kangana Ranaut: भीख में मिली आजादी वाले बयान पर अभिनेत्री कंगना रनौत को राहत, खारिज हुआ राष्ट्रदोह का वाद

kangana Ranaut: अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 23 नवंबर 2021 को विशेष अदालत में परिवाद दर्ज करने को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए था.

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2022 9:36 AM
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Agra News: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह एवं मानहानि के तहत दायर किये परिवाद को विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट ने खारिज करने के आदेश किए. परिवाद खारिज हो जाने के बाद अधिवक्ता रमाशंकर ने इस मामले में उच्च कोर्ट में अपील करने की बात कही है. विशेष न्यायधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने यह कहकर परिवाद को खारिज कर दिया कि इसमें वादी का कोई अपमान नहीं किया गया है. जबकि अधिवक्ता रमाशंकर का कहना है कि मैंने तो अपने अपमान की बात प्रार्थना पत्र में लिखी ही नहीं थी.

राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 23 नवंबर 2021 को विशेष अदालत में परिवाद दर्ज करने को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए था. अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का कहना था कि 17 नवंबर 2021 को उन्होंने समाचार पत्रों में अभिनेत्री द्वारा महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी व पोस्ट को पढ़ा. जिसमें आजादी भीख मिली एवं महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का उपहास उड़ाया था.

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अधिवक्ता ने मुकदमे को प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि ‘अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, देशभक्त बलिदानियों व स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों समेत पूरे राष्ट्र का अपमान किया है. प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी थी. उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया. इससे पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी गांधी जी के प्रति अमर्यादित टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मौन साध गए थे. जिससे प्रार्थी समेत अन्य अधिवक्ताओं व करोड़ों देशवासियों की भावना को ठेस पहुंची है’.

इस मामले में अधिवक्ता एवं वादी रमाशंकर शर्मा ने 15 दिसंबर 2021 को मुख्य न्यायिक की अदालत में अपने बयान दर्ज कराए थे. इसके अलावा अधिवक्ता रामदत्त दिवाकर एवं राजेंद्र गुप्ता के बयान अदालत में दर्ज करा मुकदमे के विचारण के लिए विपक्षीगणों को अदालत से उन्हें तलब करने का आग्रह किया था. विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन ने पत्रावली के अवलोकन के बाद पेप्सी फूड्स लिमिटेड बनाम विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट 1998 और पंजाब नेशनल बैंक बनाम सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा की नजीर उद्धत कर परिवादी रमाशंकर शर्मा द्वारा प्रस्तुत मुकदमा खारिज करने के आदेश किए.

विशेष मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद में उक्त तथ्य स्पष्ट नहीं किया है कि परिवादी की कंगना रनौत के वक्तव्य से किस प्रकार मानहानि हुई. विपक्षीगण द्वारा परिवादी को कोई भी अपमानजनक तथ्य नहीं कहा गया है. कंगना रनौत का कथन मात्र वक्तव्य है, उस वक्तव्य को दस संदर्भ में ग्रहण नहीं किया जा सकता कि उनका उद्देश्य परिवादी की मानहानि करना है. राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं मुकदमा प्रस्तुत करने वाले अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा कि वह सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल करेंगे. उक्त मामला देशभक्त शहीदों, राष्ट्रपति महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का है.

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