Saeed Jaffrey Birth Anniversary: विदेशी महिला के लिए पहली पत्नी को लो-स्टैंडर्ड कहकर ठुकराया, फिर सारी उम्र…

Saeed Jaffrey Birth Anniversary: राम लखन और हिना जैसी शानदार फिल्मों में दमदार अभिनय से अपना परचम लेहराने वाले सईद जाफरी का आज जन्मदिवस है. इस मौके पर आज हम उनकी निजी जिंदगी के कुछ रोचक किस्सों से आपको रूबरू कराएंगे.

By Sheetal Choubey | January 8, 2025 7:45 AM

Saeed Jaffrey Birth Anniversary: राम लखन, हिना, जब प्यार किसी से होता है, दिल, जुदाई जैसी फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अभिनेता सईद जाफरी की आज 8 जनवरी के दिन 95वीं बर्थ एनिवर्सरी है. सईद जाफरी ने न सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों में, बल्कि एक्टर ने 6 दशकों तक 150 ब्रिटिश और अमेरिकन फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है. सईद जाफरी जितने अपने करियर को लेकर चर्चे में रहते थे, उससे कई ज्यादा वह अपने निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं. आज उनके जन्मदिवस के खास मौके पर उनकी निजी जिंदगी पर एक नजर डालते हैं.

कम उम्र में उर्दू और ब्रिटिश पर बनाई मजबूत पकड़

सईद जाफरी का जन्म 8 जनवरी 1929 को पंजाबी मुस्लिम परिवार में मलेरकोटला, पंजाब में हुआ था. इनके पिता डॉ हामिद हुसैन एक सिविल सर्वेंट थे, जिनकी नौकरी की वजह से इन्हें और इनके परिवार को कई बार शहर बदलना पड़ा था. सईद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मिंटो सर्कल स्कूल से पूरी की, जहां उन्होंने महज 10 साल की उम्र में उर्दू भाषा पर अपनी अच्छी पकड़ बनी और फिर वह प्ले में हिस्सा लेने लगे. इसके बाद जब वह 12 साल के हुए तो उन्होंने मसूरी के विनबर्ग एलन स्कूल में दाखिला लिया. यहां उन्होंने ब्रिटिश एक्सेंट भी सीखी.

मधुर बहादुर से पहली मुलाकात

सईद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में बीए और इंडियन लिटरेचर में एम.ए करने के बाद साल 1951 में कार्टूनिस्ट, राइटर या ब्रॉडकास्टर बनने लिए दिल्ली आ गए थे. यहां आकर नौकरी पाने के लिए उन्हें खूब मेहनत करनी पड़ी. कई दफा तो उन्हें सड़कों पर लगी बैंच में रात बितानी पड़ी. इसके बाद जाकर उन्हें ऑल इंडिया रेडियो में इंग्लिश अनाउंसर की नौकरी हासिल हुई. यहां उन्हें 250 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता था. सईद ने फिर साल 1951 में फ्रैंक ठाकुरदास और बैंजी बेनेगल के साथ मिलकर अंग्रेजी थिएटर कंपनी यूनिटी थिएटर की शुरुआत की. यहीं उनकी पहली मुलाकात मधुर बहादुर से हुई. मधुर बहादुर ने सईद के थिएटर के पहले नाटक द ईगल हैज टू हेड्स में राजकुमारी का किरदार निभाया था. इसके दो साल बाद मधुर ने भी ऑल इंडिया रेडियो में डीजे (डिस्क जॉकी) की नौकरी जॉइन की. इसी दौरान वह एक दूसरे के करीब आए और दोनों ने साल 1958 में शादी कर ली.

मधुर को छोड़ने के बाद क्यों सईद को हुआ पछतावा?

सईद जाफरी और मधुर बहादुर के रिश्ते को कुछ ही वक्त हुए थे कि दोनों में अनबन होनी शुरू हो गई. यहां तक की उन्होंने मधुर को लो-स्टैंडर्ड भी कह दिया था, जिसकी वजह से दोनों ने साल 1965 में अलग होने का फैसला किया और 1966 में मेक्सिको में दोनों का तलाक हो गया. मधुर से तलाक होने के बाद सईद जाफरी का रिश्ता अपनी को-स्टार जेनिफर से चला, दोनों ने लगभग 10 सालों तक एक दूसरे को डेट करने के बाद शादी कर ली. जैनिफर विदेशी थीं, जिनके साथ रहने के कुछ ही महीनों में सईद को इस बात का एहसास हो गया कि उन्हें अपने देश की ही लड़की चाहिए थी. इस बात का पछतावा होने पर उन्होंने अपनी गलती को सार्वजनिक तौर पर कबूल किया.

अपनी पहली पत्नी मधुर को कमतर समझने वाले सईद का पछतावा तब और बढ़ गया, जब उन्होंने के दिन मधुर की तस्वीर एक बड़े मैगजीन में देखी. इसके साथ लिखा था, फेमस शेफ मधुर जाफरी ने अपनी किताब लॉन्च की है. इसे पढ़ने के बाद उन्होंने मधुर तक पहुंचने की बहुत कोशिश की, लेकिन मधुर ने मुलाकात करने से इनकार कर दिया. वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी थीं और उन्होंने सैनफोर्ड एलेन से शादी कर ली थी.

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