फिल्म की कमाई कश्मीरी पंडितों को देने का फैसला निर्माता ही ले सकते हैं – दर्शन कुमार
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स इन-दिनों रिकॉर्ड तौर कमाई कर रही है. अब इस फिल्म का अहम हिस्सा बनें अभिनेता दर्शन कुमार ने एक्टिंग को लेकर कई खुलासे किए है.
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स इन-दिनों टिकट खिड़की पर सफलता की नयी कहानी लिख रही है. इस फिल्म का अहम हिस्सा बनें अभिनेता दर्शन कुमार इस कामयाबी को बहुत खास करार देते हुए कहते हैं कि जो इंसाफ की गुहार कश्मीरी हिन्दू पिछले 32 सालों से लगा रहे हैं. वो आवाज हम बनें और लोगों तक ये दर्द पहुंचा. मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे ये मौका दिया. जहां मैं उनकी आवाज बन पाया हूं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
द कश्मीर फाइल्स टिकट खिड़की पर 200 का आंकड़ा पार कर गयी है, इतनी कामयाबी की उम्मीद थी?
जब मैंने यह फिल्म पहली बार पढ़ी थी तो मुझे अनुमान था कि यह फिल्म लोगों को पसंद आएगी, क्योंकि यह सच्ची घटनाओं पर है. जो कुछ भी दिखाया गया है, वो हकीकत है. सबकुछ पब्लिक डोमेन में है. लोग इसके बारे में जानना चाहेंगे, लेकिन इतनी बड़ी हिट होगी. ये मैंने भी नहीं सोचा था. मेरा फोन रिलीज के बाद से बजना बन्द ही नहीं हुआ. ऐसा लग रहा है कि सुनामी आ गयी है. लोग फिल्म से इस कदर जुड़ गए हैं कि अपनी फिल्म समझकर उसे प्रमोट कर रहे हैं, तो इस तरह के रिएक्शन्स की उम्मीद नहीं थी.
आम दर्शकों से किस तरह के आपको कॉम्पलिमेंट मिल रहे हैं?
कुछ दिनों से तो ऐसा हो रहा है कि मेरे किरदार कृष्णा पंडित की तुलना भगवान कृष्ण से हो रही है. आप कलयुग में आए और सत्य का दर्शन कराए. बहुत सारे ट्वीट और इंस्टाग्राम पर यही लिखा जा रहा हैं. लोग जब सामने से हमसे मिल रहे हैं, तो हमारे पैर छू रहे हैं कि आपने ऐसी फिल्म लायी. नम आंखों से कई लोग आशीर्वाद भी दे रहे हैं. कभी ना भूलने वाला ये अनुभव है.
कश्मीर के मुद्दे को लेकर इस फिल्म को करने से पहले आपकी क्या सोच थी और अब कितनी सोच बदली है?
कश्मीर का जब जिक्र होता है तो हमारे सामने एक ही बात होती है कि कश्मीर जन्नत है. इसमें कोई दो राय भी नहीं हैं, लेकिन 1990 में जो हुआ वो बहुत बड़ा धब्बा छोड़ जाता हैं. ये फिल्म देखकर ये बात महसूस होती ही है. हम डेमोक्रेटिक देश में रहते हैं और 32 सालों से उनकी बात को सुना नहीं गया. इतना जुल्म हुआ है. हां, 370 हटने के बाद चीजे बदल रही हैं. वहां के लोकल लोग भी चाहते हैं कि हालात बदले. उनकी तरक्की हो. बिजनेस आए क्योंकि आतंकवाद की वजह से उनका बिजनेस खराब होता जा रहा था. उनके खाने तक के लाले पड़ गए थे. अब चीजे डेवलप हो रही हैं. उम्मीद है कि अब कश्मीर जन्नत के साथ साथ एक अमीर राज्य भी बन जाएगा.
क्या आपको लगता है कि आज का यूथ भी आपके किरदार की तरह ही है जो नरेटिव उनके सामने आता है वो उसे ही सच मान लेते हैं?
जब मैंने फिल्म की शूटिंग शुरू की थी तो मुझे भी यही महसूस हुआ था. मैंने ये भी पाया कि कृष्णा पंडित दर्शक ही हैं. जहां जहां कृष्णा पंडित अलग अलग नरेटिव की वजह से कंफ्यूज है. वहां लोग भी कंफ्यूज हैं. जब कृष्णा पंडित सब जान लेता है और आखिर में मोनोलॉग बोलता है, तो दर्शकों को भी लगता है कि सच पता चल गया. ये चीजे कभी हमारे सामने नहीं लायी गयी, इसलिए मेरे किरदार से लोग ज्यादा रिलेट कर पा रहे हैं.
वो मोनोलॉग बोलना कितना मुश्किल था?
