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Sholay शब्द को लेकर 20 साल से अधिक चला केस, दिल्ली HC ने कहा-कोई भी इसका मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर सकता

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि, शोले एक प्रतिष्ठित फिल्म का टाइटल है, जिसे एक चिह्न के रूप में अपनी मर्जी से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2022 2:29 PM

अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और जया बच्चन स्टारर फिल्म ‘शोले’ (Sholay) ने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. फिल्म की कहानी, गाने, डायलॉग, सीन हर चीज बेहद खास थी. आज भी दर्शक इस मूवी के बारे में बड़े चाव से बात करते है. लेकिन इस बार ये किसी और वजह से चर्चा में है. दिल्ली हाई कोर्ट ने शोले नाम से अपना बिजनेस चलाने वाले को एक शख्स पर जुर्माना लगाया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने शोले को लेकर क्या कहा?

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि, शोले एक प्रतिष्ठित फिल्म का टाइटल है, जिसे एक चिह्न के रूप में अपनी मर्जी से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने लोगों द्वारा इसके टाइटल का व्यावसायिक इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा कि, ‘शोले’ जैसी कुछ फिल्में साधारण शब्दों की सीमाओं को पार करती है.

‘अगर कोई एक फिल्म है जो भारतीयों…’

कोर्ट ने ये आदेश भी दिया कि उस शख्स को फिल्म के निर्माताओं और शोले मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और सिप्पी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को 25 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. इसके लिए उन्हें तीन महीने का समय दिया गया है. कोर्ट ने ये भी कहा, अगर कोई एक फिल्म है जो भारतीयों के हर जेनरेशन को अट्रैक्ट किया है, तो वह ‘शोले’ है. ये फिल्म, इसके कैरेक्टर, संवाद, सेटिंग्स और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन जबरदस्त है. बेशक ‘शोले’ सबसे बड़ी, रिकॉर्ड-तोड़ फिल्मों में से एक है.

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20 साल तक केस चला

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि, टाइटल और फिल्में ट्रेडमार्क कानून के तहत मान्यता प्राप्त करने में सक्षम है. न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला 20 सालों से अधिक समय तक लड़ा गया था और प्रतिवादियों द्वारा अपनी वेबसाइट आदि पर फिल्म की डीवीडी बेचने के लिए ‘शोले’ के निशान को अपनाना स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण और बेईमान था और लागत के रूप में 25 लाख रुपये दिए गए थे.

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