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बॉबी देओल ने भगत सिंह के जन्मदिवस पर उन्हें कुछ इस तरह किया याद, सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजली, वायरल हो रही है तस्वीर

अभिनेता बॉबी देओल ने शहीद भगत सिंह से जन्मदिन के अवसर पर सोशल मीडिया पर अपनी फिल्म 23 मार्च 1931 शहीद की तस्वीर लगा कर उन्हें याद किया है. आज शहीद भगत सिंह का 113वां जन्मदिन है. आपको बता दें 2002 में आई फिल्म 23 मार्च 1931 शहीद में बॉबी देओल ने भगत सिंह का किरदार निभाया था, इस फिल्म को उनके पिता धर्मेंद्र ने प्रोड्यूस किया था.

अभिनेता बॉबी देओल ने शहीद भगत सिंह से जन्मदिन के अवसर पर सोशल मीडिया पर अपनी फिल्म 23 मार्च 1931 शहीद की तस्वीर लगा कर उन्हें याद किया है. आज शहीद भगत सिंह का 113वां जन्मदिन है. आपको बता दें 2002 में आई फिल्म 23 मार्च 1931 शहीद में बॉबी देओल ने भगत सिंह का किरदार निभाया था, इस फिल्म को उनके पिता धर्मेंद्र ने प्रोड्यूस किया था.

बॉबी देओल ने सोशल मीडिया पर लिखा है

समय बदल जाएगा, साल बीत जाएंगे, लेकिन किंवदंतियां मजबूत रहेंगी, उन लोगों को प्रेरणा देती रहेंगी जो उनकी कहानियों को सुनते हैं और जो लोग खेल रहे हैं उन्हें बदल रहे हैं …

आज भी, मैं महान आत्मा की भूमिका निभाकर सम्मानित महसूस कर रही हूं

# भगतसिंह # 23 मार्च 1931 शहीद

फिल्म में बॉबी के भाई सनी देओल चंद्रशेखर आजाद के किरदार में नजर आए थे. फिल्म में बॉबी देओल के अलावा सनी देओल, अमृता सिंह, राहुल देव, सुरेश ओबेरॉय, शक्ति कपूर और दिव्या दत्ता जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में थे.

बता दें कि साल 2002 सिंह को लेकर कई फिल्में बनी थीं। एक में बॉबी देओल थे. फिल्म शहीद-ए-आज़म में सोनू सूद और द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह में अजय देवगन भगत सिंह बने थे. भगत सिंह बड़े क्रांतिकारी थे, इसकी एक झलक बॉलीवुड की फिल्मों में नजर आ चुकी है. भगत सिंह को लेकर बॉलीवुड ने कई फिल्में और गाने बनाए, जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया. भगत सिंह पर फिल्माए गए पुराने गाने आज भी युवाओं में जोश भर देते हैं.

शहीद भगत सिंह के बलिदान को भारत कभी नहीं भूल सकता है. बॉलीवुड में उनके जीवन पर कई फिल्में बनीं हैं. आपको एक बार फिर वो मामला याद दिला देते हैं जिसकी वजह से भगत सिंह को फांसी दे दी गई. साल 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता लाला लाजपत राय को पुलिस की लाठियों ने घायल कर दिया. इसके कुछ ही दिनों बाद उनका निधन हो गया। भगत सिंह ने इसका बदला लेने के लिए पुलिस सुपिरिटेंडेंट स्कॉट की हत्या करने की योजना बनाई. लेकिन एक गलती की वजह से स्कॉट की जगह पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या हो गई. इसी बीच उन्होंने असेंबली सभा में बम फेंक दिया. असेंबली सभा में बम फेंकने के मामले में पकड़े गए भगत सिंह को सांडर्स की हत्या के गंभीर मामले में अभियुक्त बनाकर फांसी दी गई.

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