टीवी का प्रसिद्ध चेहरा एक्ट्रेस दिव्यंका त्रिपाठी दहिया (Divyanka Tripathi Dahiya) इनदिनों पॉपुलर शो ‘क्राइम पेट्रोल’ (Crime Patrol) में बतौर होस्ट नज़र आ रही हैं. वह खुश है कि उन्हें ऐसे शो का हिस्सा बनने का मौका मिला है जिससे वह समाज में जागरूकता ला सकती हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
किस तरह से क्राइम पेट्रोल से जुड़ना हुआ
मुझे मेरे पिछले शो ये है मोहब्बतें से ब्रेक बहुत सही टाइम पर मिला था 2019 के आखिर में दिसंबर में. ये हैं महब्बतें छह साल चला था.2020 मेरे लिए पूरी तरह से काम से ब्रेक था.सुकून के कुछ पल मिलें अपने लिए और अपने परिवार के लिए.उसके बाद लगा कि कुछ हटकर काम करूं.समाज में कुछ बदलाव लाने की तरफ. कुछ जागरूक करने के लिहाज से.वो कहते हैं ना आप किसी चीज़ को शिद्दत से मांगो तो वो आपके पास आ ही जाती है.मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ और दो महीने पहले क्राइम पेट्रोल का मुझे आफर आ गया.
आपने होस्टिंग पहले भी की है लेकिन क्राइम शो को होस्ट करते हुए क्या अलग चुनौती होती हैं
ज़्यादातर कहानियां हमारे आसपास की है तो कनेक्शन वैल्यू होता है. जब मैं कहानियों को सुनती हूं पढ़ती हूं तो हर एक शब्द जो है. वो मेरे दिल से निकल रहा होता है फिर चाहे वो सहानुभूति हो घृणा हो, आश्वासन हो या फिर चेतावनी.
क्राइम पेट्रोल का चेहरा अनूप सोनी हैं ऐसे में तुलना को लेकर कोई प्रेशर था
बिल्कुल भी प्रेशर नहीं था अनूप सोनी का अपना एक स्टाइल है. मेरा अलग तरीका है. जब मैं शो से जुड़ी थी तभी मेरा पहला सवाल यही था कि मैं अपने तरीके से करूंगी.मैं किसी को फॉलो नहीं करूंगी.वही किया.
क्या आपको लगता है कि ये क्राइम शोज वाकई समाज को प्रभावित करता है उसमें सकारात्मक बदलाव लाता है
टीवी बदलाव लाता है.इसमें कोई शक नहीं है. न्यूज़ चैनल हमें क्राइम की खबरों के बारे में बताता है लेकिन क्राइम पेट्रोल इसके पीछे की बैक स्टोरी की कहानी कहता है. क्रिमिनल ने ऐसा क्यों किया उसकी मानसिकता क्या थी.वो भी बताता है।जब तक जागरूकता नहीं होगी हम अपने आसपास के लोगों को थोड़ी शक की नज़र से नहीं देखेंगे.सतर्क रहने और अपना बचाव करने के लिए ये ज़रूरी है.
समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा के लिए आप सबसे बड़ा जिम्मेदार किसे कहेंगी
परवरिश को,आपकी परवरिश ही आपकी सोच को बनाती है. घर में ही बच्चे देखते हैं कि लड़कियां ये करेंगी लड़के वो. वही से गलती शुरू होती है. मैं अपने परिवार की बात करूं तो मेरी बड़ी बहन ,मैं और फिर मेरा भाई है.मेरे माता पिता ने कभी भी हम बच्चों में फर्क नहीं किया है. मेरे माता पिता चाहते थे कि उनका बेटा उनकी बेटियों जैसा बनें. मुझे मेरे घर में कभी नहीं बोला गया कि तुम्हें खाना बनाना आना चाहिए. मां बोलती थी ठीक है तुम कुक रख लेना. मेरा भाई अच्छा खाना बनाता है. मुझे नहीं आता. लड़कियों को किचन संभालना चाहिए लड़कों को ऑफिस ये सोच ही गलत है.लड़का किचन संभाले और औरत बाहर काम करें तो क्या बुराई है अगर दोनों खुश हैं तो. सोच बदलनी होगी.
आप अपने ग्रोइंग ईयर में कितनी सतर्क रही थी
मेरे माता पिता दोस्त थे इसलिए हर बात उनसे शेयर करती थी.कभी लगता था कि ये शख्स ठीक नहीं है तो तुरंत मम्मी पापा को बताते थे.कहीं अकेले जाना हो और वो जगह को लेकर पूरा भरोसा नहीं तो दीदी को लेकर जाती थी.सोसाइटी पर भरोसा करना और आंखें पूरी तरह से बंद कर लेने में फर्क होता है. मैं एनसीसी कैडेट रही हूं.दुनिया को बचपन से फेस करने का एक जज्बा था.गर्ल्स स्कूल में थी इसलिए माता पिता ने एनसीसी में डाला ताकि लड़कों और दुनिया को फेश करने का जज्बा आए. कोई भी चीज़ हौव्वा ना बनें.
2021 में डेली सोप या ओटीटी प्लेटफार्म आपकी प्राथमिकता अभिनय के लिए क्या रहेगा
डेली सोप तो फिलहाल नहीं करना है.ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से अच्छे ऑफर्स आ रहे हैं. फ़िल्म के लिए भी बातचीत चल रही है तो दोनों में से किसी में जुड़ जाऊंगी.
Posted By : Budhmani Minj