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पे पर व्यू के सिस्टम से रिलीज होगी अनन्या पांडेय और ईशान खट्टर की खाली पीली.. क्या ये सिस्टम आइए जानते हैं..

महामारी के इस दौर में फिल्मों की डिजिटल रिलीज ने जोर पकड़ लिया है. हर शुक्रवार डिजिटल पर एक या दो फिल्में लगातार दस्तक दे रही हैं. गुलाबो सिताबो से लेकर सड़क 2 तक कई बड़े बैनर और स्टार्स की फिल्में लगातार रिलीज हुई हैं. आज ईशान खट्टर और अनन्या पांडेय की फ़िल्म खाली पीली की के नए पोस्टर के लांच होने के साथ साथ फ़िल्म की रिलीज तारीख की भी घोषणा हुई. यह फ़िल्म 2 अक्टूबर को डिजिटली रिलीज की जाएगी.

महामारी के इस दौर में फिल्मों की डिजिटल रिलीज ने जोर पकड़ लिया है. हर शुक्रवार डिजिटल पर एक या दो फिल्में लगातार दस्तक दे रही हैं. गुलाबो सिताबो से लेकर सड़क 2 तक कई बड़े बैनर और स्टार्स की फिल्में लगातार रिलीज हुई हैं. आज ईशान खट्टर और अनन्या पांडेय की फ़िल्म खाली पीली की के नए पोस्टर के लांच होने के साथ साथ फ़िल्म की रिलीज तारीख की भी घोषणा हुई. यह फ़िल्म 2 अक्टूबर को डिजिटली रिलीज की जाएगी. यह फ़िल्म ज़ीप्लेक्स पर रिलीज होगी. खास बात ये है कि इस फ़िल्म से एक नया सिस्टम शुरू होने जा रहा है पे पर व्यू सर्विस. क्या है ये पे पर व्यू सिस्टम. इससे क्या बदलाव फिल्मों की डिजिटल रिलीज पर आने वाले हैं. .ट्रेड विश्लेषक कोमल नाहटा से उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…

पे पर व्यू क्या है सिस्टम

इसके तहत भी फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर ही आएंगी लेकिन आप सब्सक्राइब हैं या नहीं तो भी फर्क नहीं पड़ेगा. आपको उस फिल्म को देखने के लिए पैसे देने ही पड़ेंगे. जैसे हमलोग पैसा देकर टिकट खरीद कर थिएटर में फ़िल्म देखते हैं।अब हमें घर में फ़िल्म देखने के लिए टिकट खरीदना होगा मतलब पैसे देने होंगे. इसे ही पे पर व्यू या टीवीओडी कहते हैं ट्रांसजेक्शन वीडियो ऑन डिमांड. अभी ये सिस्टम कितना सफल होगा ये वक़्त ही बताएगा.

इसके पीछे की सोच

इंडस्ट्री के निर्माता सोच समझकर ये पे पर व्यू का सिस्टम शुरू कर रहे हैं. सभी को पता है कि सिनेमाघर कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएंगे लेकिन दिक्कत वही रहेगी कि क्या इतने लोग थिएटर में आएंगे क्योंकि कोरोना अभी तक गया नहीं है और एक डेढ़ महीने में इसके पूरी तरह से खत्म होने के आसार भी नहीं हैं. ऐसे में इंडस्ट्री चाहती है कि थिएटर के साथ साथ घर में भी दर्शक पैसे देकर फिल्में देखें. पैसा कहीं से भी आए बस आना चाहिए.

अगर ऐसे ही फ़िल्म डिजिटल पर सब्सक्राइबर के लिए रख देते हैं जैसे अब तक रखते आए हैं तो थिएटर में कोई फ़िल्म देखने नहीं जाएगा. थिएटर निर्माताओं की पहली प्राथमिकता अभी भी है. पे पर व्यू का सिस्टम वो एक दो हफ्ते रखेंगे फिर किसी एक ओटीटी प्लेटफार्म पर सब्सक्राइबर के लिए फिल्म छोड़ देंगे जैसे शकुंतला देवी या सड़क 2 रिलीज हुई थी. हालांकि अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि पे पर व्यू का जो सिस्टम है. वो कितने हफ्ते के लिए रखना है.

कामयाबी से लेना देना नहीं

डिजिटल पर फिल्मों की रिलीज को लगभग तीन महीने हो गए हैं. कौन सी फिल्में सफल हुई है. कौन सी नहीं यह अब तक साफ नहीं हो पाया है. पे पर व्यू से क्या ये आसान हो जाएगा. क्या ये सोच भी निर्माताओं के जेहन में. इस पर कोमल नाहटा बताते हैं कि निर्माता को कामयाबी से कोई लेना देना नहीं है. उसको फिल्मों के लिए ओटीटी से अच्छी डील मिल गयी उनके लिए वही कामयाबी है।उसके बाद ओटीटी प्लेटफार्म जाने. अभी निर्माता पूरी तरह से इस सोच में हैं कि सिनेमा खुलने के बाद भी किस तरह से हम ओटीटी का फायदा लें और पे पर व्यू उन्हें बहुत अच्छा विकल्प नज़र आ रहा है. जहां वे थिएटर के साथ साथ अपनी फिल्म रिलीज कर सकते हैं.

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