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Exclusive: IAS ऑफिसर अभिषेक सिंह ने बताया – एक्टिंग और ड्यूटी के बीच कैसे कर रहे हैं मैनेज

dil tod ke actor and ias officer abhishek singh interview : रीयल लाइफ आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह जल्द ही प्रसिद्ध वेब सीरीज दिल्ली सीरीज के दूसरे सीजन में अभिनय करते नज़र आने वाले हैं. लेकिन इससे पहले वह हॉटस्टार की लघु फ़िल्म चार पंद्रह और टी सीरीज के लेटेस्ट रिलीज सिंगल दिल तोड़ के लिए खबरों में हैं. वह एक्टिंग को हॉबी करार देते हैं.

Dil Tod Ke actor and IAS officer Abhishek Singh : रीयल लाइफ आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह जल्द ही प्रसिद्ध वेब सीरीज दिल्ली सीरीज के दूसरे सीजन में अभिनय करते नज़र आने वाले हैं. लेकिन इससे पहले वह हॉटस्टार की लघु फ़िल्म चार पंद्रह और टी सीरीज के लेटेस्ट रिलीज सिंगल दिल तोड़ के लिए खबरों में हैं. वह एक्टिंग को हॉबी करार देते हैं. जिसे वह पुलिस की ड्यूटी के साथ एन्जॉय कर रहे हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…

एक्टिंग कर सकते हैं ये कब ख्याल जेहन में आया?

सच कहूं तो मैं एक्टिंग कर सकता हूं. यह मैंने कभी सोचा नहीं था. मेरा सोशल मीडिया पर एक साल पहले तक एकाउंट भी नहीं था. कभी फोटोज भी नहीं खिंचवाई थी. एक्टिंग में आना जैसे किस्मत में था. पिछले साल मैं सरकारी काम से मुम्बई गया था. कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा और उनके परिवार को मैं सालों से जानता हूं.दिल्ली कनेक्शन वाला मामला था.उन्होंने मुझे लंच पर बुलाया. मैं चला गया.वहां संजोग से नेटफ्लिक्स की टीम भी बैठी हुई थी जो दिल्ली क्राइम्स 2 के लिए आयी थी. उन्होंने कहा आपने शो देखा है.मैंने कहा सीरीज देखी तो नहीं हां सुना बहुत है. मैंने दिल्ली के बारे में बात करना शुरू किया.इतने में टीम में से किसी ने पूछा कि आपने एक्टिंग में क्या क्या किया है. मैं और मुकेश ये सुनकर हंसने लगे.मुकेश ने बताया कि ये एक्टर नहीं बल्कि दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर हैं.जो मेरे दोस्त भी हैं. आपको जानकारी दे सकें इसलिए मैंने मिलवाया. नेटफ्लिक्स की टीम ने कहा तभी हमने सोचा कि एक एक्टर को इतनी जानकारी कैसे है. उन्होंने आगे कहा कि सीरीज में एक आईएएस ऑफिसर का रोल है.क्या मैं करना चाहूंगा. उस रोल के साथ आप बखूबी न्याय कर सकते हैं. मैंने बोला कि कभी एक्टिंग नहीं की.मुकेश ने कहा कि एक्टिंग क्या है जो आप और हम अभी बात कर रहे हैं. वही एक्टिंग हैं. आईएएस का ही रोल भी है जो आप हैं. आपको चार लाइन देता हूं. कैमरे के सामने बोलिए अच्छी लगी तो कर लीजिएगा दूसरे कमरे में कैमरा था वहां गए और मैंने चार लाइन बोल दी. सभी को वो बहुत पसंद आयी. उनका कहना था कि चूंकि मैं खुद आइएएस ऑफिसर हूं तो मैंने किरदार को बखूबी नुवान्सेस के साथ पकड़ा है.

शूटिंग के पहले दिन कितना नर्वस थे?

