क्या Gadar 2 है एंटी-पाकिस्तानी फिल्म? सनी देओल ने तोड़ी चुप्पी, बोले- देशों के बीच नफरत…
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान, सनी देओल से 'गदर 2' को 'पाकिस्तान विरोधी' करार दिए जाने की धारणा के बारे में सवाल किया गया था. इसपर एक्टर ने रिएक्ट किया.
सनी देओल की गदर 2 बॉक्स ऑफिस पर तेजी से आगे बढ़ रही है. अनिल शर्मा निर्देशित फिल्म ने रिलीज के 16वें दिन तक 400 से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है. फिल्म ने ‘बाहुबली 2’ और ‘पठान’ का रिकॉर्ड तोड़ डाला है. जहां एक तरफ फिल्म की हर कोई तारीफ कर रहा है तो दूसरी तरफ लोग कुछ लोग फिल्म को ‘पाकिस्तान विरोधी’ फिल्म बता रहे है. अब इसी पर तारा सिंह ने रिएक्ट किया है और बड़ी बात कही है.
गदर 2 एंटी-पाकिस्तान है?
गदर 2 में सनी देओल के अलावा अमीषा पटेल, उत्कर्ष शर्मा, सिमरत कौर, मनीष वाधवा अहम भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी 22 साल आगे बढ़ गई है. फिल्म को दर्शकों से मिला-जुला रिएक्शन मिल रहा है. इस बीच ‘बीबीसी एशियन नेटवर्क’ को दिए इंटरव्यू में एक्टर से ‘गदर 2’ को ‘पाकिस्तानी विरोधी’ करार दिए जाने की धारणा के बारे में सवाल किया गया. इसपर रिएक्ट करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म पाकिस्तान विरोधी नहीं है. उन्होंने दावा किया कि देशों के बीच नफरत ज्यादातर राजनीतिक चीज है क्योंकि एंड ऑफ दे डे मानवता होती है और दोनों पक्षों के लोग एक ही मिट्टी से बने होते है. साथ ही कहा कि उन्होंने फिल्म में कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया है और तारा सिंह का किरदार उस तरह का व्यक्ति नहीं है.
सनी देओल ने कही बड़ी बात
गदर 2 में जब विलेन मनीष वाधवा फिल्म में कोई भयानक एक्ट करते है, तब बैकग्राउंड में कलमा सुनाई देता है. इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सनी देओल ने कहा कि, फिल्म को ज्यादा सीरियसली नहीं लेना चाहिए. साथ ही कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और समाचार चैनलों पर भी बहुत सारी बकवास हो रही है, जिसका असर सब पर पड़ रहा है. हालांकि सिनेमा मनोरंजन की दृष्टि से आता है और जाहिर है कि सिनेमा में अतिशयोक्ति है क्योंकि आप अपने पात्रों को चाहते हैं. अगर वे नहीं हैं, तो आप उनका आनंद नहीं लेते है.
गदर 2 की कहानी
गदर 2 की कहानी वही से शुरू होती है, जहां पर 22 साल पहले गदर खत्म हुई थी. पाकिस्तान नें असरफ अली को तारा सिंह की मदद के लिए फांसी दी जा चुकी है और कहानी 22 साल आगे बढ़ गयी है. तारा सिंह अपनी पत्नी सकीना और बेटे के साथ अच्छी जिंदगी जी रहा है, लेकिन अचानक तीनों की जिंदगी बदल जाती है. तारा सिंह एक दिन भारतीय सैनिकों की मदद करने पहुंचता है, लेकिन उसके बाद से तारा सिंह का कुछ पता नहीं चल रहा है. जिसके बाद जीते अपने पिता को तलाशने के लिए पाकिस्तान जाता है और वो उन्हें सैनिक पकड़ लेते है. आगे की कहानी है कि फिर तारा सिंह उसे खोजने के लिए पाकिस्तान जाता है.