Anupam Kher video on middle class family : बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर (Anupam Kher) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. अनुपम खेर आए दिन मजेदार पोस्ट शेयर करते रहते हैं. अब एक्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक्टर मिडिल क्लास वालों की कहानी बता रहे है. उनका ये जबरदस्त वीडियो आप भी देखें.
अनुपम खेर ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो को शेयर कर उन्होंने जो लिखा है, वो सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. एक्टर लिखते है, भारतीय मिडिल क्लास की कहानी…दोस्तों! मैं पैदा हुआ लोअर मिडिल क्लास में. जैसे तैसे मेहनत करके पहुंचा अपर मिडिल क्लास में। ये लाइनें मेरे दिल की गहराइयों से निकलीं हैं. आप सुनेंगे और शर्तिया मुस्कुराएंगे. क्योंकि ये हम सबकी कहानी है. सुनिए, मुस्कुराइए और शेयर करिए, जय हो.”
भारतीय मिडिल क्लास की कहानी…
दोस्तों! मैं पैदा हुआ लोअर मिडिल क्लास में।जैसे तैसे मेहनत करके पहुँचा अपर मिडिल क्लास में।ये लाइनें मेरे दिल की गहराइयों से निकलीं है।आप सुनेंगे और शर्तिया मुस्कुराएँगे।क्योंकि ये हम सबकी कहानी है! सुनिए, मुस्कुराइए और शेयर करिये! जय हो! 🙏😍🥸🤣 pic.twitter.com/vqgThzzasr— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 31, 2021
इस वीडियो में अनुपम खेर मिडिल क्लास फैमिली की खूबियां गिना रहे हैं. वो वीडियो में कहते है, मिडिल क्लास लोगों की आधी जिंदगी झड़ते हुए बाल और बढ़ते हुए पेट को रोकने में ही चले जाती है. दोस्तों इन घरों में पनीर की सब्जी आम तौर पर भी तभी बनती है, जब दूध गलती से फट जाता है और मिक्स वेजिटेबल की सब्जी भी तभी बनती है, जब रात वाली सब्जी बच जाती है.
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आगे वो वीडियो में कहते है, इनके यहां फ्रूटी, कोल्ड ड्रिंक और बियर की बोटल भी एक साथ तभी आते हैं, जब घर में कोई बढ़िया अपर क्लास वाला रिश्तेदार आ रहा होता है. छानते समय चाय की पत्ती को दबाकर लास्ट बूंद तक निचोड़ लेना ही, मिडिल क्लास वालों के लिए परम सुख की अनुभूति होता है. यह लोग रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल नहीं करते ना जी ना, सीधा अगरबत्ती जला लेते हैं. मिडिल क्लास भारतीय परिवार के घरों में गेट-टुगेदर नहीं होता है, यहां सत्यनारायण भगवान की कथा होती है. इनका फैमिली बजट इतना सटीक होता है कि सैलरी अगर 1 तारीख की बजाए 2 तारीख को मिल जाए, तो गुल्लक फोड़नी पड़ती है.
अंत में वीडियो में अनुपम खेर कहते है, दोस्तों इन सब के बावजूद आमतौर पर मिडिल क्लास के मां-बाप ही अपने सपनों को अधूरा छोड़कर अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने की पूरी कोशिश करते हैं. ताकि जैसे-तैसे मिडिल क्लास से वो बाहर निकल सकें. इसलिए मिडिल क्लास वालों की जय हो.”