बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म शोले को दर्शक आज भी देखना पसंद करते हैं. यह आज भी दर्शकों की फेवरेट बनी हुई है. फिल्म के हर एक किरदार को दर्शक काफी ज्यादा पसंद करते हैं. चाहे वो जय, वीरू और बसंती की तगड़ी हो या फिर गब्बर सिंह के डायलॉग, आज तक लोगों के जुबान पर है. गब्बर सिंह जब सांभा को कहते थे, ‘कितने आदमी थे’… मां बच्चों को कहती थी ‘सो जाओ नहीं तो गब्बर आ जाएगा’ डायलॉग ने अमजद खान को अमर बना दिया. उन्हें हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध खलनायकों में से एक माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रोल के लिए अमजद खान को कैसे चुना गया? जावेद अख्तर उनकी जगह किसी और को लेना चाहते थे.
हिंदी सिनेमा के मशहूर लेखक जावेद अख्तर और सलीन खान ने शोले की पूरी कहानी लिखी. इस फिल्म के हर किरदार के दमदार डायलॉग आज भी लोगों के जुबान पर रहते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो गब्बर सिंह के रोल के लिए जावेद अख्तर की पहली पसंद डैनी डेनजोंगपा थे और उन्हें ये किरदार ऑफर भी की गई थी, लेकिन उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया. डैनी इन दिनों फिरोज खान की फिल्म ‘धर्मात्मा’ की शूटिंग में बिजी थे जिस वजह से वह ‘शोले’ में काम नहीं कर पाए. बाद में अमजद इस रोल को निभाकर अमर हो गये. अमजद खान का निधन 27 जुलाई 1992 को हुआ था.
साल 2020 के एक इंटरव्यू में रमेश ने खुलासा किया कि उन्होंने ‘गब्बर सिंह’ के रोल के लिए अमजद को क्यों चुना. रमेश सिप्पी ने अमजद खान को स्टेज पर परफॉर्म करते देखा. रमेश को लगा कि उनका व्यक्तित्व और आवाज ‘गब्बर सिंह’ की भूमिका के लिए एकदम परफेक्ट है. उन्होंने कहा, ”मुझे याद है कि मैंने उनकी की एक हरकत देखी थी. उनका चेहरा, व्यक्तित्व, आवाज सब कुछ ठीक लग रहा था. हमने उन्हें दाढ़ी बढ़ाने के लिए कहा, उन्हें कपड़े पहनाए, तस्वीरें लीं. वह कैरेक्टर में बिल्कुल सही दिखे.”