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Exclusive : जनता की डिमांड आजकल कॉमन चेहरा है इसलिए मेकर्स को मौका देना पड़ रहा है – श्रीधर

exclusive Ajeeb Daastaans actor shreedhar says Demand of the public is a common face so the makers have to give a chance bud : करण जौहर की एंथोलॉजी फ़िल्म अजीब दास्तांस नेटफ्लिक्स पर इनदिनों स्ट्रीम हो रही है. इस फ़िल्म में कोंकणा सेनशर्मा,अदिति राव हैदरी,शेफाली शाह,मानव कौल जैसे पॉपुलर चेहरों के बीच सोन चिड़िया और रात अकेली है फेम अभिनेता श्रीधर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं.

करण जौहर की एंथोलॉजी फ़िल्म अजीब दास्तांस नेटफ्लिक्स पर इनदिनों स्ट्रीम हो रही है. इस फ़िल्म में कोंकणा सेनशर्मा,अदिति राव हैदरी,शेफाली शाह,मानव कौल जैसे पॉपुलर चेहरों के बीच सोन चिड़िया और रात अकेली है फेम अभिनेता श्रीधर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. वे इस एंथोलॉजी की दो कहानियों गिली पुच्ची औऱ खिलौना में नज़र आ रहे हैं. उर्मिला कोरी से हुई खास बातचीत…

आप इस एंथोलॉजी की दो कहानियों का हिस्सा हैं आमतौर पर ऐसा होता नहीं है

ये अनजाने में हुआ. दो साल पहले ही यह फ़िल्म बननी शुरू हो गयी थी.उस वक़्त खिलौना फ़िल्म थी. उसे मैंने किया. अक्टूबर में दूसरे कास्टिंग डायरेक्टर जोगी जी की तरफ से मुझे फ़ोन आया. कुछ बताते तो हैं नहीं उनका अपना प्रोटोकॉल होता है. गिली पुच्ची एंथोलॉजी फ़िल्म ही है खिलौना की, ये पता ही नहीं थी. अभी दो तीन महीने पहले ही पता चली कि दोनों कहानियां एक ही एंथोलॉजी का हिस्सा है. नीरज घेवान ने मुझे फ़ोन कर पूछा कि क्या तुमने धर्मा की कोई शार्ट फ़िल्म की है तो मैंने बहुत आत्म विश्वास के साथ कहा कि हां की है. मेरे लिए बहुत प्राउड वाली बात थी भाई तब नीरज ने बताया कि धर्मा की ही शार्ट फ़िल्म गिली पुच्ची भी है उन्हें पहले पता होता तो शायद मुझे नहीं कास्ट करते. कोरोना काल में थोड़ा लोगों के बीच बातचीत कम हो रही थी सभी अलग अलग जगहों पर अपने काम कर रहे थे तो उसका मुझे फायदा मिल गया और एक अच्छी एंथोलॉजी फ़िल्म का हिस्सा बन गया.

धर्मा प्रोडक्शन की फ़िल्म का हिस्सा बनना एक एक्टर के लिए कितना मायने रखता है

ओटीटी प्लेटफार्म आ जाने के बाद से उतना महत्व नहीं रखता है. ढाई साल पहले जब खिलौना फ़िल्म के लिए फ़ोन आया था तो उस वक़्त धर्मा मैटर करता है. हम जैसे एवरेज दिखने वाले एक्टर के लिए तो बहुत मायने रखता था क्योंकि जब आपको फ़ोन आता है तो आपको पहले लगता है कि गलती से तो नहीं लग गया या इनको मेरा लुक तो पता है ना.पहला सवाल यही होता है कि मैं अपनी हालिया फ़ोटो पहले आपको भेज दूं क्या. हमारे जैसे लुक वाले एक्टर क्या धर्मा में फिट बैठते हैं ये सवाल दिमाग में बना हुआ था. अच्छी बात ये हैं कि इन दो सालों में ये टूटा है एक तो ओटीटी की वजह से और दूसरा अब धर्मा सुर यशराज जैसे बैनर रियल लाइफ स्टोरीज की तरफ फोकस करते हैं. छोटे छोटे कस्बों की कहानी उठा रहे हैं तो हम जैसे लुक वाले लोगों के लिए भी दरवाजे खुले हैं.

