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आलिया भट्ट: मां बनने से बढ़ी इम्पैथी, ‘जिगरा’ को साइन करने की ये थी वजह …. बयान ने जीता दिल

आलिया भट्ट ने मां बनने के अनुभवों को फिल्म 'जिगरा' के साथ जोड़ा, जिससे उनकी इम्पैथी बढ़ी और उन्होंने अपनी पहली किताब के लॉन्च के समय अपनी बेटी राहा के साथ की यह खास यात्रा साझा की.

By Sahil Sharma | June 21, 2024 12:59 PM
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जिगरा के सब्जेक्ट ने दिल को छुआ.…. तब लाइफ के बेस्ट फेज में थी फिल्म जिगरा को लेके आलिया भट्ट नए दिया ये बयान. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में, आलिया भट्ट ने राहा के बारे में बात की, कैसे रणबीर कपूर और वह हर बार अपनी छोटी बेटी के हर नए काम के लिए उत्साहित होते हैं और यह भी बताया की कैसे अब उनकी चॉइसेस उनके मदरहूड से प्रभावित होती हैं.

बीते रविवार अभिनेत्री ने अपनी पहली किताब “एड फाइंड्स अ होम” काे लॉन्च किया. इस आयोजन पर, आलिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे वह स्टोरी टेलर के रूप में अपनी बेटी राहा के लिए रीड करने के लिए नये नये तरीके बनाती हैं. कैसे उनके अभिनेता पति रणबीर कपूर और वह हर बार एक्साइटेड होते हैं, जब उनकी छोटी बेटी कुछ नया करती है.

Recently actress alia bhatt shared the poster of her upcoming movie jigra releasing on 11 october

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क्या जिगरा फिल्म साइन करने के पीछे का कारण भी वही था

हां, यह सही है. उस समय जब ‘जिगरा’ फिल्म मेरे पास आयी, तब मैं अपने सबसे प्रोटेक्टिव दौर से गुजर रही थी. शायद इसीलिए जब मैंने फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ा तो वो मुझे काफी पसंद आयी. फिल्म के सब्जेक्ट से मैंने सीधा कनेक्ट कर लिया मदरहूड एक ऐसी फीलिंग है, जिसको केवल एक मां समझ सकती है. बच्चे के हर नये किरदार से ये फीलिंग हमेशा बदलती और विकसित होती है. जैसे ही आपका संबंध अपने बच्चे के साथ फूलता है, मेरी इम्पैथी का लेवल काफी अधिक है, इसलिए जब भी मैं कोई स्क्रिप्ट चुनती हूं या कोई इंपोर्टेंट चीज पढ़ती हूं, मेरे लिये उससे कनेक्ट होना बेहद जरूरी होता है. उस फीलिंग की वजह से मेरे लिये चीजें डिसाइड करना आसान हो जाता है.

जो बदलाव हुआ है, वह यह है कि मेरी इम्पैथी और बढ़ गई है, मैं अब बहुत सेंसिटिव हो गई हूं. इसलिए अब परिवार से संबंधित कुछ भी… पहले भी मैं परिवारिक थी. आप अपने माता-पिता, अपनी बहन से प्यार करते हैं, लेकिन जब आप स्वयं माता-पिता बन जाते हैं, तो कुछ बदलता है. मुझे नहीं पता कि यह मेरे चुनावों को कैसे प्रभावित करता है.

क्या मां बनने ने इस किताब पर प्रभाव डाला?

यह किताब पांच साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए है, लेकिन जब मैंने राहा के लिए पढ़ना शुरू किया. मुझे लगता है कि मैंने उसकी आयु के आधार पर किताबें नहीं खरीदीं. कुछ किताबें मुझे भेजी गई थीं. मैंने उनके बारे में पढ़ा और कुछ किताबें खरीदीं. विचार यह है कि अपने बच्चों से बात करें, आप उन्हें कुछ फ़ीलिंग्ज़, शब्दों और एनर्जीज से भरना चाहते हैं. इस सब से कम्युनिकेशन बहुत अच्छे से होता है. 

पिछले 19 महीनों से, मैं हर रात राहा के साथ पढ़ाई कर रही हूं. यह मेरी सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक है. मैं उसके साथ कहानी सुनाने में बहुत एक्साइटेड होती हूं. अगर वहां जानवर हैं तो मैं उन सभी आवाजों को निकालती हूँ. वह जानवरों से प्यार करती हैं.

Alia bhatt

नई मां के रूप में मैंने कई खुशियां खोजी हैं. उसकी पर्सनालिटी रोज़ाना स्टेबल होती जाती है. यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है. जब वह जानवरों को पहचानती है या मेरे बाद बोलती है, तो यह उसकी पर्सनल ग्रोथ का ही साइन है जो मेरे लिए बहुत एक्साइटिंग होता है. उसका बात करना और बोलने के तरीके से मुझे बड़ी उत्सुकता मिलती है क्योंकि वह अब धीरे-धीरे एक व्यक्ति में बदल रही है. हर शाम जब भी रणबीर और मैं एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं, हम हमेशा राहा के बारे में बात करते हैं और दिनभर के विशेष पलों को याद करते हैं. माता-पिता के रूप में, आप हमेशा अपने बच्चे के साथ अनुभवों को साझा करने के लिए उत्सुक होते हैं. और इस से आगे चलके बच्चों के साथ एक स्ट्रांग बांड बनता है

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