Ravi Kishan: किरण राव की ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म ‘लापता लेडीज’ के एक्टर, पॉलिटिशियन और सिंगर रवि किशन ने अपने 34 साल के करियर में कई फिल्मों में काम किया. उन्होंने भोजपुरी ही नहीं बल्कि बॉलीवुड और साउथ की कई फिल्में की. आज एक्टर ने साहित्य आजतक के आखिरी दिन मंच में शिरकत ली. यहां उन्होंने अपने करियर में संघर्ष के बारे में कई बातें की. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह लापता लेडीज फिल्म के लिए बिहार के एक शख्स से इंस्पायर हुए थे. आइए बताते हैं सबकुछ.
एक्टिंग के लिए पिता से पड़ी थी मार
रवि किशन ने अपने शुरुआती जीवन को याद करते हुए कहा, ‘मैं एक पुजारी का बेटा हूं. मेरे पास कुछ भी नहीं था, बस मेरे पिता ने मुझे जो आध्यात्मिकता और ईमानदारी सिखाई थी… वो मेरे पास थी. मैं थिएटर करता था मैंने बचपन में रामलीला में सीताजी का किरदार निभाता था. इस बात के लिए मुझे मेरे पिता ने पीटा भी है. वह कहते थे नचनिया बनबे क्योंकि 80 और 90 के दशक में एक ब्राह्मण होने के नाते वह समझ नहीं पाए की एक्टिंग क्या है.’
34 साल के संघर्ष को किया याद
रवि किशन ने इंडस्ट्री में अपने 34 साल के संघर्ष की भी बात की. उन्होंने कहा, “मुझे संघर्ष करना पड़ा और यह 34 साल के संघर्ष का नतीजा है. मैंने साउथ इंडस्ट्री में काम किया है, मैंने हिंदी फिल्में की हैं और आपने मुझे टेलीविजन पर भी देखा होगा. मैं अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करता रहा हूं. मैं हमेशा अपने अभिनय में स्वाभाविकता और स्वैग को एक साथ करने की कोशिश की. लेकिन, मुझे मौका नहीं मिल रहा था. तभी मेरी मुलाकात किरण राव. से हुई और मेरी किस्मत चमकी.. मुझे ओटीटी पर भी कमाल करने का मौका मिला.’ मालूम हो कि किरण राव लापता लेडीज की निर्देशक हैं.
फिल्म के लिए बिहार के इस शख्स से हुए इंस्पायर
रवि किशन ने लापता लेडीज में अपने किरदार पर भी बात की. उन्होंने यह भी बताया कि वह किससे इंस्पायर हुए थे. रवि ने कहा- मैं पहली बार रिवील कर रहा हूं, लोग कहते हैं कि कहां से तुम इतने ऑर्गेनिक रहते हो, जब स्क्रीन पर आते हो फ्रेश सीन देकर जाते हो. तो मैं बता दूं कि मैं आप लोगों सीखता हूं, आपको ही रीड करता हूं. वही मेरे काम आता है. तो मुझे बिहार में एक ऑफिसर मिले थे हमको, वो ऐसे ही थे. उनका किरदार मैंने लापता लेडीज में अपनाया, उनको मैंने जहन में रखा था. वो ऐसे ही बोलते थे, जैसा कि मैंने पुलिस ऑफिसर बनकर पान मुंह में रख कर बोलता था.
किरण राव की तारीफ की
उन्होंने आगे कहा, ‘बोलते हैं ना वुमन डायरेक्टर बहुत जरूरी है लाइफ में, चाहे वो वाइफ है, चाहे मां हो, जरूरी है, अच्छा रहता है. वहीं कोई आदमी होता तो मुझे कहता कि तुम थप्पड़ मारो और हीरो बन जाओ. लेकिन नहीं किरण राव थी वो तो इतना इम्पैक्ट रखा, जो कि कानून के दायरे में था.’
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