Exclusive: जानिए किनकी वजह से अर्जुन कपूर ने शानदार बॉडी बनायी… खुद किया खुलासा
अर्जुन कपूर इन दिनों अपनी फिल्म एक विलेन रिटर्न्स को लेकर चर्चा में है. अर्जुन फिल्म के प्रमोशन में लगे हुए है. मूवी में उनके साथ जॉन अब्राहम, तारा सुतारिया और दिशा पाटनी अहम किरदार में दिखेंगे.
अभिनेता अर्जुन कपूर की फ़िल्म एक विलेन रिटर्न्स इस शुक्रवार सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. इस फ्रेंचाइजी फ़िल्म को अर्जुन कई मायनों में अपने लिए अलग करार देते हैं. इस फ़िल्म में अर्जुन एक बार फिर सिक्स पैक में नज़र आ रहे हैं. इस फ़िल्म,उनके फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन सहित कई पहलुओं पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत.
एक अरसे बात आपकी कोई फ़िल्म थिएटर में रिलीज हो रही है,मौजूदा परिदृश्य में हालात काफी बदले हुए हैं?
ये तो होम कमिंग वाली फीलिंग है. हमेशा से मेरी फिल्में थिएटर में ही रिलीज होती आयी है. हां,दो साल के अंतराल के बाद फ़िल्म रिलीज हो रही है,तो एक नया सा अनुभव है. बदलते परिदृश्य को लेकर बहुत ही बातें हो रही, लेकिन जब तक मेरा अनुभव नहीं होगा. मैं कैसे अपनी बात रख पाऊंगा. जहां तक मुझे समझ आया है. परिवर्तन ज़्यादा नहीं आया है. लोग अब अपने टेस्ट को आसानी से बता पा रहे हैं. सिंगल स्क्रीन वाला जो दर्शक है,उसकी थोड़ी हमने अनदेखी भी की है. 2015 के बाद हमारा रुझान मल्टीप्लेक्स के दर्शकों की ओर ज़्यादा बढ़ गया था. सिंगल स्क्रीन वालों को एंटरटेनमेंट ओटीटी से भी एक हद तक नहीं मिला,जो मल्टीप्लेक्स वाले दर्शकों को मिला. ऐसे में उसने साउथ की डब फिल्मों की ओर रुख किया. जिसमें नाच-गाना,एक्शन और हीरोगिरी थी. हम खुद भी ऐसी फिल्में बनाते थे,लेकिन हमने उसे कहीं पीछे छोड़ दिया था. मौजूदा दौर ने बताया कि आप एक्सपेरिमेंट कीजिए ,लेकिन उस सिनेमा को भी भूलिए मत.
तो क्या अब आपकी प्राथमिकता लार्जर देन लाइफ किरदार होने वाले हैं?
मैं बंदिश में काम नहीं करना चाहता हूं. मुझे हर तरह के किरदार और कहानी को करना है. हां दर्शक बता सकते हैं कि एक एक्टर के तौर पर वह मुझे किस किरदार में ज़्यादा देखना पसंद करते हैं,लेकिन मैं हर तरह की कहानी और किरदार में खुद को एक्सप्लोर करना चाहता हूं.
एक विलेन रिटर्न्स एक एक्टर के तौर पर आपको क्या अलग करने का मौका दे रहा है?
मैंने अभी तक ऐसी फिल्म नहीं की है, जिसमें दो हीरो आपस में टकराएंगे. ऐसा सिनेमा मैंने अब तक नहीं किया था. इसके अलावा मैं पहली बार अर्बन स्पेस में एक्शन फिल्म कर रहा हूं. मैंने ज़्यादातर छोटे शहर वाले ही किरदार किए हैं. इस बार लंबे बाल करके पोनीटेल बांधना,बाइक चलाना, लेदर जैकेट पहनना यह सब मेरे स्क्रीन प्रेजेंस के हिसाब से भी अलग था. इश्कजादे में मैं एन्टी हीरो था,लेकिन एक विलेन रिटर्न्स का मेरा किरदार बिल्कुल अलग तरह का एन्टी हीरो है. उसे चाहिए कि लोग ,ससे नफरत करे. ऐसा किरदार मैंने पहली बार किया जिसे फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं. इस कदर ग्रे किरदार मैंने अब तक नहीं किया है.
जॉन अब्राहम के साथ ऑन स्क्रीन टकराने का कितना प्रेशर था?