गिली पुच्ची में कोंकणा सेनशर्मा के साथ स्क्रीन शेयर करना कितना यादगार रहा

उस फिल्म को हां कहने की अहम वजहों में से एक कोंकणा सेनशर्मा थी. किरदार के प्रति उनका समपर्ण अभी भी किसी नवोदित कलाकार जैसा है. फ़िल्म में उनके जो बाल का स्टीलर है. वो खुद उसे बनाती थी और पूरा समय सेट पर वैसे ही रहती थी. उन्होंने फिल्म में जो जूते फैक्ट्री में पहने हैं. वो ऑफ स्क्रीन भी उनको पहनकर चलती थी ताकि फैक्ट्री वाले सीन में ऐसा ना लगे कि उन्होंने दो मिनट के लिए जूते पहने हैं. वो उसमें एकदम सहज लगना चाहती थी. वो संवाद को जिस तरह से खुद बोलकर कभी दूसरों को सुनाकर रिहर्सल करती थी. मुझे थिएटर के दिनों की याद आ गयी. वो अभी भी एक स्टूडेंट की तरह सेट पर मौजूद होती हैं जिसे अभी भी सीखना है इसलिए वो इतना बेहतरीन हमेशा कर पाती हैं.

आपके आगामी प्रोजेक्ट्स

इम्तियाज़ सर की एक वेब सीरीज की शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली है. इसके अलावा हॉटस्टार पर एक सीरीज जल्द ही प्रसारित होने वाली है. फिल्मों की बात करूं तोमेरी दो फिल्में अभी होल्ड पर चली गयी है. शूटिंग कब शुरू होगी पता नहीं है. 2020 में जो फिलमें फ्लोर पर गयी अभी उनकी शूटिंग पूरी करना प्रोडक्शन हाउस की प्राथमिकता होगी क्योंकि उसमें कुछ पैसे लग चुके हैं.

ओटीटी फिल्मों का नया माध्यम बन गया है

ओटीटी से सबको प्रेम नहीं हो सकता है. ओटीटी ने उन फिल्मों को बड़ा होप दिया है . जिन फिल्मों को थिएटर मिलने में दिक्कत होती थी लेकिन जो फ़िल्म मेकर या एक्टर एक आत्मविश्वास या कहे रुतबे के साथ उतरते थे कि अगला साल मेरा होगा. ये त्योहार मेरा. मेरी फिल्म 400का रिकॉर्ड करेगी. उनके लिए ओटीटी मजबूरी हो सकता है मर्जी नहीं.

आप कई विज्ञापन फिल्मों में भी नज़र आ रहे हैं

सच कहूं तो मेरा किचन एड फिल्मों ने संभाले रखा है. ये मेरी फिल्म रात अकेली है की वजह से हुआ है या आजकल जनता की डिमांड है कि उन्हें कॉमन चेहरा ही विज्ञापनों में भी देखना है. बड़े बड़े ब्रांड्स मिले. सलमान खान और अक्षय कुमार जिस रिवाइटल का चेहरा थे, उसका मौजूदा चेहरा मैं बन गया हूं. मुझे जब फ़ोन आया तो सोचा था छोटा मोटा रोल होगा लेकिन जब उन्होंने मुझे बताया कि विज्ञापन फ़िल्म का चेहरा मैं हूं तो मुझे आश्चर्य हुआ. मैंने आईने में खुद को देखा कि क्या मैं सलमान ,अक्षय,विराट कोहली की तरह परदे पर एनर्जेटिक नज़र आऊंगा. मैं तो मज़दूर ही दिख सकता हूं खदान खुदवा लो अच्छा खोदेंगे. सरकारी एड के लिए फिट हैं उज्ज्वला योजना टाइप कुछ इस तरह की फीलिंग्स थी लेकिन लगातार बड़ी विज्ञापन फिल्में मिल रही हैं. जिसका कई स्टार्स चेहरा रह चुके हैं.

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