वो मेरे आज तक के कैरियर का सबसे मुश्किल सीन था. जब मैंने वो पढ़ा था तो 13 पेज का वो मोनोलॉग था. सिर्फ दो तीन काउंटर क्वेश्चन थे. मेरे जेहन में ये बात भी आ रही थी कि आमतौर पर इतने लंबे डायलॉग के वक़्त दर्शकों का ध्यान बंट जाता है. उनको लगता है कि सीन ड्रैग हो रहा है. मैंने विवेक जी को बोला कि मैं ये सीन एक टेक में करना चाहता हूं. वो एकदम चकित रह गए. उन्होंने कहा कि नहीं, ये दो पेज का पूरा सीन है।इस मोनोलॉग का एक एक शब्द मोती है, जो लोगों तक पहुंचना चाहिए तो मैं इसे दो दिन में शूट करूंगा. आप टेंशन मत लो, इसे पैचेज की तरह याद कर लो और मैं इसे अलग अलग एंगल से बहुत खूबसूरती के साथ शूट करूंगा. आप टेंशन मत लीजिए, लेकिन मुझे डर था कि अगर अलग-अलग पैचेस में मैं इसे बोलता हूं तो बहुत मैकेनिकल हो जाएगा. वो जो कृष्णा पंडित कहना चाहता है, जो बात लोगों तक पहुंचनी चाहिए. वो नहीं हो पाएगी. जो-जो एक लाइन मैंने मोनोलॉग के अंदर बोली है. वो मैंने स्टडी किया, जो भी पब्लिक डोमेन में था. मैंने एक एक चीज खंगाल निकाली, क्योंकि मुझे लगा कि जो मैं बोल रहा हूं, वो मुझे खुद कन्विंस होना जरूरी हैं तभी वो बात मैं दर्शकों तक पहुंचा पाऊंगा. डायलॉग में भक्त कवियत्री ललेश्वरी का जिक्र है तो उनके जो भी गीत हैं. मैंने सभी को सुना. ललित आदित्य जो हमारे महान राजा थे. उनके बारे में खूब पढ़ा, जो भी पढ़ा. वो सब मैंने अपने जेहन में रखा. मैंने वो पूरा मोनोलॉग 25 मिनट का वन टेक में किया, जो भी काउंटर क्वेश्चन हुए. वो मेरे बैक से शूट हुए. पूरा वन टेक शॉट है.
जब आप इस तरह की इंटेंस फिल्म का हिस्सा होते हैं तो इंसान के तौर कितना वो आपको परेशान कर जाती है?
मुझे सबसे पहले वो वीडियोज दिखाए गए, जो पल्लवी जी और विवेक सर ने पूरी दुनिया में रह रहे कश्मीरी पंडितों के इंटरव्यू के दौरान लिया था. जिनके साथ ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी. जिनकी फैमिली के साथ वो हुआ था. उसे सुनने के बाद मैं सुन्न पड़ गया था. वो एक बेचैनी पूरे फिल्म के दौरान बनी थी. मुझे नहीं लगता कि इस दौरान मैं किसी भी रात को चैन से सो पाया. मैं खुद से बड़बड़ाने लगा था. थोड़ा चिड़चिड़ा भी रहने लगा, क्योंकि मैं मेथड एक्टर हूं. आधी-आधी रात को मैं उठकर बैठ जाता था जैसा कि कुछ बुरा मेरे साथ होने वाला है. फिल्म खत्म हो जाने के बाद मुझे दो हफ्ते का ब्रेक लेना पड़ा. मैं एक हिल स्टेशन पर गया और मैंने मेडिटेशन का सहारा लिया. कॉमेडी फिल्में देखी. सोचिए मेरा ये हाल था तो जिन लोगों ने भुगता है. उनके साथ क्या हुआ होगा. वो लोग अभी भी अकेले नहीं सो पाते हैं. लाइट्स ऑफ करके नहीं रह पाते हैं.
फिल्म लोगों को बहुत पसंद आ रही हैं लेकिन कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ये फिल्म निष्पक्ष नहीं है पूरे मुस्लिम समुदाय को पर सवालिया निशान लगाती है?
हम डेमोक्रेटिक कंट्री में रहते हैं. सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन यह फिल्म किसी जाति के खिलाफ नहीं है और ना ही पार्टी के, ना ही किसी समुदाय के खिलाफ. यह सिर्फ आंतकवाद के खिलाफ है. हम हर दिन जस्टिस की बातें करते हैं. मानवता की बात करते हैं. हमारी फ़िल्म बताती है कि अगर हमारे बीच से ह्यूमानिटी गायब हो जाती है तो क्या होगा. अगर आप गौर करेंगी तो मैंने फिल्म में अपनी स्पीच में बोला भी है कि 90 की उस त्रासदी में सिर्फ कश्मीरी हिंदुओं को ही नहीं मारा गया था बल्कि मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों, गुज्जर को भी मारा गया है. यहां तक की कश्मीर की आत्मा को भी मार दिया गया.
फिल्म के जबरदस्त कलेक्शन को देखते हुए ऐसी भी चर्चा शुरू हो गयी है कि फिल्म की कमाई का कुछ हिस्सा कश्मीरी पंडितों को दिया जाना चाहिए?
ये प्रोड्यूसर ही इसका सही जवाब दे सकते हैं. उनकी फिल्म होती है. सारा फैसला वही ले सकते हैं.
आपकी आनेवाली फिल्में
धोखा मेरी अगली फिल्म है. आर माधवन उसमें मेरे साथ हैं. आश्रम 3 की शूटिंग खत्म हो गयी, वो भी शायद एक दो महीने में आ जाए