Sholay: जब अमिताभ-जया बच्चन के इस एक मिनट सीन को शूट करने में लगे 3 साल, ऐसे बना आईकॉनिक मोमेंट

Sholay फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था. फिल्म में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र मुख्य भूमिकाओं में हैं. इनके अलावा अमजद खान, जया बच्चन, हेमा मालिनी और संजीव कुमार अहम भूमिकाओं में थे.

By Sheetal Choubey | September 23, 2024 6:00 AM

Sholay: ‘कितने आदमी थे, साहब दो…’ ये डायलॉग सुनकर आपके दिमाग में भी सिर्फ एक ही फिल्म का नाम याद आता होगा. जी हां, हम बात रमेश सिप्पी की निर्देशित साल 1975 की फिल्म ‘शोले’ की कर रहे हैं. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी जय और वीरू के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे पुलिस ऑफिसर ठाकुर गांव में चल रही गब्बर नाम के डकैत की मनमानी से छुटकारा पाने के लिए हायर करता है. यह फिल्म अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की सबसे पसंदीदा फिल्मों से एक हैं. इसके हर एक सीन इतनी बखूबी शूट किए गए हैं कि आज भी उन्हें देख लो तो दिल गदगद हो जाता है. ऐसे में आज हम फिल्म के ऐसे ही एक सीन के बारे के बताएंगे, जिसे शूट करने में मेकर्स को तीन साल का लंबा वक्त लग गया था. और यह सीन ज्यादा नहीं सिर्फ एक मिनट का था.

अमिताभ जया-बच्चन के एक सीन को शूट करने में लगे 3 साल

शोले में एक सीन है, जिसमें जया बच्चन घर के पहले मंजिले पर जाकर लैंप जला रही होती है. वहीं, सामने वाले घर में अमिताभ बच्चन बैठे हुए हैं. दोनों की नजर कुछ वक्त तक एक दूसरे से टकराती है. बता दें कि यह सीन सिर्फ एक मिनट का था. लेकिन इसे शूट करने के लिए मेकर्स को तीन साल की कड़ी मेहनत करनी पड़ी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि डीओपी की डिमांड थी कि इस सीन के लिए आसमान का रंग एक खास तरह की रंग की तरह होना चाहिए, जिसमें आसमान सुनहरा नजर आए.

Also Read: 49 years of sholay: क्या आपको याद है, पुराना मंदिर फिल्म में शोले पर बना ये मजेदार स्पूफ है अभी भी है बेहद पॉपुलर

Also Read: 49 years of Sholay: इस आईकॉनिक फिल्म में ‘गब्बर सिंह’ का किरदार असली डकैत से था इंस्पायर, जानें कैसे

अमिताभ बच्चन ने बताया पूरा किस्सा

अमिताभ बच्चन ने इस किस्से के बारे में एक इंटरव्यू में बात की थी. उन्होंने कहा कि, “मुझे हैरानी होगी कि आपको फिल्म शोले का एक सीन याद हो, जिसमें जया बच्चन घर के एक कॉरिडोर में पहली मंजिल पर लैंप जलाती है. इस सीन को शूट करने के लिए एक खास तरह की रोशनी की जरूरत थी. हमारे डोप दिल से चाहते थे कि वह सीन तभी शूट किया जाए जब सूरज ढल रहा हो. आपको इस बात पर शायद यकीन ना हो लेकिन रमेश जी वो सीन फिल्माने में लगभग 3 साल का वक्त लग गया.”

बॉक्सऑफिस पर सुपरहिट रही फिल्म

एक्टर ने आगे कहा कि हर बार जब हम उस सीन के लिए अभिनय करने जाते थे तो लाइटिंग को लेकर कुछ ना कुछ गड़बड़ हो जाती थी. रमेश जी ने हमसे कहा जब तक हमें सही लाइट नहीं मिल जाती हम यह सीन शूट करेंगे. हमने उसे तरह की रोशनी का इंतजार करीब 3 साल किया. इसके बाद हमें वो शॉट मिला. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की यह फिल्म महज 3 करोड़ के बजट पर बनी थी. लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 35 करोड रुपए की कमाई की थी.

Next Article

Exit mobile version