बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार (Akshay Kumar) आज फिल्म इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स में से एक हैं. अक्षय ने अपनी किस्मत खुद लिखी है. आज उनके नाम कई सुपरहिट फिल्में है, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. चांदनी चौक की गलियों में रहने वाला एक लड़का बॉलीवुड की गलियारों तक कैसे पहुंच गया, इसकी कहानी हम आपको बताते है.
अक्षय कुमार हर किरदार में फिट बैठते है, फिर चाहे वो कॉमेडी हो या देशभक्ति. एक्टर ने साल 1991 में ‘सौगंध’ मूवी से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा, लेकिन फिल्म खिलाड़ी से उनकी किस्मत चमकी. एक्टर को बचपन से एक्टिंग का शौक नहीं था, लेकिन किस्मत ने उनके लिए कुछ और प्लान किया था. उनका जन्म अमृतसर में हुआ था और उनका बचपन दिल्ली के चांदनी चौक गलियों में बीता.
अक्षय कुमार को पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने बैंकॉक में मार्शल आर्ट्स, थाई बॉक्सिंग सीखी. बैंकॉक में उन्होंने शेफ की भी नौकरी की. इसके अलावा एक्टर ने कोलकाता में एक ट्रैवल एजेंसी में काम किया. मुंबई में उन्होंने कुंदन के गहने भी बेचे. अक्षय मार्शल आर्ट्स के टीचर भी बने. इसी दौरान उन्हें एक फर्नीचर शोरूम के लिए मॉडलिंग करने का ऑफर और इसके लिए उन्हें अचेथ-खासे पैसे भी मिले. एक्टर पैसे देखकर काफी हैरान हो गए कि ये पैसे उतने थे, जितना वो टीजर बनकर पूरे महीने कमाते. इसके बाद उन्होंने मॉडल बनने का फैसला किया.
अक्षय कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे एक फ्लाइट छूटने की वजह से उनकी किस्मत बदल गई. दरअसल, उन्हें मॉडलिंग असाइनमेंट के लिए बेंगलुरु के लिए फ्लाइट लेनी थी और उन्होंने सोचा कि फ्लाइट सुबह 6 बजे के बजाय शाम को है. इस वजह से उनकी फ्लाइट मिस हो गई. जिसके बाद वो काफी निराश हो गए थे. फिर उन्होंने अपना पोर्टफोलियो लेकर मुंबई में नटराज स्टूडियो गए, जहां वो प्रमोद चक्रवर्ती की कंपनी के मेकअप मैन से मिले. जिसके बाद शाम के छह बजे तक उनके पास तीन फिल्में हाथ में थी. प्रमोद चक्रवर्ती की पहली फिल्म दीदार में उन्होंने काम किया था और उसके बाद एक्टर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.