Saroj Khan, Sayantani Ghosh : टीवी एक्ट्रेस सायंतनी घोष कोरियाग्राफर सरोज खान के साथ डांस रियलिटी शो डांस पे चांस रियलिटी शो के अनुभव को यहां सांझा कर रही हैं. सरोज खान उस डांस शो की जज थी. संतयानी बताती हैं कि इस रियलिटी शो की शूटिंग कोलकाता में ही हुई थी. जिस वजह से उन्हें ढाई महीने का लंबा समय मास्टर जी के साथ बिताने का मौका मिला. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
परिवार के सदस्य की तरह थी
वो घर के एक बुजुर्ग सदस्य की तरह थी, जो आपको प्यार करती थी और गलतियों पर डांटने से भी पीछे नहीं हटती थी. ये उनकी सबसे अच्छी बात थी. वो साफ शब्दों में बोलती थी अच्छा करोगे तो शाबाशी मिलेगी खराब करने पर सुना दूंगी. श्रीदेवी,माधुरी,करीना से लेकर आमिर खान तक सभी ने मेरी डांट सुनी हैं. वो डांटती थी तो प्यार भी बहुत करती थी. उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का था. वो बहुत लजीज बिरयानी भी बनाती थी. कई बार उन्होंने अपने डिब्बे की बिरयानी हमसे शेयर की.
इनाम में मिले उनके 100 के नोट फ्रेम करवाएं हैं
मैं जब उस डांस रियलिटी शो से जुड़ी थी. इंडस्ट्री में मुझे आए कुछ ही साल हुए थे. जिस वजह से मुझे मास्टरजी से काफी कुछ सीखने को मिला था. मेरी डांस या एक्टिंग की फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं हुई थी लेकिन उन्होंने मुझे बहुत गाइड किया. वे कहती थी कि डांस सिर्फ शरीर से नहीं बल्कि चेहरे से भी होता है. आप गौर करोगे जब वो सीखाती थी तो उनका हाथ कम वो अपने चेहरे के एक्सप्रेशन से ज़्यादा समझाती थी. इस रियलिटी शो की शूटिंग के दौरान मैंने अपने परफॉरमेंस से उनका कई बार दिल जीता. जिस वजह से उनका 100 का नोट इनाम में मुझे भी सात से आठ बार मिला है. जिसमें उनका सिग्नेचर भी होता था. वो सभी मैंने फ्रेम करवाकर मेरे कोलकाता वाले घर में रखा है. बेस्ट कॉम्प्लिमेंट की बात करूं तो जब उन्हें मेरा डांस इतना पसंद आया था कि उन्होंने मेरी मां को स्टेज पर बुला लिया था और मुस्कुराते हुए कहा था कि क्या खाकर आपने इसे पैदा किया है.
हमेशा एक मोटिवेशनल स्टोरी होती थी
हम सभी डांसर्स को मोटिवेट करने के लिए उनके पास एक कहानी होती थी. अगर हम प्रैक्टिस नहीं कर रहे होते थे तो वो हमें बताती थी कि किस तरह से माधुरी दीक्षित फ़िल्म तेज़ाब के दौरान शूटिंग खत्म हो जाने के बाद भी अपनी डांस की रिहर्सल जारी रखती थी. 10 से 12 घंटे की शूटिंग के बाद भी डांस की रिहर्सल. वे बताती थी कि माधुरी कथक में प्रशिक्षित डांसर थी कथक में हिप्स नहीं हिलाते तो माधुरी की शुरुआत में ये परेशानी थी लेकिन जब मैंने उस बताया तो फिर उसने उसपर बहुत काम किया. मास्टरजी माधुरी के समर्पण की कायल थी. वो संजय दत्त की कहानी बताती थी कि किस तरह से नॉन डांसर संजू ने तम्मा तम्मा गाने के लिए लगातार 16 दिन डांस की प्रैक्टिस की थी. फ़िल्म मिस्टर इंडिया के आइकोनिक सांग काटे नहीं कटते श्रीदेवी के दौरान श्रीदेवी को बुखार था. गीली साड़ी में डांस करना था वो भी तेज पंखे की हवा भी थी लेकिन उन्होंने डांस किया. काम के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें इतना महान एक्टर्स बनाता है. ये बात हमें बहुत मोटिवेट करती थी. हम जिन्हें लीजेंड मानते हैं उनकी कहानियां सुनकर खुद भी बहुत अच्छा करने के लिए प्रेरित होते थे.
मास्टरजी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण
रियलिटी शो की शूटिंग के दौरान वो अपनी इंडस्ट्री में जर्नी को बताती थी कि किस तरह से 13 साल की उम्र में उन्होंने बैकग्राउंड डांसर के तौर पर अपनी शुरुआत की थी. उन्होंने बताया था कि किस तरह से साउथ से बॉलीवुड में डांस के लिए मास्टर जी आते थे. वे अपने डांस ग्रुप में किसी महिला को लेना नहीं चाहते थे. लेकिन उन्होंने उस ग्रुप में भी अपनी जगह बनायी. बैकग्राउंड डांसर से सेलेब्रिटी कोरियोग्राफर का सफर उन्होंने बहुत मेहनत और समर्पण से किया था.
Posted By: Divya Keshri