Sam Bahadur: आनंद महिंद्रा और सचिन तेंदुलकर हुए सैम बहादुर बने विक्की कौशल के दीवाने, जानें तारीफ में क्या कहा
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी सैम बहादुर की तारीफ की. सचिन कहते है यह एक बहुत अच्छी फिल्म है. मैं विक्की के अभिनय से बहुत प्रभावित हुआ. स्क्रीन पर वास्तव में ऐसा लगा जैसे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ मौजूद थे.
Sam Bahadur: फिल्म “सैम बहादुर” ने भारत में बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत की और पहले दिन 5.50 करोड़ की कमाई की. मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विक्की कौशल भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में विक्की कौशल और इसमें फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा भी हैं. यह फिल्म मानेकशॉ के चार दशकों और पांच युद्धों के सैन्य करियर पर आधारित है, जिसमें 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनका नेतृत्व भी शामिल है. वहीं, 1 दिसंबर को दो प्रमुख फिल्में बॉक्स-ऑफिस पर आमने-सामने दिखी. रणबीर कपूर की एनिमल और विक्की की सैम बहादुर एक ही दिन रिलीज हुई. हालांकि, संदीप रेड्डी वांगा की एनिमल ने अपने प्रीमियर के दिन जबरदस्त कमाई की. जबकि सैम बहादुर ने बॉक्स ऑफिस पर केवल मामूली प्रदर्शन किया, लेकिन प्रदर्शन पूरी तरह से निराशाजनक नहीं था. इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा और सचिन तेंदुलकर ने फिल्म का रिव्यू किया है.
जानें आनंद महिंद्रा ने सैम बहादुर को लेकर क्या कहा
इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने सैम बहादुर को लेकर अपने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, “जब कोई देश ऐसी फिल्में बनाता है जो अपने नायकों की कहानियां बताती हैं तो एक शक्तिशाली पुण्य चक्र बनता है. विशेष रूप से सैनिकों और नेतृत्व और साहस की कहानियों के बारे में. गर्व और आत्म विश्वास लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. जब लोगों को पता चलता है कि उनके साहस की सराहना की जाएगी तो और अधिक नायक उभर कर सामने आते हैं.’’
There is a powerful virtuous cycle created when a country produces movies which tell the stories of their heroes. Especially about soldiers & narratives of leadership & courage. The pride & self belief of people multiplies. More heroes emerge when people know their courage will… pic.twitter.com/3196l2dPQM
— anand mahindra (@anandmahindra) December 1, 2023
सचिन तेंदुलकर ने सैम बहादुर की तारीफ की
वहीं, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी सैम बहादुर की तारीफ की. सचिन कहते है यह एक बहुत अच्छी फिल्म है. मैं विक्की के अभिनय से बहुत प्रभावित हुआ. स्क्रीन पर वास्तव में ऐसा लगा जैसे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ मौजूद थे. विक्की के बॉडी लैंग्वेज क़ाबिले तारीफ़ और अविश्वसनीय थी. यह सभी पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण फिल्म है. अपने इतिहास को जानने के लिए इस फ़िल्म को जरुर देखना चाहिए. बता दें कि 30 नवंबर को मुंबई में ‘सैम बहादुर’ की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. स्क्रीनिंग में फिल्म इंडस्ट्री सहित क्रिकेट की दुनिया के भी कई दिग्गज शामिल हुए थे. जहीर खान और अजित अगरकर के साथ ही साथ सचिन अपनी पत्नी अंजलि तेंदुलकर के साथ सैम बहादुर फिल्म देखा. स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें विक्की के साथ पोज देते हुए भी देखा गया.
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सैम बहादुर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
शुक्रवार को सैम बहादुर की हिंदी मार्केट में कुल 29.18% की ऑक्यूपेंसी देखी गई. सुबह के शो के दौरान, फिल्म ने हिंदी बाजार में 15.88% ऑक्यूपेंसी दर्ज की. हालांकि, जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, प्रतिशत में लगातार वृद्धि देखी गई. दोपहर के शो के दौरान 20.61% तक बढ़ गया, शाम के शो के दौरान 30.55% और रात के शो के दौरान 49.69% तक पहुंच गया. सैम बहादुर को रिलीज हुए दो दिन हो गए है और इसकी कमाई में सुधार देखी गई है. शुरुआती अनुमान के अनुसार फिल्म ने भारत में शनिवार को 9.25 करोड़ की कमाई की, जो इसके शुरुआती आंकड़े से बेहतर है. दूसरे दिन की कमाई से फिल्म का कुल कारोबार 15.5 करोड़ हो गया. फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई और इसने 6.25 करोड़ की कमाई की. सैम बहादुर, राजी की सफलता के बाद विक्की और मेघना के बीच दूसरा कोलाब्रेसन है, जिसमें आलिया भट्ट थीं. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई थी.
सैम बहादुर की कहानी
प्रभात खबर ने सैम बहादुर को ढाई स्टार दिया है. यह फिल्म फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की बायोपिक है, जिन्हे भारत के महान युद्ध नायकों में से एक माना जाता है. सेना के नायक की इस कहानी में वीरता और देशभक्ति फ़िल्म का आधार है. निर्देशिका मेघना गुलज़ार ने पूरी संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी के साथ इस परदे पर उतारा है, लेकिन यह फ़िल्म फ़ीचर फ़िल्म का फील कम और डाक्यूमेंट्री का फील ज़्यादा लिए हुए है. इसके साथ ही शैम बहादुर से जुड़ी जिन कहानियों को उन्होंने फ़िल्म में जोड़ा है. उनमें से लगभग सबकुछ इंटरनेट पर भी मौजूद है .यह फ़िल्म सैम बहादुर की बायोपिक है लेकिन कहानी 1933 में सीधे पहुंच जाती है. उनके बचपन, स्कूल और कॉलेज के दिनों और आर्मी से उनके जुड़ाव इन पहलुओं पर थोड़ा फ़ोकस करने की ज़रूरत थी.