Arun Govil Birthday: जब ‘राम’ का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल से हुई ऐसी भूल, उठाना पड़ा स्टारडम का भारी खामियाजा

Arun Govil Birthday: रामानंद सागर की 'रामायण' से प्रसिद्ध हासिल करने वाले अरुण गोविल का आज जन्मदिन है. इस मौके पर आइए उनके मशहूर किस्से पर एक नजर डालते हैं.

By Sheetal Choubey | January 12, 2025 7:48 AM
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Arun Govil Birthday: अरुण गोविल… आज के समय में यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. टीवी एक्टर ने रामानंद सागर के पॉपुलर सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम के किरदार से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. उनके करियर के सिर्फ इस एक किरदार ने उन्हें देशभर में प्रसिद्धि दिलाई, लेकिन एक समय पर इसी किरदार की वजह से उन्हें काफी जिल्लत भी सहनी पड़ी थी. आज वह अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके आइए आज हम आपको उनके इस किस्से से रुबरु करवाते हैं.

असल जिंदगी में भी भगवान मानते हैं लोग

अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी, 1952 के दिन मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने अपना बचपन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गुजारा है. यहीं के आगरा यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएसई की डिग्री हासिल की है. उन्हें दुनियाभर में उनके भगवान राम के किरदार से ऐसी पहचान मिली है कि लोग उन्हें असल जिंदगी में भी राम की ही तरह पूजते हैं.

स्टारडम का उठाना पड़ा खामियाजा

अरुण गोविल को इस एक किरदार की वजह से जितना स्टारडम मिला, उतना ही उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा. दरअसल, यह किस्सा तब का है जब अरुण गोविल साल 1991 में एक्ट्रेस भानुमति के साथ तमिल फिल्म Sri Yedukondala Swamy की शूटिंग कर रहे थे. यह भी एक पौराणिक फिल्म थी, जिसमें अरुण गोविल बालाजी तिरुपति भगवान का रोल कर रहे थे. इस फिल्म की शूटिंग साउथ में चल रही थी. इस वक्त एक्टर को स्मोकिंग की तलब थी.

‘उन दिनों मैं सिगरेट पीता था…’

अरुण गोविल कुछ समय पहले ‘द कपिल शर्मा शो’ पर आए थे. यहां उन्होंने अपने स्मोकिंग वाला किस्सा साझा किया. उन्होंने अपनी तमिल फिल्म के सेट के किस्से के बारे में बताते हुए कहा था, ‘उन दिनों मैं सिगरेट पीता था. बहुत सिगरेट पीता था. तो लंच टाइम में जब मुझे सिगरेट की तलब हुई तो मैं स्टूडियो में पर्दे के पीछे कोने में कुर्सी डालकर मैं सिगरेट पी रहा था. इतने में एक सज्जन वहां आए. उन्होंने मुझे घूरकर देखा और उन्होंने अपनी भाषा में जितना भी बोलना था, वो सारा बोला और मुझे भाषा न समझ में आते हुए भी यह समझ में आ गया कि इन्होंने मन भरकर मुझे गालियां दी हैं.’

‘हम तो तुम्हें भगवान मानते हैं…’

अरुण गोविल ने उसके बाद, उस व्यक्ति को शांत होने के लिए कहा और किसी दूसरे आदमी को बुलाकर पूछा कि यह सामने खड़ा हुआ शख्स कहना क्या चाहते हैं. तब उस दूसरे व्यक्ति ने अरुण गोविल से कहा, ‘सर ये सज्जन यह कह रहे हैं कि हम तो तुम्हें भगवान मानते हैं. और तुम सिगरेट पी रहे हो? तुम्हें शर्म नहीं आती? अरुण गोविल के मुताबिक, वह आखिरी पल था जब उन्होंने सिगरेट पी और इसके बाद फिर उन्होंने कभी जिंदगी में स्मोकिंग नहीं की.

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