और नाचने वाली नहीं हैं.’ भारत में इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘बेवॉच’ में खलनायिका विक्टोरिया लीड्स की भूमिका निभाने वाली प्रियंका ने कहा कि वैश्विक मनोरंजन में विभिन्नता समय की जररत है.
यह विभिन्नता ना केवल भूमिकाओं में बल्कि अभिनेता-अभिनेत्रियों में भी होनी चाहिए. प्रियंका ने कहा कि वह जेम्स बॉन्ड का किरदार किसी महिला को निभाते हुए या किसी भारतीय अभिनेता को ‘भारतीय होने के ठप्पे के बगैर और सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर’ एक सुपरहीरो फिल्म में देखना चाहती है.