Mahesh Babu Birthday: फिल्म से इंस्पायर होकर अपनाए थे 2 गांव, महेश बाबू के बारे में ये फैक्ट्स आप भी नहीं जानते होंगे

महेश बाबू आज अपना जन्मदिन माना रहे है, लेकिन आप उनसे जुड़ी ये बातें नहीं जानते होगे.महेश बाबू ने अपने करियर की शुरुआत एक चाइल्ड एक्टर के रूप में की थी. वे तिरुपति बालाजी के भक्त हैं और सादगी से जीवन जीते हैं.

By Sahil Sharma | August 9, 2024 8:04 AM
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Celebrating Mahesh babu: महेश बाबू, जिन्हें ‘प्रिंस ऑफ टॉलीवुड’ कहा जाता है, ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत एक चाइल्ड एक्टर के रूप में की थी. आज वे साउथ के सुपरस्टार्स में से एक हैं और उनकी फैन फॉलोइंग भी जबरदस्त है. उनके फैंस उनकी फिल्मों को लेकर तो बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन महेश बाबू के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं. आइए जानते हैं महेश बाबू से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक फैक्ट्स.

बचपन में बने थे चाइल्ड एक्टर

महेश बाबू ने अपने करियर की शुरुआत एक चाइल्ड एक्टर के रूप में की थी. उन्होंने 1988-1990 के बीच कई तेलुगु फिल्मों में काम किया. इनमें ‘मुग्गुरु कोडुकुलु’, ‘गुडाचारी 117’, ‘कोडुकु दिद्दिना कपुरम’ और ‘अन्ना थम्मुडु’ जैसी फिल्में शामिल हैं. 

तिरुपति बालाजी के बड़े भक्त

महेश बाबू तिरुपति बालाजी के बहुत बड़े भक्त हैं. जब भी उन्हें समय मिलता है, वे तिरुपति जाने की कोशिश करते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि वे हर महीने अपने कमाई का एक बड़ा हिस्सा तिरुपति मंदिर में दान करते हैं. 

Celebrating mahesh babu

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सादगी से जीते हैं जीवन

महेश बाबू, जो अपनी फिल्मों की सफलता और असफलता से कभी प्रभावित नहीं होते, सादगी से जीते हैं. जहां कई सितारे अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते हैं, वहीं महेश बाबू अपनी सरलता और शांत स्वभाव के लिए प्रसिद्ध हैं. 

फिल्म से इंस्पायर होकर अपनाए गाव

महेश बाबू ने अपनी फिल्म ‘श्रीमंथुडु’ से प्रेरित होकर तेलंगाना के सिद्धापुरम और आंध्र प्रदेश के बुर्रीपालेम नामक दो गांवों को अपनाया था. ये उनकी समाज के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी को दर्शाता है.

स्मोकिंग की आदत को छोड़ा

एक समय था जब महेश बाबू चेन स्मोकर थे और एक दिन में कई सिगरेट पी जाते थे. लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके फैंस उनकी इस आदत से प्रभावित हो रहे हैं, तो उन्होंने धूम्रपान करना छोड़ दिया.

परिवार के लिए रखते हैं समय

महेश बाबू अपने परिवार के साथ समय बिताने को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं. जैसे ही वे कोई फिल्म पूरी करते हैं, वे अपने परिवार के साथ छुट्टी पर जाते हैं और नए-नए स्थानों की खोज करते हैं. 

हार्ट के ऑपरेशन्स के लिए करते हैं मदद

महेश बाबू ने 1,000 से अधिक बच्चों की दिल की सर्जरी के लिए मदद की है. वे अपनी कमाई का 30% हिस्सा समाज सेवा में खर्च करते हैं, जो उनकी दयालुता और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है.

मैडम तुसाद में मिला सम्मान

महेश बाबू दक्षिण भारत के दूसरे ऐसे स्टार हैं जिनकी मूर्ति सिंगापुर के मैडम तुसाद में बनाई गई है. 

महेश बाबू को प्रभात खबर की पूरी टीम की तरफ एसई जन्मदिन की मुबारकबादत, आपका आने वाला साल खुशियों एसई भरा हो, आल द बेस्ट फॉर अपकमिंग प्रोजैक्ट्स.

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