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Exclusive: एक्टर विशाल आदित्य सिंह बोले- बिहारी छवि की वजह से काफी रिजेक्शन झेला, जानें क्यों

विशाल आदित्य सिंह धारावाहिक ‘चांद जलने लगा’ से टीवी पर वापसी कर रहे हैं. शो को लेकर एक्टर ने कहा, मैं चार साल बाद वापसी कर रहा हूं. हालांकि, मैं टेलीविजन से कभी दूर हुआ ही नहीं था. मैं तो हर साल टेलीविजन पर आ रहा था. रियलिटी शो में लगातार आया हूं.

सीरियल और रियलिटी शोज से छोटे पर्दे का लोकप्रिय चेहरा बन चुके अभिनेता विशाल आदित्य सिंह इन दिनों धारावाहिक ‘चांद जलने लगा’ में नजर आ रहे हैं. एक दशक से भी ज्यादा समय से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सक्रिय विशाल बिहार से अपने अब तक की जर्नी को बहुत खास करार देते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

आप लगभग पांच साल बाद ‘चांद जलने लगा’ शो से डेली सोप जॉनर में वापसी कर रहे हैं?

मैं चार साल बाद वापसी कर रहा हूं. हालांकि, मैं टेलीविजन से कभी दूर हुआ ही नहीं था. मैं तो हर साल टेलीविजन पर आ रहा था. रियलिटी शो में लगातार आया हूं. इस बीच में मैंने दो वेब सीरीज भी की है. एक एक्टर की लाइफ में अच्छा काम चाहिए और अच्छे पैसे भी चाहिए, जो मुझे टेलीविजन दे रहा था. हां, मैंने तय किया था कि अब मैं हार्ड कोर वाला रोमांटिक शो करूंगा. कुछ रिबेल टाइप का करना था, जो मेरी पर्सनालिटी से मैच करे. मैं इंतजार कर रहा था और स्वास्तिक प्रोडक्शन हाउस से मुझे कॉल आ गया. ये मेरे लिए होम कमिंग जैसा था, क्योंकि मैं उनका शो ‘बेगूसराय’ कर चुका हूं. इससे अच्छी बात क्या हो सकती है, क्योंकि सबसे ज्यादा मैंने इन्हीं के लिए काम किया है. छोटे शब्दों में कहूं, तो इस शो का जॉनर और इससे जुड़ी टीम वजह थी, जो मैंने शो को हां कहा.

देव के किरदार से आप कितना जुड़ाव महसूस करते हैं?

मैंने अब तक जितने भी शो किये हैं और उनमें जितने भी मेरे किरदार रहे हैं, उन सबसे मैं जुड़ाव महसूस करता हूं. जो कहे कि मैं रिलेट नहीं कर पाता हूं, मुझे लगता है कि वह झूठ बोलता है. आपको कारपेंटरी नहीं आती है, तो आप मचिया थोड़े ना बना दोगे. देव के बारे में लोग बोलते हैं कि ग्रे है, ब्लैक है, वाइट है. मैंने इस बार नया निकाला है. देव जो है, वो लवेंडर है, पिंक है, मतलब जैसी रंग की दुनिया होगी, उसका वो रंग बनता जायेगा. कोई भी किरदार करने से पहले मैं उसका एक खांचा बनाता हूं कि उसे ये करना चाहिए. ये नहीं. जैसे ये एनिमल लवर है, तो नॉन वेज नहीं खायेगा.

निजी जिंदगी में आप लव स्टोरी फिल्में या किताबें देखना और पढ़ना पसंद करते हैं?

ईमान से बोलूं, तो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है. मैं पढ़ता भी नहीं हूं. मेरी जो कहानियों और फिल्मों को देखने की पसंद है, उसको देखकर आप कहोगे कि यार ये इतना ग्रे क्यों है. मुझे आप विलक्षण बुद्धि वाले लोग बोल सकते हैं, क्योंकि मेरी जो पसंद है, वो अप है या डाउन. वो मिडिल में नहीं रहती है. मुझे अमीर रहना है या फिर गरीब. मुझे मिडिल क्लास में नहीं रहना है. लव स्टोरी फिल्मों में देखता भी हूं, तो वो अलग तरह का देखता हूं. जो हमारी फिल्मों में दिखाते हैं. पल्लू और बाल उड़ते हैं, अचानक से लोग सुंदर कपड़े पहनकर नाचना शुरू कर देते हैं. ऐसा कुछ नहीं होता है, तो ये मुझे पसंद भी नहीं आता है.

