19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सामवेद के मंत्रों को भजन के माध्यम से लाऊंगा सबके सामने: अनूप जलोटा

‘भजन गाने का गुर मुझे विरासत में मिला है. मेरे पिता भी भजन गाया करते थे. बचपन से गायिकी व भजनों में विशेष रूचि ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया. मैं वेदों पर काम करने जा रहा हूं, जिससे आमलोगों तक वेद के मंत्र भावार्थ के साथ संगीत के माध्यम से पहुंच सकें.

कोलकाता (नम्रता पांडेय ): ‘भजन गाने का गुर मुझे विरासत में मिला है. मेरे पिता भी भजन गाया करते थे. बचपन से गायिकी व भजनों में विशेष रूचि ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया. मैं वेदों पर काम करने जा रहा हूं, जिससे आमलोगों तक वेद के मंत्र भावार्थ के साथ संगीत के माध्यम से पहुंच सकें. फिलहाल सामवेद पर काम कर रहा हूं. ये बातें भजन सम्राट अनूप जलोटा ने महानगर स्थित आइसीसीआर के सत्यजीत राय ऑडिटोरियम में आयोजित एक भजन संध्या कार्यक्रम से पूर्व प्रभात खबर की संवाददाता नम्रता पांडेय से बातचीत के दौरान कहीं.

अनूप जलोटा को उनकी भजन गायिकी के लिए 2012 में पद्मश्री भी मिल चुका है. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग वेदों से अपरिचित हैं. वे भी संगीत के माध्यम से इससे जुड़ पायेंगे. श्री जलोटा ने बताया कि अब तक उन्होंने जो भी गाने, गजल व भजन गाये हैं, उनमें से कई उनके द्वारा लिखी गयी हैं और अधिकतर उन्होंने ही कंपोज किया है.

कोलकाता में होनेवाले कार्यक्रम में उन्होंने ‘ऐसी लागी लगन, चदरिया (राग माला), गजल जैसे चांद अंगड़ाइयां ले रहा है, तुम्हें क्या मिला बता दो मेरी जिंदगी बदल कर’ जैसे गीत गाये. उन्होंने बांग्ला में नजरुल गीत ‘मोन जपो नाम रघुपति राघव, रिदी पद् चरण राखो बाका घनश्याम’ जैसे गीत भी गाये.

गौरतलब है कि काजी नजरुल इस्लाम के गीत को मोहम्मद रफी के बाद अनूप जलोटा ने ही गाया है. उन्हें मिले भजन सम्राट के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह भजन को लेकर लंबे समय से काम कर रहे हैं. लोगों को यह पसंद आने लगा और उन्हें भजन सम्राट बना दिया. हालांकि मैं गजल भी गाता हूं. कविताओं व मंत्रों पर भी काम करता हूं.

आजकल के युवाओं को रैप व आधुनिक गानों से ज्यादा प्रभावित होते देखा जा रहा है. उन्हें आप क्या संदेश देना चाहेंगे, पूछने पर उन्होंने कहा कि हर प्रकार की संगीत में मां सरस्वती का वास होता है. लेकिन युवाओं को गालिब सहित अन्य गीतकारों व कवियों को भी सुनना चाहिए, जिससे उन्हें इस विधा की गहराई का अंदाजा होगा.

Also Read: Tadap Movie Review: लव-आशिकी में दिलचस्पी रखने वालों को अच्छी लगेगी अहान शेट्टी की डेब्यू फिल्म

कार्यक्रम के दौरान तबले पर आदित्य नारायण बनर्जी, की-बोर्ड पर कौस्तव राना, सितार पर संदीप बनर्जी, बांसुरी-गौरव दत्ता, साइड रिदम-अशोक घोष व गिटार पर गौतम घोष मौजूद थे. तबला वादक आदित्य बनर्जी ने कहा कि वह कई कार्यक्रम करते आ रहे हैं, लेकिन अनूप जी के साथ संगीत देने का अनुभव ही कुछ और होता है. वहीं, संगीतकार कौस्तव राना ने कहा कि उन्हें अनूप जी का पहला कार्यक्रम याद है, जो उन्होंने कलकत्ता दूरदर्शन में दिया था. जब उनके साथ तबला पर रूप राठौर और गिटार पर गुरुदेव सिंह थे. वह कार्यक्रम उन्होंने देखा था और वह बहुत प्रभावित हुए थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें