Emraan Hashmi: डिज्नी प्लस हॉटस्टार प्लेटफार्म पर इन दिनों वेब सीरीज शोटाइम स्ट्रीम होने वाली है. बॉलीवुड में नेपोटिज्म और पावर के खेल को दर्शाती इस ड्रामा सीरीज में अभिनेता इमरान हाशमी अहम भूमिका में है. इस सीरीज के निर्माण से करण जौहर की प्रोडक्शन कम्पनी धरमाटिक्स जुड़ी हुई है. इमरान इस सीरीज से जुड़ने की सबसे अहम वजह बॉलीवुड के इर्द गिर्द बनी इसकी दुनिया और अपने ग्रे किरदार को करार देते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.
बार्ड ऑफ ब्लड के तीन सालों बाद आप किसी वेब सीरीज से जुड़े हैं, इस दूरी की वजह क्या थी ?
अगर मुझे अच्छा मौका मिला तो मैं साल में 3 से 4 शो करना पसंद करूंगा. हर चीज में समय लगता है और फिल्मों को लेकर भी शेड्यूल होता है, तो यह सब अवसरों पर निर्भर करता है कि कौन सी स्क्रिप्ट मुझे ध्यान में रखकर मेरे पास आ रही है ,जिसके बाद फिर मैं चयन करता हूं. मुझे ओटीटी पर ऑफर्स मिले लेकिन वे दिलचस्प या लीक से हटकर नहीं थे. जब इस शो का ऑफर तो मुझे यह दुनिया पसंद आयी. मैं खुद भी इसका हिस्सा हूं. बॉलीवुड की दुनिया की ओर दर्शक हमेशा से आकर्षित रहे हैं. इसमें चुंबकीय गुण होता है।क्रिकेट और बॉलीवुड हमारे दर्शकों के लिए धर्म हैं, इसमें बहुत सारा कंटेंट है. जिसे अलग – अलग तरीके से दर्शाया जा सकता है.
आप खुद फिल्मी परिवार से आते हैं, इस शो की दुनिया और उसमें कितना समानता आप पाते हैं ?
मैं फिल्मी परिवार से हूं, लेकिन मेरे परिवार में फिल्मों को लेकर माहौल नहीं था।जब मैं पैदा हुआ तो मेरी दादी, जो एक अभिनेत्री थीं, ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी थी. उन्होंने आखिरी कुछ फिल्में तब की होंगी जब मैं स्कूल में था. नाम में उन्होंने संजय दत्त की मां का किरदार निभाया था. वे आखिरी कुछ फिल्में थीं इसलिए जब मैं बड़ा हो रहा था तो मैं कभी सेट पर नहीं गया. कभी-कभी जब मैं सेट पर जाता था, तो मुझे एहसास होता था कि हमारी इंडस्ट्री में अच्छे लोग भी हैं और बुरे लोग भी. यह सबसे बड़ी आंखें खोलने वाली बात है। आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और हर फिल्म से आपको नई चीजें सीखने को मिलती हैं. जब आपको लगता है कि आपने कला में महारत हासिल कर ली है तो अचानक आपको एहसास होता है कि आप अपना काम नहीं जानते हैं, तो आपको अपने काम से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
क्या इंडस्ट्री में नेपोटिज्म हावी है ?
मैं बताना चाहूंगा कि फुटपाथ में सपोर्टिंग एक्टर की भूमिका से मेरी शुरुआत हुई थी. कोई बड़ी लॉन्चिंग मेरी नहीं थी , लेकिन हाँ बाहर के किसी लड़के को उस एक मौके लिए भी कई सालों का इंतजार करना पड़ता था. निपोटिज्म हर इंडस्ट्री में है, सभी जगह अपने करीबियों और परिचित लोगों को ही मौका दिया जाता है, लेकिन यहां प्रतिभा को भी मौक़ा दिया जाता है. अगर आप में टैलेंट है , तो यहाँ आपको काम ज़रूर मिलेगा फिर चाहे आप आउटसाइडर ही क्यों ना हो.
सीरीज में आप आलोचनाओं से ठीक तरह से डील नहीं कर पा रहे हैं, निजी जिंदगी में आप कैसे डील करते हैं ?
