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Drishyam 2 फेम अभिनेत्री श्रिया सरन बोली- मैं चाहती हूं, मेरी बेटी बड़ी होकर मुझ पर गर्व करें

अजय देवगन और श्रिया सरन स्टारर फिल्म दृश्यम 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म को लेकर अब श्रिया ने कई बातें की है. उन्होंने कहा, कि फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है. मैं चाहती हूं, मेरी बेटी बड़ी होकर मुझ पर गर्व करें

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म दृश्यम 2 में अभिनेत्री श्रिया सरन एक बार फिर नंदिनी के किरदार में नजर आ रही है. वह बताती है कि फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है. जिससे नंदिनी का किरदार करना उनके लिए आसान हो गया था. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश

दृश्यम 2 सुपरहिट फ्रेंचाइजी फिल्म है, आप इसका हिस्सा पहले भी रही हैं,तो इसलिए हां कहना आसान था

स्क्रिप्ट ने सबकुछ आसान कर दिया. इसी ऑफिस में नरेशन हुआ था, जिन्होंने फिल्म के निर्देशक अभिषेक के साथ यें फिल्म लिखी है जीशु जोसेफ. उन्होंने ही मुझे इस फिल्म का नरेशन दिया था, वो सुना सुनाकर भावुक भी कर रहे थे और हंसा भी रहे थे. वो सबकी आवाज भी निकालते हैं, कभी अजय देवगन की आवाज, कभी अक्षय खन्ना की. मैं जोर-जोर से हंस रही थी. जब नरेशन खत्म हुआ, तो अभिषेक आया और मुझे कहा कि खुशी हुई कि तुम्हे स्क्रिप्ट पसंद आयी, क्यूंकि तुम्हारे हंसने और चिल्लाने की आवाज बाहर तक आ रही थी. वाकई अभिषेक ने बहुत अच्छी स्क्रिप्ट जीशु जोसेफ के साथ मिलकर लिखी है. उन्होंने नये तरीके से फिर से स्क्रिप्ट लिखी. चीजों को फिर से समझा. किरदारों को ट्रीटमेंट अलग से दिया है.

दृश्यम फिल्म की सबसे बड़ी खासियत आपको क्या लगती है ?

ये फिल्म एक केस स्टडी के तौर पर है. एक ऐसी कहानी जिसे लगभग हर भाषा में बनाया गया है और सभी सफल भी रही हैं. मणिरत्नम सर की कुछ फिल्में थी, जो हर भाषा में चली. शंकर सर की फिल्में भी वैसा जादू करती आयी है. कई बार तो उनकी फिल्में डब हुए बिना भी लोगों ने देखी है और वे उनके दिल को छू भी गयी. फिलहाल राजामौली की फिल्म भी वह अपील रखती हैं. दृश्यम कहानी एक है, लेकिन निर्देशक और कलाकार अलग होते हैं. इसके बावजूद यह फिल्म सभी को पसंद आ रही है.

आपने दृश्यम का ओरिजिनल वर्जन मलयालम वाला देखा है क्या?

अभिषेक ने मुझे कहा था कि वह स्क्रिप्ट को रीराइट कर रहे हैं, तो मैं उनका फ्रेश अप्रोच देखना चाहती थी, इसलिए मैंने मलयालम वाली फिल्म नहीं देखी. यह फिल्म मलयालम वाली से अलग तरह से कहानी को ट्रीट करती है.यह उससे ज्यादा फास्ट और ग्रिपिंग है.यह मुझे उन सभी लोगों ने बताया, जिन्होने फिल्म देखी है.

निशिकांत कामत को दृश्यम 2 की शूटिंग में कितना मिस किया?

