झारखंड की राजधानी रांची के रंगकर्मियों ने शनिवार को ऑड्रे हाउस में एक आपात बैठक की. बैठक में हेमंत सोरेन सरकार से मांग की गयी कि ऑड्रे हाउस को रंगकर्मियों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाये, ताकि उनकी कला यात्रा जारी रहे. बैठक में शामिल कलाकारों ने कहा कि शहर में कला भवन का नहीं होना और जो कुछ सभागार उपलब्ध हैं, उनके किराये में वृद्धि चिंता का विषय है.
आर्यभट्ट सभागार का किराया बढ़ने से रंगकर्मी खफा
कलाकारों ने रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट सभागार के किराये में भारी-भरकम वृद्धि पर आक्रोश जताया. रंगकर्मियों ने बताया कि पूर्व में आर्यभट्ट सभागार कलाकारों को 55 हजार रुपये के किराये पर उपलब्ध कराया जाता था. अब इसका किराया बढ़ाकर 2 लाख 21 हजार रुपये कर दिया गया है. एक सभागार के किराये में इतनी भारी वृद्धि कलाकारों से मंच छीन लेने जैसा है.
कला-संस्कृति के केंद्र के रूप में विकसित हो ऑड्रे हाउस
इसलिए कलाकारों ने मांग की है कि ऑड्रे हाउस को उनके कला प्रदर्शन के लिए नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाये. कहा कि इसे कला-संस्कृति केंद्र के रूप में विकसित करते हुए कलाकर्मियों को समर्पित कर दिया जाये, क्योंकि कला-संस्कृति ही किसी भी राज्य की पहचान होती है. बता दें कि अभी ऑड्रे हाउस का एक दिन का किराया 10 हजार रुपये है.
कला-संस्कृति की यात्रा पर लग जायेगा विराम: संजय लाल
इस अवसर पर एक्सपोजर नाट्य संस्था के निदेशक संजय लाल ने कहा कि शहर में कलाकारों की सुविधा के लिए एक भी सभागार नहीं है. ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों को केंद्र के रूप में चुना जाता है. किराया बढ़ाये जाने से कला-संस्कृति की यात्रा पर ही विराम लग जायेगा. यह कला-संस्कृति के विकास के लिए नुकसानदायक होगा.
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सत्ता में बैठे लोग कला-संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल करें : अंकन
डॉ सुशील कुमार अंकन ने कहा कि कला-संस्कृति को बढ़ावा देने एवं कलाकारों को प्रोत्साहन देने की दिशा में सत्ता में बैठे लोगों को सार्थक पहल करने की जरूरत है. बैठक में वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ कमल कुमार बोस, मिथिलेश पाठक, शिशिर पंडित, राकेश चंद्र गुप्ता, शंकर पाठक, दीपक चौधरी, फजल इमाम, कैलाश मानव, कृष्णा सारथी, संजय अंबष्ट, रीना सहाय, विनोद कुमार जायसवाल, अभिराज, ओमप्रकाश ,सूरज खन्ना, दीपक लोहार, ऋषिकेश लाल व अन्य उपस्थित थे.