बहुत नर्वस था. मैं बचपन से जब भी कोई काम करता हूं. बहुत तैयारी के साथ करता हूं. इसके लिए भी मैंने बहुत तैयारी की थी लेकिन जब सेट पर मैंने शेफाली और आदिल हुसैन जैसे कलाकारों को देखा तो मैं नर्वस हो गया. ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं आईएएस का एग्जाम देने आया हूं. मुझे लग रहा था कि आज तो बड़ी बेइज़्ज़ती होगी. ये लोग सोचेंगे ये आईएएस ऑफिसर आईएएस ऑफिसर की एक्टिंग नहीं कर पा रहा है. लग रहा था 10 से 15 रिटेक जाएंगे ही. मैंने टेक दिया. पहले ही टेक में डायरेक्टर ने धीरे से कहा ओके. अब अगला सेटअप लगाओ. मुझे लगा कि मेरी एक्टिंग पसंद नहीं आयी क्या. मैं उनसे पूछने गया और कहा कि अगर आपको अच्छा नहीं लगा तो मैं औऱ टेक दे सकता हूं इस पर सभी ने कहा कि आपने बेहतरीन टेक दिया है. वो सुनकर जान में जान आयी.

सभी कहते हैं कि बहुत पॉलटिक्स हमारे सिस्टम में हैं ऐसे में आप अपनी डिप्टी कमिश्नर की ड्यूटी और एक्टिंग कैसे मैनेज कर रहे हैं. कितना सीनियर्स का सपोर्ट है?

हां आप सही बोल रही हैं कि सिस्टम में बहुत पॉलिटिक्स है लेकिन मैं लकी रहा हूं कि मुझे अच्छे लोग मिले हैं.चीफ सेक्रेटेरियट विजय देब सर ने मुझे बहुत सपोर्ट किया.उन्होंने कहा कि बहुत कम लोग को ऐसा मौका मिलता है कि वो दो अलग अलग चीजों को कर सकें.

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एक्टिंग और ड्यूटी के बीच समय कैसे मैनेज करते हैं?

मैंने बचपन से बहुत अनुसाशित ज़िंदगी जी है.मेरे पिताजी भी पुलिस से हैं.बचपन से समय का बहुत महत्व रहा है. पिताजी कहते थे कि एक एक सेकंड की कीमत है इसलिए उसका भी उपयोग करो. आप के अंदर अगर कुछ करने का जुनून है तो आप उसी टाइम में से टाइम निकाल लोगे. काम की जिम्मेदारी निभाने के साथ साथ अपनी हॉबी को भी हम पूरा समय दे सकते हैं बशर्ते आप कितना अनुसाशित जीवन जी रहे ये महत्वपूर्ण है.

एक्टिंग से पहले आपकी क्या तैयारी होती है?

जब भी मुझे कोई आफर मिलता है या शूट होता है तो मैं उस किरदार को पूरा डेप्थ तक जानने की कोशिश करता हूं. शूटिंग से पहले मैं सीन की बहुत रिहर्सल करता हूं.बहुत ज़्यादा.

क्या एक्टर के तौर पर आप पर्दे पर कुछ भी करने को तैयार हैं?

मैं अभी अपने आप को एक्टर नहीं मानता हूं. मैं इसको ऐसा मानता हूं कि ये आईएएस ऑफिसर की पर्सनालिटी का ही एक्सटेंशन है.मैंने हमेशा से यही सोचा है कि मुझे जो सोशल डेवेलपमेंट की जिम्मेदारियां मिली है समाज को आगे बढ़ाने की.उसमें मैं अपने सिनेमा के काम से भी बदलाव लाऊं, मैं लोगों की सोच को बदलना चाहता हूं.सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने से समाज नहीं बदलता. सोच से समाज बदलता है.

आलोचनाओं के लिए कितने तैयार हैं?

पूरी तरह से.आलोचनाओं से मैं उतनी ही मोहब्बत करता हूं.जितनी अपने पेशे से.आलोचनाएं आपकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं.आलोचनाएं ना हो तो आप सुधरेंगे नहीं ना ही मजबूत होंगे.आलोचना सफर का हिस्सा होना ही चाहिए.

एक्टिंग में आप किसके काम को पसंद करते हैं?

एक्टिंग में मैं अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान को बहुत पसंद करता हूं.दोनों सेल्फ मेड इंसान हैं. अपने दम पर मुकाम हासिल किया है. जिस वजह से ये दोनों ना सिर्फ एक्टर के तौर पर बल्कि इंसान के तौर पर भी बहुत पसंद है.

Posted By : Budhmani Minj

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