निश्चित रूप से आप कुछ आलोचनाओं से आहत होते हैं, विशेष रूप से वह कहां से आती है या आप अपने करियर के किस फेज से जूझ रहे हैं. जब मैंने पहले इंडस्ट्री में कदम रखा तो पहले पांच साल इन चीजों ने मुझ पर बहुत असर डाला था. फिल्म समीक्षाएँ और आलोचनाएं, विशेषकर जब वे व्यक्तिगत हो जाती हैं. वे आपकी कला के बारे में कम बोलते थे और आपके निजी जीवन पर अधिक बोलते थे ,तो बहुत बुरा लगता है , लेकिन अब मुझे पता है कि इससे कैसे निपटना है.
अक्सर आउटसाइडर के संघर्ष के बारे में इंडस्ट्री में बात होती है, इनसाइडर का संघर्ष क्या होता है ?
मुझे लगता है कि हर प्रोफेशन की अपनी बाधाएं होती हैं, जिनसे हर किसी को संघर्ष करना पड़ता है. मैं यह नहीं कह सकता कि मैं खास हूं और मैंने ही कठिनाइयों का सामना किया है. जीवन में हर किसी को इसका सामना करना पड़ता है, चाहे वो इनसाइडर हो या आउटसाइडर. मैं पिछले 20 सालों से इस इंडस्ट्री में हूं और मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं. आपको सफलता का सामना करना पड़ेगा लेकिन उसके साथ बने रहने और उसे बरकरार रखने के लिए संघर्ष भी करना होगा. फिर दूसरा पक्ष भी ये भी है, जब आपको असफलताएं देखने को मिलती है और आप चिंतित होते हैं कि आपको अगली फिल्म मिलेगी या नहीं. बहरहाल इस मामले में मैं लकी रहा हूं कि जब मेरी फिल्में नहीं चलीं तब भी किसी न किसी निर्माता ने मुझे मौका दिया और मेरी प्रतिभा पर भरोसा किया.
इंडस्ट्री में आपकी इमेज सिक्योर एक्टर की रही है, आप क्या कहेंगे ?
अगर कोई अभिनेता कहता है कि वह एक अभिनेता के तौर पर बहुत सिक्योर है,तो वह झूठ बोल रहा है. एक अभिनेता अपनी फिल्मों पर कितनी भी मेहनत कर ले, यह डर हमेशा बना रहता है कि दर्शक उसे स्वीकार करेंगे या नहीं. यह आपके हाथ में नहीं है इसलिए यह असुरक्षा हमेशा बनी रहती है. (हंसते हुए ) हां मैं उतना असुरक्षित नहीं हूं जितना कि कुछ अभिनेता हैं, जिनके साथ मैंने काम किया है. वैसे असुरक्षा भी व्यक्तित्व का ही गुण या कहे दोष ही होता है.
आपकी शादी इंडस्ट्री में आइडियल मानी जाती है ,आपकी सफल शादी का मंत्र क्या है ?
हर शादी में झगड़े होते हैं, किसी भी शादी में सबकुछ अच्छा नहीं होता है. यदि इसे जारी रखने का इरादा है तो आपको इस पर काम करते रहना होगा. हमने जो कसमें खाई थीं, वे आज भी हमारे बीच मजबूत हैं. ‘ऐसा कोई मंत्र नहीं है जो मैं दे सकूं, लेकिन हां अगर आप एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और आपके जीवन में स्पष्टता है कि आपको इसे कैसे जीना हैं, तो सच्चे और ईमानदार रहें. हो सकता है कि आपका नजरिया मेल न खाए लेकिन आपको काम करना होगा, आप इसे ऐसे ही खत्म नहीं कर सकते हैं.
आप साउथ की फिल्म में खलनायक के तौर पर नजर आनेवाले हैं?
नहीं, मैं साउथ की पवन कल्याण के साथ वाली फिल्म में विलेन का किरदार नहीं निभा रहा हूं. यह एक पैरेलल लीड है. मैंने कई जगह पढ़ा कि मैं विलेन होऊंगा लेकिन ऐसा नहीं है.
आपका बेटा बड़ा हो रहा क्या फिल्मों में उसका रुझान है ?
वह फिलहाल शतरंज के खेल में अच्छा कर रहा है. भविष्य मैं नहीं बता सकता हूं , लेकिन हां फिल्में देखना और उस पर बात करना उसे पसंद है.
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