दरभंगा: लॉकडाउन के बीच अपने पिता को साइकिल पर बैठा कर हरियाणा के गुरुग्राम से दरभंगा पहुंचने वाली बिहार की बेटी ज्योति कुमारी इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक विनोद कापड़ी ज्योति कुमारी की इस यात्रा पर फ़िल्म बनाने की घोषणा कर चुके हैं. वहीं मंगलवार को ज्योति कुमारी से मिलने F K मीडिया प्रोडक्शन के मैनेजिंग डायरेक्टर फरहान खान अपनी डायरेक्टर बहन फलक खान पहुंचे थे.
उन्होंने भी ज्योति कुमारी के सामने उनके सफर पर आधारित फिल्म बनाने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि कोई एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ. उन्होंने ज्योति कुमारी को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया और फिर वापस लौट गए. बताया जा रहा है कि फरहान खान और फलक खान मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. दोनों लॉकडाउन में यहीं फंसे थे.
गौरतलब है कि लॉकडाउन में दरभंगा की रहने वाली 15 वर्षीय ज्योति ने अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम, हरियाणा से 8 दिनों में दरभंगा तक 1200 किलोमीटर का सफर तय किया था. बता दें कि मिस ‘टनकपुर’ और ‘पीहू’ जैसी फिल्में बना चुके निर्देशक विनोद कापड़ी अब ज्योति कुमारी की इस यात्रा पर फ़िल्म बनाने जा रहे हैं. उन्होंने ज्योति के पिता से फ़िल्म बनाने के लिए कानूनी तौर पर राइट्स ले लिए हैं.
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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति की कहानी को अपने ट्वीटर अंकाउट से शेयर किया था. इवांका ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल से सात दिनों में 1200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गयी. इवांका ने आगे लिखा कि यह भारतीयों की सहनशीलता और उनके अगाध प्रेम के भावना का परिचायक है और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
गौरतलब है कि दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव निवासी मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे. हालांकि वे दुर्घटना के शिकार हो गये. सूचना मिलने के बाद अपने पिता की देखभाल के लिये 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गयी थी. इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी बंदी हो गयी. आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति ने साइकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी. ज्योति अपने पिता को इस पुरानी साइकिल के कैरियर पर एक बैग लिये बिठाया और 8 दिनों की लंबी और कष्टदायी यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंच गयी.
इनपुट : दरभंगा कमतौल से शिवेंद्र कुमार शर्मा
posted by: Budhmani Minj