मुझे उनके सामने खड़ा होना ही था, वरना फ़िल्म नहीं चलती थी. मेरा प्रेशर इतना ही था कि ये दोनों भिड़ेंगे और एक -दूसरे को बराबर की टक्कर देंगे. ये लोगों को मुझे कन्विंस करना था. ट्रेलर आने के बाद ढाई मिनट तो आपने ये बात मान ली कि एक दूसरे से तगड़ी बगावत करेंगे. आप अपने हम उम्र के साथ खड़े हो जाते हो या अनिल चाचू के साथ कॉमेडी करना. वो सब तुलना की बात नहीं थी. यहां आपको सीन लड़ाने थे. वो भी बेझिझक. आप कंफ्यूज हो तो फिर वो दिख जाएगा इसलिए प्रेशर था.
जॉन से भिड़ंत में किस चीज़ का सबसे ज़्यादा डर था?
एक्शन का मुझे डर नहीं था. डर था कि एक्शन करते हुए जॉन अब्राहम पर हावी हो पाऊंगा या नहीं. मारपीट आप एक विलन के साथ करते हो तो वो अलग बात है लेकिन जब आप एक हीरो के साथ करते हो तो वहां विजुवली आपको क्लिक करना पड़ता है.
इस फ़िल्म में आपने बॉडी भी बनायी है,जिसको लेकर एक अरसे से आप ट्रोल हो रहे थे?
मैंने बॉडी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए नहीं बनायी है. मेरे दर्शक जो टिकट खरीद कर मेरी फिल्म देखने जाते हैं. उनका फीडबैक था कि मुझे अपनी बॉडी पर काम करना चाहिए, तो उनके लिए मैंने मेहनत की है. ट्रॉल्लिंग को जवाब देने के लिए नहीं. ट्रोलिंग का क्या है कि आप दुनिया में सबसे अच्छी चीज़ कर लो, तो भी लोग आपमें बुराई ढूंढ लेंगे. कपड़े फाड़कर तो हर कोई हीरो बन सकता है. मुझे लगता है कि जो कपड़े पहनकर भी टफ लगे. वो हीरो है. बॉडी दिखाने के लिए नहीं बनाना था बल्कि ये फील भी लानी ज़रूरी थी कि मैं जॉन अब्राहम के सामने खड़ा हो सकता हूं.
ये फ़िल्म एक इंसान के नेगेटिव पहलू को सामने लेकर आती है,आप अपनी नेगेटिव बातें क्या मानते हैं?
मैं थोड़ा रीयलिस्टिक आदमी हूं तो हमेशा ये सोचता रहता हूं कि ये अच्छा होना चाहिए. मैं हमेशा अपने इमोशनल पक्ष को अपनी खामी मानता हूं लेकिन मेरे आसपास के लोग इसे मेरी सबसे बड़ी खूबी मानते हैं. इसके बावजूद मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा इमोशन पर कंट्रोल करना चाहिए. जहां ज़रूरत नहीं है.
क्या इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है?
कई बार,मैं बिछ जाता हूं. फैल जाता हूं. कई बार अपनी निजी जिंदगी के बजाय काम को बहुत ज़्यादा महत्व दे देता हूं. मुझे लगता है कि अपनी निजी जिंदगी,अपनी फैमिली और दोस्तों के लिए इमोशनल होना चाहिए,लेकिन मैं हर जगह हो जाता हूं. मैं सही तरीके से इसको इस्तेमाल करूं तो वो मेरी ताकत. कोई और इस्तेमाल करें तो वो मेरी कमज़ोरी है.
एक्टिंग की सबसे मुश्किल बात क्या लगती है?
सबसे मुश्किल बात है रिस्क लेना,जब लोग आपके काम को सराहते हैं,तो आपको लगता है कि ऐसा काम और ज़्यादा करूं जो हिट हो जाए तो रिस्क लेने से डरते हैं.
आपके परिवार और दोस्तों में कई इंडस्ट्री से हैं,तो क्या आप उनकी राय लेते हैं?
कल को कुछ बुरा हो, तो मैं उन्हें दोष नहीं देना चाहता हूं. कल को कुछ अच्छा कर गया तो मैं कन्फ्यूजन में नहीं रहना चाहता हूं कि ये मेरा फैसला नहीं था. क्या मैं अपने कैरियर के लिए सही फैसला नहीं कर सकता हूं. मेरे पापा,चाचू,जाह्नवी,मेरे दोस्त रणवीर और वरुण ये सब अपनी ज़िंदगी में कहीं और है. मैं कहीं और हूं,तो जो मुझे सही लगता है शायद उनके लिए ना हो, तो अपना फैसला मैं खुद लेना चाहता हूं.
शादी कब कर रहे हैं?
जब करूंगा, तो आपको पता चल ही जाएगा.
आपकी आनेवाली फिल्में?
लेडी किलर में मैं आपको एक अलग अंदाज में दिखूंगा. इसके अलावा कुत्ते भी है.