Do Patti Sequel: क्या कनिका ढिल्लों फिर से कैजुअल फेमिनिज्म का रूट लेंगी या इस बार बातें समझदारी की होंगी, क्या कुछ होगा कहानी में, जाने
'दो पट्टी' का सीक्वल आ सकता है, लेकिन क्या इस बार कहानी में बैलेंस होगा? जानें क्या कहती हैं चर्चाएं.
Do Patti Sequel: कृति सैनन, काजोल और शहीर शेख की नेटफ्लिक्स फिल्म ‘दो पट्टी’ को लेकर सोशल मीडिया पर मिक्स्ड रिव्यूज मिल रहे हैं, कुछ लोगों ने इसे एक शानदार थ्रिलर बताया, तो कुछ ने इसे प्रेडिक्टेबल कहा. लेकिन एक चीज पर सभी का इत्तेफाक था – ये कृति सैनन की अब तक की बेस्ट परफॉर्मेंस थी.
दो पत्ती सीक्वल की पॉसिबिलिटी
फिल्म का अंत किसी क्लिफहैंगर पर नहीं हुआ, लेकिन कहानी में कई चीजे अधूरी रह गईं, जो सीक्वल की ओर इशारा कर रही हैं, दो पत्ती दो जुड़वां बहनों की कहानी है, जो एक ही इंसान से प्यार करती हैं जिसका किरदार शहीर शेख ने निभाया है.
कनिका ढिल्लों का फेमिनिज्म का एप्रोच
कनिका ढिल्लों ने ‘दो पत्ती’ में इमोशनल और फिजिकल एब्यूज, घरेलू हिंसा, जलन, बहनों में पप्रॉब्लम, और मेंटल हेल्थ जैसे कई मुद्दों को उठाया. लेकिन कहानी में कैजुअल फेमिनिज्म का एंगल ऐसा था जो एक पॉइंट के बाद समझ में नहीं आता. असल में, कभी-कभी ऐसा लगता है कि फेमिनिज्म का मतलब सिर्फ पुरुषों को नीचा दिखाना रह गया है, जो सही नहीं है. फेमिनिज्म का मतलब जेंडर इक्वालिटी होता है, न कि पितृसत्ता का उल्टा.
क्या दो पत्ती सीक्वल में सेंस और बैलेंस मिलेगा ?
दो पत्ती में कनिका ढिल्लों ने जो कैजुअल फेमिनिज्म दिखाया है, उससे कहानी में बैलेंस की कमी नजर आई, अब अगर सीक्वल आता है, तो उम्मीद की जा रही है कि कनिका इस बार एक ऐसा मैसेज लाएंगी, जो जेंडर इक्वालिटी को सही तरीके से पेश करेगा. फेमिनिज्म का मतलब सिर्फ महिला अधिकारों के लिए खड़ा होना ही नहीं, बल्कि सही को सही और गलत को गलत ठहराना भी होना चाहिए.
दो पत्ती का सीक्वल एक मौका हो सकता है कि कनिका ढिल्लों एक ऐसा बैलेंस क्रिएट करें, जिससे समाज को सही मैसेज मिले और इस फेमिनिज्म कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल हो.