Kishore Kumar Death Anniversary: जब मरने की एक्टिंग करते, सच में मौत को गले लगा बैठे किशोर दा
Kishore Kumar: सुरो के सरताज किशोर कुमार की आज पुण्यतिथि है. 13 अक्टूबर को उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसी दिन गायक अपनी बीवी के साथ मरने की एक्टिंग कर रहे थे और फिर
Kishore Kumar Death Anniversary: बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी, सुरो के सरताज, मजाकिया अंदाज और बिंदास मिजाज. इन चंद शब्दो से आप समझ ही गए होंगे कि हम बात किशोर कुमार की कर रहे हैं, जिनके बिना संगीत अधूरा है. जो भले आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज, उनकी कलाकारी आज भी हम सभी के दिलों में एक खास जगह बनाए हुए है. आज उसी दिग्गज कलाकार की पुण्यतिथि है. इस मौके पर आज हम उनकी मौत से जुड़ी एक दिलजस्प किस्से के बारे में बताएंगे, जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे.
किशोर कुमार का म्यूजिक डेब्यू
किशोर कुमार ने अपने म्यूजिक करियर में लगभग सभी भाषाओं को मिलाकर 1500 से ज्यादा गाने गाए थे. उनकी खास बात यह है कि किशोर दा ने कभी भी संगीत की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी. उन्होंने साल 1946 में फिल्म शिकारी से अपना म्यूजिक डेब्यू किया था. उन्हें यह मौका अपने बड़े भाई अशोक कुमार की वजह से मिला था. किशोर कुमार ने बीबीसी के साथ इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने भाई अशोक कुमार के वजह से एस.डी.बर्मन से मिले थे. वहां उन्होंने एसडी बर्मन को उनका ही गाया एक बंगाली गाना सुनाया था. किशोर कुमार का गाना सुनकर सचिन दा हैरान रह गए थे और उन्होंने किशोर से कहा कि, “तुम मुझे कॉपी कर रहा है. मैं इसे निश्चय ही गाने का मौका दूंगा.”
जिंगल गाने से मना किया तो बैन हुए गाने
किशोर कुमार के गानों को इंदिरा गांधी की लगाई गई इमरजेंसी के दौरान बन कर दिया गया था. इसकी वजह यह थी की किशोर कुमार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से फोन करके कहा गया था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक प्रोग्राम के लिए जिंगल गाए. जिसे किशोर दा ने मना कर दिया. उन्होंने इंदिरा गांधी से बताया था कि वह दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं और डॉक्टर ने उन्हें आराम करने ही सलाह दी है. जिसके बाद किशोर कुमार के खिलाफ सरकार ने दांव खेला और उनके सभी गानों को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिया था.
मरने की एक्टिंग करते सच में मर गए किशोर दा
किशोर कुमार ने 13 अक्टूबर 1987 को 58 साल की उम्र में दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. उनकी मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी. उस दिन उनकी पत्नी लीना चंदावरकर घर पर ही थीं. जब सुबह सुबह वह किशोर कुमार को उठाने गईं, तो देखा चेहरे का रंग उतरा हुआ था. जिसे देखकर वह घबरा गई और जैसे ही उनके पास पहुंचीं तो किशोर दा ने तुरंत आंखें खोलीं और कहा- क्या तुम डर गईं. आज मेरी छुट्टी है. उस वक्त किशोर कुमार जानबूझकर अपनी पत्नी को डराने के लिए सांस रोककर लेटे हुए थे. उस दिन उन्होंने अपनी पत्नी से लंच के दौरान कहा था कि आज मैं फिल्म ‘रिवर ऑफ नो रिटर्न’ देखूंगा.
हार्ट अटैक से हुई मौत
कुछ वक्त बाद जब कमरे से फर्नीचर किस खाने की आवाज आई तब किशोर कुमार की पत्नी उनके कमरे में पहुंची वहां उन्होंने देखा की किशोर कुमार बिस्तर पर पड़े हुए हैं. फिर अपनी पत्नी को देखकर उन्होंने कहा कि, “मुझे बहुत कमजोरी लग रही है.” जैसी ही लीना डॉक्टर बुलाने के लिए टेलीफोन के पास पहुंची तो किशोर कुमार ने उन्हें रोक दिया और कहा, अगर तुम डॉक्टर को बुलाओगी तो मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा. इस बार लीना को लगा कि वह फिर से मजाक कर रहे हैं, लेकिन कुछ वक्त बाद वह सच में दुनिया को अलविदा कह चुके थे.
किशोर दा भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी कलाकारी आज भी हमारे दिलों और जुबान पर चढ़ा हुआ है. ऐसे दिग्गज कलाकार को प्रभात खबर की और से नमन.