आपकी जिंदगी में प्यार कब आया था?

स्कूल लाइफ में. मैं बताऊंगा, तो आप बहुत हंसोगी.11 क्लास के आसपास की बात है. पापा के दोस्त की खूबसूरत-सी बेटी थी. उन्होंने एक-दो बार कॉल किया और हममें बात शुरू हो गयी. मुझे बहुत अच्छा लगता था. एक दिन कॉल आया तो मैं फोन तक पहुंच पाता, पापा ने फोन उठा लिया. मैंने सुना कि वो मेरे दोस्त अनूप का नाम लेकर उससे बात कर रहे हैं. मैं भाग गया, लेकिन शाम को जब घर आया, तो देखता हूं कि वो मेरी मां की मोटी मजबूत हील वाली चप्पल लेकर बैठे हैं. मां उनको समझा रही है कि एक-दो बार बात हुई होगी. अपना बच्चा अच्छा है. शायद मां के समझाने पर पापा मुझे देखते ही मारे नहीं, बल्कि बुलाया और नीचे बिठाया. उन्होंने कहा कि हमारे मोहल्ले में कुलमिलाकर सात लड़कियां हैं और तुम्हारी सात बहने हैं. लड़कीबाजी का चक्कर हुआ और मुझे मालूम पड़ा, तो उनसे पहले मैं ही मारूंगा. तुम ऐसे किसी के साथ लड़ भिड़ जाओगे, तो मैं हमेशा तुम्हें सपोर्ट करूंगा, लेकिन लड़कीबाजी नहीं. अब बिहारी लौंडे को दो ऑप्शन दिया गया, तो मैंने दूसरा ऑप्शन चुना.

इस शो में आप प्यार में बदला ले रहे हैं. दिल टूटने के दर्द से किस तरह से डील करते हैं?

मैं प्यार में दीवाना टाइप इंसान हूं. मुझे जब भी किसी लड़की से प्यार हुआ है. उस लड़की की लाइफ का मैं बेस्ट लव रहा हूं. मुझे पता है कि मुझे छोड़कर वही पछतायेगी. मुझे मेरी किसी भी प्रेमिका ने नहीं कहा कि तुम बॉयफ्रेंड मटेरियल हो. सभी ने कहा कि तुम पति मटेरियल हो. लड़कियों के लिए पति कितने मैटर करते हैं, यह सभी को मालूम है. तड़पा हूं मैं, पर कुछ समय के लिए. जहां तक दिल टूटने के दर्द से बाहर निकलने की बात है, मैं इसे भी इंजॉय करता हूं.

वर्क फ्रंट की बात करें, तो अब क्या करना चाहते हैं? अबतक की जर्नी से कितने संतुष्ट हैं ?

मेरा ड्रीम है कि अपनी लिखी हुई वेब सीरीज को डायरेक्ट करूं. मैंने काफी कुछ लिखा है. इस शो के बाद मैं उसी पर काम करूंगा. जहां तक बात संतुष्टि की है मैं खुश हूं. 11 साल हो चुके हैं, लगातार काम कर रहा हूं. बतौर लीड ये मेरा सातवां शो है. बहुत कम लोगों को ही यह मौका मिल पाता है. मुझे कुछ भी नहीं आता था. पढ़ाई भी अच्छे से नहीं की थी. अंग्रेजी नहीं आती थी. हिंदी के डिक्शन में भी परेशानी थी. बहुत रिजेक्शन भी झेला, लेकिन मेहनत बहुत किया. मेहनत करने से जो मौके बनते हैं, मैं उसी को किस्मत मानता हूं.

टेलीविजन शो ‘चांद जलने लगा’ की खास बात आपको क्या लगी?

टेलीविजन पिछले पांच सालों में काफी बदला है. सामाजिक कहानियां बहुत आ गयी हैं, जिसमें हर कहानी कुछ ना कुछ मैसेज दे रही है. जो मुझे मिसिंग लग रहा था और मुझे लगता है कि दर्शकों को लग रहा होगा, वो है एक प्रेम कहानी. सभी को दो प्यारे-प्यारे लोग और उनके प्रेम कहानी को देखना बहुत अच्छा लगता है. वो भी रिबेल टाइप में हो, तो क्या कहना.

बिहार से कितना जुड़ाव रख पाते हैं?

कहां जाइब महाराज. मैं पक्का बिहारी हूं और रहूंगा. साल में दो बार आना-जाना हो जाता है. बिहार को बिहारी से कोई नहीं निकाल सकता है.

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