Bhaukaal Actress Bidita Bagh : बाबूमोशाय बन्दूकबाज़, शोले गर्ल, भौकाल जैसे पॉपुलर प्रोजेक्ट्स का अहम हिस्सा रही अभिनेत्री बिदिता बाग (Bidita Bag) हाल ही में हॉटस्टार की वेब सीरीज हम दो हमारे पांच में नज़र आईं थी. उनके आगामी प्रोजेक्ट्स और करियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…
भौकाल 2 की शूटिंग फिर से कब शुरू होगी?
मुझे लगता है कि अभी इसमें समय जाएगा. पूरी कास्ट एंड क्रू वैक्सीनेट होगी. उसके बाद ही शूटिंग शुरू होगी. मार्च में शूटिंग शुरू ही हुई थी कि एक एक्टर कोरोना से संक्रमित हो गया और बाद में उसकी मौत भी हो गयी तो चीज़ें पूरी तरह से रुक गयी हैं. सबकुछ नार्मल होने में अभी डेढ़ से दो महीने का समय जाएगा. उसके बाद ही हम लखनऊ में फिर से शूटिंग शुरू कर पाएंगे. फिलहाल प्रोडक्शन हाउस और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जिन फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग अटकी पड़ी है. उनके सभी कलाकारों को वैक्सीन मुहैया करवा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द शूटिंग शुरू हो सके.
आपकी पिछली रिलीज वेब सीरीज हम दो हमारे पांच अडॉप्शन के मुद्दे को उठाती है आपकी क्या सोच है?
हम तो हमारे पांच को अच्छे रिव्यू मिले. यह सीरीज अडॉप्टेशन को अहम मुद्दे को उठाती है. जिस पर बहुत कम ही फिल्में या वेब सीरीज बनी हैं. एडॉप्शन का जो प्रोसेस भारत में है. वो बहुत मुश्किल है. सरकार को प्रोसेस थोड़ा आसान बनाना चाहिए क्योंकि कई लोग हैंजो अडॉप्ट करना चाहते हैं लेकिन लीगल प्रोसेस में ऐसे उलझ जाते हैं कि कर नहीं पाते हैं. कोविड की वजह से कितने बच्चे अनाथ हो गए हैं.
जिस तरह से आपको ऑफर्स आ रहे हैंउससे खुश हैं?
दूसरों से तुलना करुं तो नहीं हूं लेकिन मैंने जहां से शुरू किया था और आज जहां हूं. उस जर्नी को देखूं तो खुश हूं. मेरा फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है. जब शुरू किया था तो हिंदी बोलनी नहीं आती थी . आज मैंने हिंदी में इतने सारे प्रोजेक्ट कर लिए.
आप फिल्में कम कर रही हैं क्या ऑफर्स कम आ रहे हैं?
2019 में पैर में फ्रैक्चर हो गया था उससे उबरी तो फिर कोरोना आ गया. जिस वजह से मेरे कई प्रोजेक्ट्स ऑनलाइन रिलीज हुए. करियर सही दिशा में जा ही रहा था.पहले चोट फिर कोरोना ने चीज़ें पूरी तरह बदल दी.
क्या आप इन सब वजहों से आप अवसाद का भी सामना करती है?
अगर मैं सिर्फ अपनी परेशानियों को देखूं तो मुझे अवसाद हो सकता है लेकिन मैं जब दूसरों की परेशानी देखती हूं तो मुझे लगता है कि मेरी कोई परेशानी ही नहीं है. लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है. कितने लोगों की नौकरी चली गयी है.
एक्टिंग प्रोफेशन की क्या चुनौतियां होती हैं खासकर जब आप आउटसाइडर्स हो?
एक्टर की लाइफ थोड़ी अलग ही है. हमें हर दिन रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है. प्रतिस्पर्धा दिन ब दिन बढ़ती जाती है क्योंकि हर दिन एक्टर बनने के लिए लोग मुम्बई आते हैं. यहां पावर गेम है. कई बार आप फ़िल्म के लिए साइन हो जाते हैं लेकिन किसी के अच्छे पॉलिटिकल कनेक्शन या किसी रसूखदार इंसान से परिचय आपकी जगह उनका सेलेक्शन फ़िल्म में करवा देता है और आपको अखबारों से पता चलता है कि फ़िल्म में आपकी जगह किसी और को ले लिया गया है. एक नेपोटिज्म गैंग भी है. मैं उनको बुरा नहीं बोल रही हूं लेकिन स्टार्स किड्स को पूरी तैयारी के साथ तैयार किया जा रहा है. बड़े से बड़ा एक्टिंग स्कूल भेजा जाता है. हमलोग बिना तैयारी के आ रहे हैं. हमारे घरवाले भी हमारे करियर के चुनाव को नहीं समझते हैं. उनके साथ भी लड़ाई रहती है.
क्या आपने प्लान बी रखा है कि एक्टिंग में नहीं कुछ हुआ तो ये कर लूंगी?
वैसे मैं कई चीज़ें कर सकती हूं. मैं पढ़ाई में अच्छी थी इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हूं. पेंटिंग भी कर लेती हूं. गाना भी ठीक ठाक गा लेती हूं.इंस्ट्रूमेंट भी अच्छा बजा लेती हूं. मैं अच्छी टीचर भी हूं.अभी तक तो नहीं सोचा है. अगर कुछ नहीं हुआ तो रेस्टोरेंट शुरू कर दूंगी और फिल्मों के सेट पर खाना डिलीवर करूँगी. बंगाली खाना और मिठाई सभी को पसंद है.