पहला सीन जो किया था दृश्यम 2 का, वो ये है कि हमारा परिवार ब्रेकफास्ट टेबल पर बैठा है. उस दृश्य की शूटिंग करते हुए एकदम से मेरी आवाज निकलने वाली थी निशि सर, क्यूंकि जेहन में था दृश्यम, नंदिनी और निशि सर, लेकिन वो थे नहीं. हम हमेशा उनको मिस करेंगे. वे अपने एक्टर्स को बहुत फ्रीडम देते थे, जो तुम्हे करना है, जैसे तुम्हे करना है करो. वह कमाल के निर्देशक थे. उनकी समझ बहुत अच्छी थी, वो छोटी-छोटी चीजों की कमाल की समझ रखते थे. मुझे याद है कि एक दृश्य में उन्हें मुझे पीली साड़ी ही पहनानी थी. मैंने बोला भी सर मुझे गेंदाफूल बनना जरूरी है क्या, बोले हां मुरझाया गेंदाफूल आपको दिखाना है. वाकई उस सीन में आप स्क्रीन का कलर पैलेट देखोगे, वो कमाल का था.

इस फिल्म की कास्टिंग में कई कमाल के एक्टर्स का नाम जुड़ा है, क्या इससे इस बार फिल्म को निर्देशित कर रहे अभिषेक का काम आसान हो गया ?

इस सवाल का जवाब अभिषेक ही दे सकते हैं. कहानी भले एक हो, लेकिन हर निर्देशक का उसे बनाने का तरीका अलग होता है. अभिषेक ने इस फिल्म में बहुत ज्यादा अपना फ्लेवर दिया है. वे सभी किरदारों को समझ चुके थे.

दृश्यम की पहली फ्रेंचाइजी फिल्म की सफलता से जुडी क्या खास यादें रही हैं?

ये फिल्म धीरे-धीरे सुपरहिट हुई थी. रिलीज के बाद लोगों ने कहा कि अच्छी है, फिर कुछ हफ्ते बाद बहुत अच्छी है. एक साल के बाद हुआ कि बहुत ही अच्छी फिल्म थी. (हंसते हुए) मुझे लगा कि अभी सोकर ये लोग जगे हैं क्या. 2015 में यह फिल्म पूरे साल चर्चा में रही. गुजरते समय के साथ चर्चा बढ़ती गयी. अभी भी मुझे जब दो अक्टूबर वाले मीम्स मिलते हैं, तो बहुत हंसी आती है.

साउथ का सिनेमा इन-दिनों पूरे भारत की पहली पसंद बन चुका है, ऐसे में क्या साउथ के हिंदी रिमेक आगे भी आप करेंगी?

यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगा कि डायरेक्टर कौन है और कहानी पर उसका अलग टेक क्या है. फ्रेम टू फ्रेम उसी कहानी को कहने का कोई मतलब नहीं है.

आप बहुत कम हिंदी प्रोजेक्ट्स में नजर आती हैं?

मैं चूजी नहीं हूं, जो काम मेरे पास आता है. मैं उसी में से चुनती हूं. कभी अच्छा काम मिल जाता है कभी नहीं. यही एक्टिंग करियर में होता भी है.

हाल ही में आप मां भी बन गयी है क्या प्राथमिकताएं बदली हैं?

नहीं, मेरी सोच और चॉइसेज में कोई फर्क नहीं आया है.

बेबी और काम के बीच आप किस तरह से बैलेंस कर रही हैं?

मैं मुम्बई में ही इस वक्त रह रही हूं. बहुत सारा काम भी कर रही हूं. मेरी बेटी सात महीने की थी, तभी मैं काम पर चली गयी थी. दृश्यम 2, फिल्म कब्जा, जिसमें उपेंद्र और सुदीप मेरे साथ हैं और शरमन जोशी के साथ म्यूजिक स्कूल फिल्म पूरी कर ली है. मैंने नॉन स्टॉप काम किया.

अक्सर ये बाते सुनने को मिलती हैं कि वर्किंग मदर को हमेशा गिल्ट होता है कि वह बच्चे से ज्यादा काम को समय दे रही हैं?

मेरी कोशिश रहती है कि जो काम करूं दिल लगाकर करूं, ताकि बड़े होकर जब मेरी बेटी राधा मेरी फिल्में देखे, तो वो मुझ पर बहुत गर्व करें. मैं एक गर्ल नेक्स्ट रही हूं, मैं लोगों के लिए उदाहरण भी बनना चाहती हूं कि कोई भी मेरी जगह आ सकता है.

अपनी किस एक खूबी को आप अपनी बेटी में देखना चाहेंगी?

जिन्दगी के प्रति शुक्रगुजार होने का अपना गुण मैं अपनी बेटी में देखना चाहूंगी.

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