फिल्म: छावा
डायरेक्टर: लक्ष्मण उतेकर
कास्ट: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार सिंह, डायना पेंटी
अवधि: 161 मिनट
रेटिंग: 4
‘छावा’ सिर्फ एक ऐतिहासिक कहानी नहीं, बल्कि मराठाओं के स्वाभिमान, बलिदान और युद्धकौशल का भव्य चित्रण है, जिसे लक्ष्मण उतेकर ने बखूबी पर्दे पर उतारा है. विक्की कौशल का संभाजी महाराज अवतार जबरदस्त है. अजय देवगन की दमदार आवाज में मुगलों और मराठाओं के इतिहास के परिचय के साथ फिल्म की शुरुआत होती है. पहला सीन औरंगजेब के दरबार का है, जहां यह खबर पहुंचती है कि छत्रपति शिवाजी महाराज अब नहीं रहे. यह सुनते ही मुगलों को जश्न मनाने का मौका मिल जाता है लेकिन तभी, उनके सबसे अहम शहरों में से एक बुरहानपुर में, जहां मुगल सैनिक निश्चिंत होकर बैठे होते हैं, अचानक जमीन हिलने लगती है. इस बीच विक्की कौशल की धांसू एंट्री होती है.
फिल्म का ये सीन है काफी दमदार
फिल्म का एक सीन होता है जिसमें 25,000 मराठा सैनिकों के सामने मुगलों की विशाल सेना है. औरंगजेब की बेटी जीनत-उन-निस्सा बेगम (डायना पेंटी) तंज कसते हुए कहती है, “इन से ज्यादा तौ हमारे पास बावर्ची हैं.” जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, मराठाओं की असली ताकत जो कि उनकी रणनीति और बुद्धिमानी है, खुलकर सामने आती है. फिल्म में चार बड़े युद्ध इतने जबरदस्त तरीके से दिखाए गए हैं कि हर लड़ाई अपने आप में इतिहास का एक बड़ा लम्हा लगती है. हालांकि सबसे बड़ा ट्विस्ट आता है जब छत्रपति संभाजी महाराज को अपने ही धोखा दे देते हैं. औरंगजेब ने संभाजी महाराज पर जो जुल्म किए, वो इतने भयानक हैं कि देखने वाले की रूह कांप जाए.
विक्की कौशल ने दिया गजब का परफॉर्मेंस
‘छावा’ में विक्की कौशल ने कमाल का परफॉर्मेंस दिया है. उनकी बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलीवरी, एक्सप्रेशन्स—सबकुछ एकदम परफेक्ट. रश्मिका मंदाना ने महारानी येसूबाई की भूमिका में अपनी अदाकारी से जान डाल दी. अक्षय खन्ना, औरंगजेब के किरदार में काफी जमे है. वह बिना कुछ कहे आंखों से बहुत कुछ कह जाते हैं. आशुतोष राणा ने मराठा सेना की ताकत और जोश को जबरदस्त अंदाज में पेश किया है. जबकि दिव्या दत्ता और डायना पेंटी ने काफी दमदार किरदार निभाया है. विनीत कुमार सिंह ने कवी कलश के रूप में कहानी में इमोशन्स की गहराई ला दी.
हर सीन प्लानिंग के साथ किया गया शूट
फिल्म के एक्शन सीन बेहद कमाल के बने हैं. हर सीन को इतनी बारीकी और प्लानिंग के साथ शूट किया गया है कि रोमांच बना रहता है. फिल्म का म्यूजिक महसूस करने के लिए बनाया गया है. कभी ये दिल को गहरे जज़्बातों में डुबो देता है, तो कभी लड़ाई के मैदान में जोश भर देता है. ये सिर्फ बैकग्राउंड स्कोर नहीं, बल्कि पूरी फिल्म की धड़कन है, जो हर सीन को और भी असरदार बना देता है.
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