15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

The Vaccine War: विवेक अग्निहोत्री बोले- ‘द वैक्सीन वॉर’ भारतीय वैज्ञानिकों की सच्ची उपलब्धि पर आधारित

विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी दोनों वर्तमान में वाशिंगटन डीसी में हैं. उन्होंने कहा कि यह फिल्म भारत और दुनिया के लिए एक किफायती टीका तैयार करके कोविड​​-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले भारतीय वैज्ञानिकों की सच्ची कहानी पर आधारित है.

The Vaccine War: फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और अभिनेत्री पल्लवी जोशी के कहा कि अमेरिका के कई शहरों में भारतीय अमेरिकियों के लिए निजी तौर पर प्रदर्शित की जा रही फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ भारतीय वैज्ञानिकों, विशेष रूप से महिलाओं की उपलब्धियों से प्रेरित है. विवेक ने अपनी पत्नी पल्लवी के साथ ‘पीटीआई-भाषा’ को एक संयुक्त साक्षात्कार में बताया, “हम बॉलीवुड नहीं हैं. इसलिए इस तरह की फिल्में बनाने का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं.”

‘द वैक्सीन वॉर’ के बारे में विवेक अग्निहोत्री ने कही ये बात

विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी दोनों वर्तमान में वाशिंगटन डीसी में हैं. उन्होंने कहा कि यह फिल्म भारत और दुनिया के लिए एक किफायती टीका तैयार करके कोविड​​-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले भारतीय वैज्ञानिकों की सच्ची कहानी पर आधारित है. पल्लवी ने कहा, ‘‘हमें एहसास हुआ कि वैज्ञानिकों (भारतीय) ने जितना काम किया है, वह सिर्फ प्रयोगशाला तक सीमित नही रहा. उन्होंने अपनी सुविधा के दायरे से बाहर जाकर कड़ी मेहनत की. हमने सोचा कि यह लोगों को बताने के लिए एक बेहतरीन कहानी है.’’

महिला सशक्तीकरण को लेकर क्या बोले विवेक अग्निहोत्री

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘और मुझे लगता है कि सबसे अहम बात यह है कि वैक्सीन तैयार करने वालों में लगभग 70 प्रतिशत वैज्ञानिक महिलाएं रहीं. यह बात कहीं न कहीं मेरे दिल को छू गयी और फिर विवेक ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसे हमें दुनिया को दिखाना चाहिए. इससे उन्हें पता चलेगा कि महिला सशक्तीकरण क्या है.’’ विवेक ने कहा कि देश की प्रयोगशालाओं में महिला वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा काम एक अलग तरह की देशभक्ति है और वे भारत की गुमनाम नायक हैं, जिन्हें पहचानने और उचित श्रेय देने की जरूरत है.

फिल्म की शूटिंग वास्तविक स्थानों पर की गई

‘चॉकलेट’, ‘हेट स्टोरी’, ‘ताशकंत फाइल्स’ और ‘कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्म बना चुके विवेक अग्निहोत्री कहते हैं कि उन्होंने इस फिल्म को वैज्ञानिकों की निगरानी में बनाया. उन्होंने दावा किया, ‘‘फिल्म की शूटिंग वास्तविक स्थानों पर की गई. यह विश्व इतिहास की पहली फिल्म है जिसे वास्तविक बीएसएल-4 प्रयोगशाला (जैव सुरक्षा स्तर) में शूट किया गया है.’’ फिल्म में मीडिया का नकारात्मक चित्रण किया गया है और विवेक ने कहा कि उनके पास इसकी ठोस वजह है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान मीडिया के एक वर्ग ने ऐसी खबरें लिखीं जो विदेशियों से प्रेरित थीं.

Also Read: Sunny Deol: बंगले की नीलामी नोटिस मामले पर सनी देओल का छलका दर्द, बोले- ‘यह मेरे पिता की मेहनत की कमाई…’

कोविड संकट के दौरान…

उन्होंने कहा, ‘‘पहले पत्रकार एक देश और सरकार के बीच अंतर समझते थे. आज के माहौल में यह लुप्त हो गया है… मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि कोविड संकट के दौरान कुछ पत्रकारों ने नकारात्मक भूमिका निभाई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने भी कोविड-19 संकट के दौरान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन मैंने जानबूझकर उन्हें नहीं दिखाया. ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे कुछ निहित स्वार्थ की भावना रखने वालों का विरोध झेलना पड़ता और इससे इस फिल्म को बनाने का मेरा उद्देश्य विफल हो जाता.’ (भाषा इनपुट के साथ)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें