14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Tiger 3 में शाहरुख खान संग काम करने को लेकर सलमान खान बोले- फिल्म के हिट होने की संभावना काफी…

सलमान खान ने टाइगर फ्रेंचाइजी से जुड़े होने पर कहा, एक था टाइगर की सफलता का पूरा श्रेय कबीर खान को जाता है, जिन्होंने इसकी शुरुआत की और फिल्म बहुत बड़ी सफल रही. हम फ्रेंचाइजी के साथ तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक कि पहली वाली बहुत बड़ी हिट न हो जाए.

टाइगर 3 इनदिनों टिकट खिड़की पर सफलता का जश्न मना रही है. सुपरस्टार सलमान ख़ान इस तीसरी फ़्रेंचाइज़ी का भी चेहरा हैं. सलमान ख़ान टाइगर फ़्रेंचाइज़ी की कामयाबी का श्रेय इसके एक्शन जोनर से ज़्यादा जोया और टाइगर की प्रेम कहानी को देते है ,वे इसे इस फ़्रेंचाइज़ी की सबसे अहम यूएसपी करार देते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

आप एक दशक से अधिक समय से टाइगर की फ्रेंचाइजी के साथ हैं अनुभव को कैसे परिभाषित करेंगे ?

एक था टाइगर की सफलता का पूरा श्रेय कबीर खान को जाता है, जिन्होंने इसकी शुरुआत की और फिल्म बहुत बड़ी सफल रही. हम फ्रेंचाइजी के साथ तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक कि पहली वाली बहुत बड़ी हिट न हो जाए, तो यह काम कबीर ख़ान ने पहली ही फ़िल्म में कर दिया था , फिर अली अब्बास ज़फर ने टाइगर ज़िंदा है के साथ इसे आगे बढ़ाया और इसे एक और बड़ी सफलता दिलाई, और अब मनीष ने सर्वश्रेष्ठ टाइगर सीरीज़ में से एक बनाई है. फ़िल्म की कहानी बहुत ख़ास है. यह अमन का संदेश देती है ,जो किसी भी फ़िल्म का मक़सद होना चाहिए.

क्या आपको लगता है कि फ्रेंचाइजी फ़िल्मों के बीच अंतर होना चाहिए?

मुझे लगता है कि जब आपके पास अच्छी स्क्रिप्ट होती है ,आपको एक अच्छी फिल्म बना लेना चाहिए. लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक फ़्रेंचाइज़ी फ़िल्में आ रहीं अब मुझे लगता है कि एक गैप होना चाहिए.

आपके एक्शन वाली फ़िल्मों में आपके स्वैग से भरी बॉडी लैंग्वेज और चलने के अंदाज़ एक अलग रंग भरता है ,क्या यह आप में हमेशा से था या फिर आपने इस पर काम किया है ?

मैंने राजकुमार, अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा और जैकी श्रॉफ के चलने के तरीके पर गौर करता आया हूं. मैं उनसे प्रेरित हुआ और जब मैं अभिनेता बना तो मैंने उन गुणों को अपने अंदर समाहित कर लिया. चूंकि मैं एक खिलाड़ी हूं तो यह मेरी शारीरिक भाषा आसानी से बन गई और यह सभी से अलग भी थी. गौर करेंगे तो मेरी पहली फ़िल्म मैंने प्यार किया से मेरी ऐसी ही चाल है लेकिन चूंकि मेरी बॉडी बन गई है. शरीर पर मांस चढ़ गया है ,तो यह अब ज़्यादा असरदार तरीक़े से दिखता है. वैसे ऑन स्क्रीन ही नहीं बल्कि ऑफ स्क्रीन भी मैं ऐसे ही चलता हूं( हंसते हुए) कई बार मैं इसकी वजह से परेशानी में भी आ जाता हूं.

फ़िल्म में आपके और शाहरुख़ ख़ान के बीच के सीन फ़िल्म के हाईलाइट पॉइंट में से एक है ?

