EXCLUSIVE : ‘अनुपमा’ फेम रुपाली गांगुली ने शेयर की बचपन की यादें, जानें Mothers Day पर उनकी खास प्लानिंग
Rupali Ganguly on mothers day : स्टार प्लस का पॉपुलर शो अनुपमा इन दिनों दर्शकों का सबसे पसंदीदा शो है. एक औरत और एक मां की कहानी यह शो कह रहा है. शो में अनुपमां की शीर्षक भूमिका अभिनेत्री रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) निभा रही हैं. वे निजी जिंदगी में भी मां हैं. इस मदर्स डे पर उनके उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश...
Rupali Ganguly on mothers day : स्टार प्लस का पॉपुलर शो अनुपमा इन दिनों दर्शकों का सबसे पसंदीदा शो है. एक औरत और एक मां की कहानी यह शो कह रहा है. शो में अनुपमां की शीर्षक भूमिका अभिनेत्री रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) निभा रही हैं. वे निजी जिंदगी में भी मां हैं. इस मदर्स डे पर उनके उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
मुंबई में लॉक डाउन की वजह से मुम्बई से बाहर सीरियल की शूटिंग हो रही है,ऐसे में आपके लिए कितना मुश्किल है अपने बेटे और परिवार से दूर रहना?
यह साढ़े छह साल में पहली बार है जब मैं अपने बच्चे से इतने लंबे समय से दूर हूं. अनुपमा का पहला आउटडोर शूट भी कुछ ही दिनों के लिए था. दो दिनों से ज़्यादा मैं अपने बच्चे से कभी दूर अब तक नहीं रही हूं. मेरा बेटा कुछ दिनों पहले हमारे इस नए सेट पर मुझसे मिलने आया था. मैं अभी भी उस बात को सोचकर रोने लगती हूं जब वह गया. मुंबई में शूटिंग के दौरान भी दिन भर अपने बच्चे से दूर ही रहती थी लेकिन जैसे ही आप घर पहुँचते हैं बच्चे को देखकर आपकी सारी थकान दूर हो जाती है. मैं माता रानी से रात दिन यही प्रार्थना करती हूं कि मुम्बई में लॉकडाउन खत्म हो और वहां शूटिंग शुरू. सच कहूं तो मैं नहीं मेरा बेटा मेरे करियर के लिए बलिदान दे रहा है. अभी ऐसा समय है कि वो ना तो बाहर जाकर खेल सकता है ना दोस्तों से मिल सकता है और ऐसे में मै भी उसके पास नहीं हूं. बस मैं चाहती हूं कि जिस तरह से आज मैं अपनी मां पर प्राउड करती हूं. मेरा बेटा भी मुझपर करें. मेरे पति बहुत अच्छे हैं वो मेरी जिम्मेदारियों को भी इस वक़्त निभा रहे हैं.
आप कोरोना से भी जंग जीत चुकी हैं उस दौरान किस तरह से अपना ख्याल रखा था?
मेरी फैमिली जो यूएस में हैं वो कोविड स्पेशलिस्ट हैं. उन्होंने मुझे बहुत गाइड किया. मैं उन लकी लोगों में से हूं, जो मात्र चार दिनों में ही कोविड पॉजिटिव से नेगेटिव हो गयी थी. दो अप्रैल को मैं पॉजिटिव हूं थी सात अप्रैल को नेगेटिव का रिपोर्ट आ गया था लेकिन मुझे सूंघने और स्वाद का सेेंस 21 अप्रैल के बाद ही आ पाया था. मैं अभी भी ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर रही हूं. तीन लीटर तरल पदार्थ आपको लेना ही चाहिए लेकिन सिर्फ पानी नहीं लेना है ये आपकी बॉडी से एन्जायमस कम कर सकता है तो आधा लीटर पालक का सूप,खिचड़ी और हल्का खाना ताकि आपके शरीर की एनर्जी खाने के पाचन में ना जाए. मेरी खिचड़ी में मेथी का साग भी शामिल रहता था. ओआरएस लीजिए क्योंकि बॉडी को नमक और शक्कर भी चाहिए. मेरे लंग्स में पैचेस भी थे इसलिए मैं दिन में तीन से चार घंटे पेट के बल होकर सोती थी. हर घंटे में दस मिनट आपको वॉक करना है. मैं एक कॉटेज में क्वारन्टीन जहां बहुत सारे पौधे और खूब रोशनी आती थी.
अनुपमा की सफलता ने किस तरह से आपके कैरियर को नयी ऊंचाइयां दी?
मैंने एक्टिंग की शुरुआत चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर की है लेकिन जो एक्टर के तौर मेरा ड्यू है. वो इस शो ने मुझे दिया, ये कहूं तो गलत ना होगा. अब लोगों को इस बात का यकीन हो गया है कि मैं भी परफ़ॉर्मर हूं. मेरे कुछ दोस्त जिन्होंने मुझे सालों तक याद नहीं किया. अब वो मुझे कॉल करते हैं. मेरे पति के दोस्त भी उन्हें बहुत कॉल करते हैं थैंक्स टू अनुपमा.
आपकी मां की आपके बचपन से जुड़ी किस तरह की यादें रहीं हैं?
मेरी माँ रजनी अनिल गांगुली मेरे लिए हमेशा उनकी यही पहचान रही है . मैं ये भूल चुकी थी कि वो रजनी केलकर भी थी. वे वेटरन कोरियोग्राफर सोहनलाल मास्टर जी की असिस्टेंट कोरियोग्राफर्स थी लेकिन हमारे लिए वो हमेशा मम्मी ही थी. वो हमेशा किचन में खाना बनाती रहती थी. चाहे हमारे घर में कोई भी आए. वो बिना खाए नहीं जाते थे. हमारे घर खाने पर मिथुन चक्रवर्ती,राखी गुलज़ार आते रहते थे. पोस्टमैन को भी वो बिना चाय पिलाए जाने नहीं देती थी. वो सभी की परवाह करती थी. किसी को बड़ा छोटा नहीं समझती थी. हम किसी को भी उनके नाम से नहीं बुला सकते थे. सभी को मासी,काकी, चाचा कहते ही थे. जो कचरा लेने के लिए घर पर आती थी उन्हें भी हम लक्ष्मी मासी कहते थे. उन्हें कोई घर में अंदर नहीं बुलाता था लेकिन मेरी माँ उन्हें घर में बुलाकर खाना खिलाती थी. मेरी माँ चालीस लोगों का खाना भी आराम से बना लेती थी. आपको जानकर आश्चय होगा कि मेरी माँ ने शादी के बाद खाना बनाना सीखा क्योंकि उससे पहले तक वो अपने काम में बिजी रहती थी. यही वजह है कि पहली बार उन्होंने मछली सर्फ में धोयी थी क्योंकि उसमें से बहुत गंध आ रही थी. उन्हें लगा कि सर्फ से गंध चला जाएगा.
आप कैसी बच्ची थी?
मैं अपनी मां से हमेशा पिटती रहती थी इससे समझ लीजिए मैं कैसी बच्ची थी क्योंकि मैं आम बच्चों वाले खेल ही नहीं खेलती थी. मैं भिखारी भिखारी खेलती थी कभी नागिन नागिन कभी साई बाबा बन जाती थी. अब ऐसे खेल खेलते देख कोई भी मारेगा ही.
आपकी मां को कब आप पर गर्व हुआ था?
मेरी मम्मी मेरी हर छोटी बड़ी चीज़ में मुझ पर गर्व करती आयी हैं फिर चाहे वो नींबू चम्मच रेस में चौथे स्थान पर आयी थी तब या तीसरी क्लास में मैथ्स में 100 में से 100 मिले. मुझे जब मेरी पहली फ़िल्म मिली थी. जिसका नाम लेते हुए भी मुझे अब शर्म आती है. मेरी मम्मी को उस पर भी प्राउड है. मैं अनुपमा नहीं अनुपमा में कोई फर्नीचर होती तो भी वो मुझ पर प्राउड होती थी. मां इसी का तो नाम है. अभी वो मेरी सबसे बड़ी फैन हैं वो अनुपमा टीवी पर देखने के बाद हॉटस्टार पर भी देखती हैं. मैंने अच्छा कब किया कब नहीं सब वो बताती हैं.
मां से मिली कोई सीख जो आपने हमेशा फॉलो किया?
हमेशा अपनी गरिमा को बनाए रखना. कोई भी फील्ड आप चुनो. आप अपनी गरिमा से कभी भी समझौता नहीं करना. लक्ष्मण रेखा कभी मत क्रॉस करना शायद यही वजह है कि मैं फिल्मों में बड़ा नाम नहीं बना पायी.
आपकी मां के साथ आपका मौजूदा रिश्ता कैसा है?
उम्र के इस पड़ाव में मैं अपनी मां की मां बन गयी हूं. मैं उन्हें बताती हूं कि क्या करना है क्या नहीं. इतना तो मम्मी ने भी ज़िन्दगी भर में मुझे नहीं बोला लेकिन अभी वो 72 साल की हो गयी हैं तो एक बच्चे की तरह हो गयी है. उनको भी कोविड हुआ था. जो चीज़ नहीं खाना था वही वो खाती थी तो उन्हें समझाना पड़ता है.
कभी कोई ऐसी खास घटना जिसके लिए आपने मां को सॉरी कहा हो?
मेरे स्कूल के दिनों में पेरेंट्स मीटिंग में मुझे उनको ले जाने में शर्म आती थी क्योंकि वो अंग्रेज़ी नहीं बोल पाती हैं. उनका लुक भी एकदम सिंपल साड़ी और जूड़ा वाला होता था जबकि मेरे सारे दोस्तों की मम्मियां अंग्रेज़ी एकदम फर्राटे से बोलती थी. फैशन सेंस भी हाई फाय होता था. अनुपमा में पाखी जब ऐसा करती है तो मुझे अपना बचपन याद आ गया और वो गलती भी. उस दिन शूटिंग के बाद मैं मां से मिलने गयी और उन्हें गले लगकर सॉरी कहा.
मदर्स डे पर क्या खास प्लानिंग है?
आप सभी को पता है कि सिलवासा में हम शूटिंग कर रहे हैं. मेरा बेटा मुझसे मिलने आएगा. हर मदर्स डे वो मेरे लिए स्पेशल कार्ड बनाता है. केक और गिफ्ट्स भी देता है. मैं चमत्कार में यकीन करती हूं. उम्मीद करती हूं कि मदर्स डे तक सब अच्छा हो जाए कोरोना केस कम हो जाए ताकि हमारे सीरियल की हर मां अपने बच्चे और हर बच्चा अपनी माँ के साथ इस बार भी मदर्स डे मना सकें. वैसे आमतौर पर मदर्स डे पर मेरे पति मेरी माँ,मौसी औऱ सासु मां सब साथ में मिलकर लंच या डिनर पर जाते हैं और इस दिन को खास तरीके से सेलिब्रेट करते हैं. मेरी सास और मेरा लीला और अनुपमा का जैसा रिश्ता है. वो मुझसे प्यार करती हैं लेकिन दिखाती नहीं हैं. वो 87 साल की हैं. हमारे साथ ही रहती हैं.