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मैंने कभी अपने काम और ऑडियंस को फॉर ग्रांटेड नहीं लिया है: यामी गौतम

यामी गौतम ने ओएमजी 2 को लेकर कहा कि मेरा मानना है कि हमेशा एक अच्छी फिल्म का हिस्सा बनूं, न कि सिर्फ एक प्रोजेक्ट की. सोशल मेसेज और समाज को लेकर प्रासंगिक फिल्में महत्वपूर्ण हैं.

यामी गौतम लगातार बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रही हैं. एक बार फिर से वह ओएमजी 2 में वकील की भूमिका निभा रही हैं, उनका मानना है कि उन्होंने आज तक अपना बेस्ट परफॉरमेंस दिया है. पेश है उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के अंश…

आपने ओएमजी 2 को हां क्यों कहा?

मैं किसी भी फिल्म को हां कहने के लिए तीन बातों का खास खयाल रखती हूं, स्क्रिप्ट, निर्देशक और मेरा किरदार. कोविड के दौरान अक्षय सर ने मुझे कॉल किया था और उन्होंने पूरी स्टोरी सुनाई थी. उनके साथ डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी भी थे. निर्देशक और लेखक अमित राय की फिल्म है. अक्षय सर ने मुझे कहा कि यह मेरे लिए अभी तक की बेस्ट स्क्रिप्ट होगी. लेकिन मैंने उन्हें कहा कि सर मैं लेकिन फिर भी पहले स्क्रिप्ट पढ़ना चाहूंगी, ताकि मैं अपने किरदार को समझ सकूं.

यानी अक्षय कुमार को भी आपको मनाने के लिए एक अच्छी स्क्रिप्ट रखनी ही होगी?

मेरा मानना है कि हमेशा एक अच्छी फिल्म का हिस्सा बनूं, न कि सिर्फ एक प्रोजेक्ट की. सोशल मेसेज और समाज को लेकर प्रासंगिक फिल्में महत्वपूर्ण हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि अक्षय कुमार का नाम और ब्रांड काफी बड़ा है, लेकिन मैं तभी कॉन्फिडेंट होती हूं, जब मुझे एक अच्छी स्क्रिप्ट मिलती है. मेरा जानना जरूरी है कि मैं एक फिल्म का हिस्सा क्यों हैं.

आपके स्क्रिप्ट के चुनाव में आपको आपके पति और निर्देशक आदित्य धर से कितनी मदद मिलती है

जहां तक बात है ओएमजी 2 की तो, जब मैंने इस फिल्म का नैरेशन सुना था. उस वक्त मैं शादी कर चुकी थी. मुझे याद है कि अक्षय सर ने जब मुझसे दोबारा बातचीत की तो वो चौंक गए थे कि मैं शादी कर चुकी. मैं और आदित्य एक दूसरे के साथ सबकुछ शेयर करते हैं हमारी जिंदगी के बारे में. मैं उनकी सारी स्क्रिप्ट पढ़ती हूं. वो मेरी नहीं पढ़ते हैं. लेकिन उन्हें ऊपर ऊपर पता है कि फिल्म क्या है, मेरा उसमें रोल खा है. मुझे आदित्य ने एक बात हमेशा बोली है कि मुझे कोई भी स्क्रिप्ट जब मिले तो उसे बार बार पढ़ना जरूरी है, जब भी मैं स्क्रिप्ट पढ़ती हूं उससे कुछ नया सीखने और जानने का मौका मिलता है और अब मैं नोट्स भी लेने लगी हूं, इससे मुझे एक्टिंग करने में सहूलियत होती है.

आप भगवान में कितना भरोसा करती हैं?

मैं गॉड बिलिवर हूं और मुझे लगता है कि हम सबके ऊपर कोई सुपर पॉवर है. मेरी मां को मैं जगत जननी कहती हूं क्योंकि उनके माध्यम से मैं कई नई चीजों को जान पाती हूं. मुझे मेरी मां से बातचीत करने में मजा आता है. आप अगर हमारे पुराने कलाकृतियों को देखें तो वहां भगवान के बारे में काफी व्याख्या लिखी हुई दिखती है और स्पष्ट तरीके से बातें कही गई हैं. और हिमाचल की होने की वजह से मुझे विश्वास न हो ऐसा हो नहीं सकता है.

क्या आप कभी व्रत करती हैं?

हां एक बार नवरात्रि के दौरान फास्ट किया था. उस वक्त मैं शूटिंग भी करती थी. यह काफी कठिन था तो मेरी मां ने मुझे समझाया कि जितना हो सके उतना करो. लेकिन मैं अपने घर में दीया जलाती हूं. फिर मैंने कश्मीरी पंडित से शादी की है तो उनके घर में शिवरात्रि एक बड़ा पर्व है.

जब स्टार्स अपनी फिल्मों को धार्मिक जगहों पर जाते हैं फिल्मों के प्रमोशन में तो आप इसे किस तरह से देखती हैं?

मुझे नहीं लगता है कि मैं इस पर कुछ कमेंट कर सकती हूं, लेकिन हर पवित्र स्थान कि एक वाइब्स तो होती ही है.

बतौर एक्टर आपके लिए धर्म क्या है

मेरे हिसाब से मेरा काम, मैं अपने काम में ईमानदार हूं और मैं अपने ऑडियंस को कभी फॉर ग्रांटेड नहीं लेती हूं.

आपकी फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला है? आपको इस बारे में क्या कहना है?

यह हो चुका है, इस स्तर पर मैं बस यही कह सकती हूं कि निर्माता का काफी पैसा लगा होता है और अंत में पैसा मायने रखता है. मुझे लगता है कि फिल्म का जो उद्देश्य है वो लोगों तक पहुंचे. मेरा मानना है कि इस फिल्म में वर्ड ऑफ माउथ काम करेगा.

अक्षय कुमार के साथ काम करने का अनुभा कैसा रहा?

शानदार रहा, उन्होंने इस फिल्म को बहुत लगन से बनाया है. वो एक ऐसे इंसान हैं जो दिल से बातें करते हैं. मुझसे वो पंजाब में ही बात करते हैं और मेरी उन्होंने कभी भी लेग पुलिंग नहीं की है.

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