भारत की ये 4 साइको थ्रिलर फिल्में, जिन्हें देखकर आपका दिमाग सुन्न पड़ जाएगा
Top Hindi Psycho Thriller Films: रोमांटिक और कॉमेडी फिल्मों को देखकर आप भी बोर हो गए हैं और अलग तरह की फिल्में देखना चाहते हैं, तो हम आपके आज कुछ साइको थ्रिलर फिल्मों की लिस्ट लाए हैं, जिन्हें देखकर आपका दिमाग सुन्न पड़ जायेगा.
Top Hindi Psycho Thriller Films: अगर आप भी एक तरह की फिल्में देखकर ऊब चुके हैं और नए जॉनर की फिल्म देखना चाहते हैं, तो हम आपके लिए आज साइको थ्रिलर फिल्मों की लिस्ट लेकर आएं हैं, जिसमें कूट-कूटकर सस्पेंस भरा हुआ है. इसे समझते-समझते आपके दिमाग के पुर्जे हिल जाएंगे और आप गूगल बाबा के चक्कर काटते फिरेंगे. आइए जानते हैं इनके नाम.
नो स्मोकिंग
नो स्मोकिंग का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है. यह फिल्म साल 2007 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में जॉन अब्राहम, आयशा टाकिया, और परेश रावल हैं. इस फिल्म की कहानी एक के नाम के व्यक्ति की है, जो स्मोकिंग की लत छुड़ाने के लिए रिहैबिलेशन सेंटर जाता है. उसे वहां से रिहा कर दिया जाता है, जब वह 21 लाख का चेक जमा करता है. अजीब बात यह रहती है कि के को रिहा करते वक्त यह धमकी दी जाती है कि अगर वह फिर से अगर स्मोक करता है तो उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी जाएगी.
ऑ
ऑ फिल्म साइंस थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन प्रशांत वर्मा ने किया है. यह साल 2018 में रिलीज हुई थी, जिसमें मुख्य भूमिका काजल अग्रवाल, नित्या मेनन, रवि तेजा, मुरली शर्मा समेत कई एक्टर्स निभा रहे हैं. ऑ की कहानी एक महिला की है, जो मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर नामक बीमार से ग्रसित है. इस बीमारी की वजह से वह अपनी जिंदगी के अलग-अलग मुसीबतों में फस जाती है. अगर आप भी इसे देखना चाहते हैं तो आप इसे नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं.
चुरुली
चुरूली का निर्देशन लिजो जोस पेलिसरी ने किया है. यह हॉरर साइंस फिक्शन फिल्म साल 2021 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म आप जी5 पर देख सकते हैं. इस फिल्म की कहानी दो अंडरकवर पुलिस अधिकारी की है, जो मुजरिम को पकड़ने के लिए चुरुलि गांव पहुंच जाते हैं. वहां जाकर वह बहुत सी अजीबोगरीब स्थितियों का सामना करते हैं.
लूसिया
पवन कुमार के डायरेक्शन में बनी फिल्म लूसिया साल 2013 में रिलीज हुई थी. यह एक साइंस फिक्शन थ्रिलर फिल्म है, जिसमें सिनेमा हॉल में काम करने वाले व्यक्ति की कहानी दिखाई गई है, जो इनसोम्निया नाम की बीमारी से जूझता है. लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब वह व्यक्ति एक दवाई खरीद लेता है, जिससे उसे अजीब से दृश्य दिखने शुरू हो जाते हैं.