मैंने हमेशा डबल हीरो वाले रोल किये हैं. शायद मैं अकेला इंसान हूं जिसने इतनी सारी डबल हीरो वाली फिल्में की हैं. मुझे डबल हीरो या ट्रिपल हीरो वाली फिल्मों से कभी दिक्कत नहीं हुई. आजकल की पीढ़ी बहुत असुरक्षित है, वे डबल हीरो या मल्टीपल हीरो वाली फिल्में नहीं करते हैं. हम सुरक्षित थे और हम समझते हैं कि दो नायक एक साथ काम करते हैं तो दोनों नायकों के प्रशंसकों की संख्या बढ़ जाती है. जिससे फ़िल्म को देखने वालों की भी संख्या भी बढ़ती है. ऐसे में फिल्म के हिट होने की संभावना काफी ज्यादा है. आज के एक्टर्स ना करें डबल हीरो वाली फ़िल्में ,हम तो करते रहेंगे और कामयाबी भी बॉक्स ऑफिस पर लाते रहेंगे.

आपकी ऑफ स्क्रीन बांडिंग इतनी अच्छी है इसलिए वह ऑन स्क्रीन भी इतनी दिलचस्प होती है?

स्क्रीन पर तालमेल इस कदर दिखाने के लिए सह कलाकारों के बीच में जुड़ाव होना ही चाहिए,तो ही वह पर्दे पर आ पाता है. शाहरुख़ खान और संजय दत्त के साथ मेरी बांडिंग कमाल की है. हमें बस एक-दूसरे को देखना है और हम समझ जाते हैं कि दूसरे के मन में क्या चल रहा है. यहां तक ​​कि जब हम किसी पार्टी में मिलते हैं तो हम बस एक-दूसरे को देखते हैं और उसी पार्टी में मौजूद किसी तीसरे के बारे में बिना एक शब्द बोले एक-दूसरे को बहुत कुछ कह देते हैं.

मौजूदा दौर में फ़िल्मों के सफलता का आंकड़ा देखें, तो क्या बॉक्स ऑफिस पर एक्शन फ़िल्में ही दर्शकों को लुभा रही हैं ?

नहीं, यह ग़लतफ़हमी है कि टिकट खिड़की पर सिर्फ़ एक्शन फ़िल्में ही अच्छा प्रदर्शन कर हैं, मेरे प्रोडक्शन की फ़िल्म फ़र्रे में कोई एक्शन नहीं था लेकिन फिर भी उसने बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन किया. जब युवा फिल्में देखते हैं तो वे उन अभिनेताओं से प्रेरित होते हैं. आपको उनका संघर्ष और उनकी मेहनत दिखानी चाहिए. जब मैंने ‘मैंने प्यार किया’ 19 से 20 साल के युवाओं के लिए थी और वे हीरो से प्रेरित थे. लोगों को ऐसी फिल्में बनानी चाहिए. मौजूदा दौर में 19 से 20 वर्ष के दर्शकों के लिए फ़िल्में ही नहीं बन रही हैं.

आपने इतने सारे किरदार निभाए हैं, कौन सा किरदार आपके करीब है?

मैंने जिस फिल्म से शुरुआत की, मैंने प्यार किया. मैं हमेशा प्रेम के किरदार के सबसे ज़्यादा करीब रहा हूं और रहूंगा.

सफलता और असफलता से कैसे निपटते हैं?

मैं उनके साथ जुड़ाव नहीं करता हूं. मैं अपना काम पूरा कर चुका हूं, यह दर्शकों के ऊपर है कि वे फिल्म देखें और सराहें. जब मेरी फिल्मों की सराहना होती है तो मुझे खुशी होती है. ‘जब मेरी फिल्में असफल होती हैं तो मुझे बुरा लगता है क्योंकि हर किसी ने फिल्म बनाने में बहुत मेहनत की है. हम समझते हैं कि हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए और अगले पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए तो असफलता को भूलना नहीं चाहिए. वो बहुत कुछ सीखाती है कि क्या नहीं करना चाहिए.

क्या कोई बायोपिक फ़िल्म भी पाइपलाइन में है ?

करण जौहर के प्रोडक्शन में एक फ़िल्म कर रहा हूं ,वो असल घटनाओं से प्रेरित है. बायोपिक नहीं होगी,लेकिन उसका एक्शन बिल्कुल ही अलग लेवल का होगा. इस फ़िल्म के अलावा मैं जल्द ही सूरज बडजात्या की फ़िल्म की भी शूटिंग करूंगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें