Exclusive : आतंकवादी अफज़ल गुरु की पत्नी का किरदार करने को तैयार नहीं थी दीपिका चिखलिया, खुद किया खुलासा
exclusive deepika chikhalia was not ready to play terrorist afzal guru wife actress revealed ghalib latest update bud : फ़िल्म 'गालिब' के ट्रेलर रिलीज के साथ ही चर्चा शुरू हो गयी कि ये फ़िल्म आतंकवादी अफज़ल गुरु की कहानी है लेकिन फ़िल्म में अहम भूमिका निभा रही दीपिका चिखलिया साफ कहती हैं कि ये फ़िल्म अफ़ज़ल गुरु की नहीं बल्कि उसके बेटे गालिब की कहानी से प्रेरित है. फ़िल्म सकारात्मक कहानी कहती है कि बुरे इंसान का बेटा भी बुरा हो ये ज़रूरी नहीं.
Deepika Chikhalia Exclusive : फ़िल्म ‘गालिब’ के ट्रेलर रिलीज के साथ ही चर्चा शुरू हो गयी कि ये फ़िल्म आतंकवादी अफज़ल गुरु की कहानी है लेकिन फ़िल्म में अहम भूमिका निभा रही दीपिका चिखलिया साफ कहती हैं कि ये फ़िल्म अफ़ज़ल गुरु की नहीं बल्कि उसके बेटे गालिब की कहानी से प्रेरित है. फ़िल्म सकारात्मक कहानी कहती है कि बुरे इंसान का बेटा भी बुरा हो ये ज़रूरी नहीं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
फ़िल्म गालिब जब ऑफर हुई तो आपका क्या रिएक्शन था?
मुझे जब ‘गालिब’ ऑफर हुई तो मुझे लगा था कि मुझे ये फ़िल्म नहीं करनी चाहिए. अफ़ज़ल गुरु की पत्नी का किरदार मुझे नहीं निभाना चाहिए. वैसे यह अफ़ज़ल गुरु की बायोपिक नहीं है बस प्रेरित है. मैंने मना कर दिया था. फिर कुछ महीने बाद उन्होंने मुझे ये फ़िल्म फिर ऑफर की. मैंने फिर मना कर दिया तो इस फ़िल्म के लेखक धीरज ने मुझे कहा कि आप बताइए आपको क्या करना है, कैसे करना है. हम उस हिसाब से करेंगे. मैंने उन्हें कहा कि यह कहानी मां और बेटे के इमोशन के नज़रिए के साथ साथ बहुत ज़्यादा देशभक्ति से भी ओत प्रोत हो तो फिर कहानी को वैसा कहा गया है.
फ़िल्म से अभी आप कितनी खुश हैं?
सच कहूं तो मैंने अभी तक फ़िल्म नहीं देखी है. एक दो दिन में मैं फ़िल्म को देखूंगी लेकिन हां मुझे पता है कि फ़िल्म अच्छी और सकारात्मक बनी होगी.
फ़िल्म आंतकी अफ़ज़ल गुरु के बेटे और पत्नी की कहानी है फ़िल्म साइन करते हुए लगा नहीं कि आपकी सीता की इमेज से विपरीत जा सकती है?
पिछले 33 सालों से यही सोच रही हूं.अब एक एक्टर के तौर पर खुद को उभारना ही है. दर्शक समझदार हैं.
फ़िल्म के किसी दृश्य में अफ़ज़ल गुरु के किरदार को भी दिखाया गया है?
फ़िल्म में एक सीन है जहां मेरे जो पति का किरदार निभा रहे हैं. वो कहते हैं कि मुझे फांसी होने वाली है. आपको वह सुनकर समझ आता है कि ये आंतकी अफ़ज़ल गुरु से प्रेरित किरदार है. हां अफ़ज़ल गुरु के बेटे की कहानी है. यह एक प्रेरणादायक कहानी है अगर आप बुरे आदमी के बेटे होकर भी अच्छे बनोगे तो समाज आपकी मदद करेगा.
अपने किरदार के लिए क्या कुछ खास किया?
मुसलमान किरदार था तो उनका बोल-चाल अलग हो जाता है. 23 साल बाद मैने कैमरे का सामना इस फ़िल्म से किया था, थोड़ी नर्वस थोड़ी खुश थी. बाला पहले रिलीज हुई लेकिन शूटिंग मैंने गालिब की ही पहले की थी. काफी मेहनत किया अपने किरदार को बारीकी से पकड़ने के लिए.
फ़िल्म की कितनी शूटिंग कश्मीर में हुई है?
हमने कश्मीर के बदरवा में शूट किया है. मेरी शूटिंग वही हुई है. बहुत ही शांतिपूर्ण इलाका था. हमें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. कोई भी हिंसात्मक घटना हमने ना सुनी ना देखी.
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अभिनय की इस इनिंग में कितना फ़िल्म मेकिंग में आप बदलाव पा रही हैं?
अब इंडस्ट्री बहुत प्रोफेशनल हो गयी है।हर चीज़ के लिए उसका जानकर मौजूद है. पहले छोटे छोटे बिजनेसमैन का सेटअप था अभी एमएनसी कंपनी की तरह हो गए हैं. पहले निर्माता ने बोल दिया और आप फ़िल्म के लिए साइन हो गए अब तो 12 से 15 पेज साइन करने पड़ते हैं तो आप किसी फिल्म से जुड़ते हैं. सबकुछ प्रोफेशनल हो गया है.
मौजूदा दौर के किस एक्टर या एक्ट्रेसेस के काम को आप एन्जॉय करते हो?
मुझे अक्षय कुमार की फिल्में बहुत पसंद हैं. काफी अलग अलग कहानियां करते हैं. अक्षय के अलावा नवाज़ुद्दीन सिद्दकी, इरफान खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, रणवीर कपूर की फिल्में भी मुझे बहुत पसंद है. वैसे मुझे लगता है कि अगर फिल्में अच्छे से बनायी जाए तो सभी किरदार निखरकर सामने आते हैं. अच्छा फ़िल्म मेकर फ़िल्म की सबसे बड़ी जरूरत है. फिल्में निर्देशक का मीडियम हैं.
आपने एक्टिंग से ब्रेक अपनी फैमिली और पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से लिया है।आपकी वापसी पर उनका क्या कहना है?
वे लोग मुझसे ज़्यादा खुश हैं. बच्चे अपनी अपनी ज़िंदगी में बिजी हैं तो मैं भी फ्री हूं. उन्हें पता है कि एक्टिंग मेरा पैशन रही है. जिस चीज़ में आपको समझ है और आपकी पसंद है. उसमें आप कभी भी गलत नहीं कर सकते हैं. भले ही मैं 30 सालों बाद आयी लेकिन मुझे पता है कि मैं कैमरे के सामने परफॉर्म कर लूंगी.
लॉक डाउन में रामायण के प्रसारण ने एक बार फिर आपलोगों को सुर्खियों में ला दिया क्या अब अच्छे ऑफर्स आने लगे हैं?
कुछ हलचल हो रही है लोगों के दिमाग में. चलो इनका भी इस्तेमाल किया जाए. लोगों को समझ आने लगा है कि मैं काम करने को अब ओपन हूं. लॉक डाउन में रामायण के प्रसारण के बाद ये बातें सुनने को मिली कि एक्टर बहुत अच्छे थे इसलिए इतना अच्छा काम हुआ पहले हमें लोग सिर्फ भगवान मान रहे थे तो ये अच्छा बदलाव आया.
कैरियर की इस इनिंग में क्या कुछ भी साइन करते हुए सीता की इमेज को आप ध्यान में रखेंगी?
हां क्योंकि मैंने एक मर्यादा एक गरिमा अपने आप के लिए बनाकर रखी है. आप सीता कहिए या कहिए कि दीपिका ऐसी सोच रखती हैं. ऐसा कुछ भी नहीं करूंगी जिससे मेरी इमेज को ठेस पहुंचे।लोगों को दुख हो. लॉकडाउन के पहले की बात है मेरे पास एक आफर आया था कि मॉडर्न मां का रोल है वो सिगरेट पीती है. मैंने मना कर दिया कि मैं नहीं कर पाऊंगी.
क्या वापस राजनीति में आना चाहेंगी?
लोग पूछ रहे हैं वैसे मैं अपने देश के लिए कुछ करना चाहूंगी. मैं हमेशा से बीजेपी से जुड़ी रही हूं. उनका कोई कार्यक्रम होता है और मुझे बुलाते हैं तो मैं ज़रूर जाती हूं.
Posted By : Budhmani Minj