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Diljit Dosanjh के साथ काम करने की ख्वाहिश है faridkot band की…म्यूजिक में एआई के इस्तेमाल पर कही ये बात

इंडी पॉप बैंड फरीदकोट अपने नए ईपी इब्दिता को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। इस ईपी और संगीत के भविष्य पर उन्होंने बातचीत की .

Faridkot band ने बीते दिनों अपना नया ईपी इब्दिता जारी किया है. यह ईपी पांच गानों से सजी हुई है. बैंड  फरीदकोट से जुड़े आईपी सिंह और राजर्षि सान्याल  इसे नए प्रयोग से जुड़ना  करार देते हुए कहते हैं कि पिछले कुछ समय से संगीत में दौर सिंगल का चल रहा है.लोग एक गाने को रिलीज करते हैं ,लेकिन हमने एक ईपी  में साथ पांच में गानों को जारी किया है. वे बताते हैं कि कोरोना की महामारी के बाद चीजें बदली हैं. संगीत में भी बदलाव आया है. लोगों का ज़्यादा समय तक  म्यूजिक सुनने की ओर रुझान बढ़ा है.कई आर्टिस्ट कई गानों के साथ ईपी  रिलीज कर रहे हैं. उनके इस ईपी और संगीत के दूसरे पहलुओं पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत

बैंड फरीदकोट की कोशिश म्यूजिक में  कुछ नया एक्सपेरिमेंट करने के हमेशा रहती है, इस ईपी के गानों में क्या अलग एक्सपेरिमेंट किया है ?

आईपी सिंह -हमारी ईपी का थीम लव है और यह प्यार किसी भी दो लोग के बीच हो सकता है. उसको केंद्र में रहकर हमने बहुत एक्सपेरिमेंट्स किये हैं, क्योंकि प्यार की दुनिया बहुत बड़ी है.  हमने पंजाबी गाने में सितार बजाया है.मुझे नहीं लगता है कि अब तक किसी ने ऐसा प्रयोग किया है. एक गाने में हमने बांसुरी का इस्तेमाल काफी अलग ढंग से किया है. साउंड में प्रोडक्शन एलिमेंट्स में नयी कोशिश तो की ही है. हमारी ईपी के आखिरी गाने में आपको चीज़ें गिरने की आवाज़ भी सुनाई देंगी।आमतौर पर जैसे घरों पर होता है.

जुबिन और राघव ने ईपी के गानों को अपनी आवाज़ दी है , उनके साथ को किस तरह से परिभाषित करेंगे ?

राजर्षि सान्याल -काफी मज़ा आया.  दोनों काफी अलग तरह से हैं.  एक जोश के साथ हैं, तो दूसरे में एक सुकून है. जुबिन ने गानों  में सुकून जोड़ा है , तो राघव ने चंचलता। दोनों  अपने – अपने एलिमेंट्स गाने में लेकर आये हैं.  उनके प्लेबैक सिंगिंग के बाद आँखें खुल कि गाना ऐसा भी लग सकता है.  दोनों बहुत  स्पिरीटेड म्यूजिशियन हैं. जितना हम म्यूजिक से प्यार करते हैं.  उतना वो भी करते है. नयी चीज़ करनी है.नए तरीके  कोशिश करनी है तो वह इसको लेकर बेहद उत्साहित थे , तो हमें बहुत मज़ा आया.

आपके म्यूजिक मेकिंग का प्रोसेस क्या होता है, मतभेद  को किस तरह से सुलझाते है ?

आईपी सिंह – ऐसा कोई फिक्स प्रोसेस नहीं  है. कई बार धुन पहले आ जाती है.  कई बार म्यूजिक पहले आ जाता है.  कई बार वर्ड्स पहले आ जाता है . अगर कंपोज़ करते हुए आइडियाज पर मतभेद होता है, तो पहले हम एक दूसरे से बहसबाजी करते हैं.  फिर हम समझते कि दोनों ही संगीत का  भला चाहते हैं.  थोड़े समय बाद हम उस गाने के ट्यून को हम रीविजिट करते हैं,  तो जो भी आईडिया संगीत को बेहतर लग रहा है. वो लिया जाता है .

आयुष्मान के साथ जेड़ा नशा गीत के कोलब्रेशन  का क्या फायदा मिला है और भविष्य में किस स्टार के साथ काम करना चाहते हैं ?

राजर्षि सान्याल -आयुष्मान की  फिल्म एन एक्शन हीरो में वह गाना जाएगा. वो हमें पता नहीं था. दो से तीन साल पहले हमने वो गाना बनाया था. हमने जब वह गाना फिल्म में सुना, तो हम बहुत  उत्साहित थे. वैसे  हमने आयुष्मान के साथ एक  शो में  काम किया है , तो वो हमारे बारे में जानते हैं.  उनकी खतरनाक फैन फ्लोइंग है ,तो  काफी लोगों तक वह गाना पहुंच गया. यह सबसे बड़ा फायदा हुआ.  जहाँ तक भविष्य में किस स्टार के साथ काम करने की ख्वाहिश की बात है , तो मैं दिलजीत पा जी का नाम लेना चाहूंगा.

मौजूदा दौर में हर फील्ड में ए आई का इस्तेमाल किया जा रहा है , संगीत में इसके इस्तेमाल का भविष्य किस तरह से आप देख रहे हैं ?

राजर्षि सान्याल – जब ऑटो ट्यून आया था, तब भी  लोगों ने कहा था कि संगीत दुनिया बर्बाद हो जायेगी .अब तो कोई भी गाएगा  और कोई भी हिट हो जाएगा .लेकिन वैसा नहीं हुआ. ए आई की आप मदद ले सकते हैं जब कहीं आप अटक गए.. ये सब चीज़ें अभी भी हैं.  वेबसाइट आपको टेमपलेट बनाकर दे देगी.  आपका मूड.आपका जॉनर ये है.  ये लीजिये.  बीट्स ये रहेगी.  कॉर्ड स्ट्रक्चर ये रहेगा. एआई हो सकता है कि इन चीज़ों को  औरआसान कर दें,लेकिन म्यूजिक हमें ही बनाना पड़ेगा. ये बात भी सोचने वाली है कि इंसान ने ही एआई को  बनाया है.  इंसान की सोच  बहुत बड़ी  है.

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