कौन बनेगा करोड़पति सीजन 14 की पहली करोड़पति महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहनेवालीं कविता चावला बन गयी हैं. 21 सालों से कौन बनेगा करोड़पति की विनर बनने की ख्वाहिश रखने वाली कविता कहती हैं कि इस बार मैंने तय कर लिया था कि मुझे करोड़पति बनकर जाना है.मुझे अपनी तैयारी और बड़ों के आशीर्वाद पर पूरा भरोसा था.उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
आप अपने बारे में बताइए?
मैं कोल्हापुर से हूं. एक हाउस वाइफ हूं.12 क्लास तक मेरी पढ़ाई हुई है.आज के लोगों को लग सकता है कि मैं कम पढ़ी हूं,लेकिन जिस समय से मैं हूं.मुझे लगता है कि उस वक़्त इतनी पढ़ाई काफी होती थी.वैसे मैंने कभी सीखना नहीं छोड़ा.मेरे पति की कोल्हापुर में ही कपड़े की दुकान है.एक बेटा है.जिसने बीसीए हाल ही कम्प्लीट किया है. मेरा बेटा और मेरे पिता केबीसी में मेरी हौंसलाअफजाई के लिए मेरे साथ आए थे.
आप केबीसी में कबसे किस्मत आजमा रही हैं?
मैं 2000 से ही कोशिश कर रही हूं.2020 में मुझे पहला कॉल आया था. ऑडिशन तक पहुंची थी.2021 में मुझे फिर से कॉल आया.उसमें मैं फास्टेस्ट फिंगर राउंड तक पहुंची थी. हॉट सीट तक नहीं पहुंच पायी थी. मैं निराश होकर रोने लगी थी.श्री अमिताभ बच्चन जी ने दो शब्द बोलें.उन्होंने मेरा हौंसला बढ़ाया और कहा कि निराश मत होइए..फिर कोशिश कीजिए.उनकी बात को मैंने गांठ बांध ली और फिर से कोशिश की और इस बार मेरा सपना पूरा हो गया. वैसे मैं इस बार सोचकर ही आयी थी कि मुझे करोड़पति बनकर वापस आना है.
जब आपका 21 साल पुराना सपना हकीकत हुआ, वो पल कितना खास था?
अमिताभ बच्चन जी चेयर से उठकर मेरे लिए चिल्लाए यही चाहिए था और जब हुआ तो वह ज़िन्दगी का सबसे खुशनुमा पल बन गया.मैं तो इसकी एक बड़ी सी तस्वीर बनाकर अपने घर पर लगाउंगी.
खेलने के दौरान क्या कभी कोई कमज़ोर लम्हा भी था जब लगा कि आगे नहीं जा पाऊंगी?
हां, एक दो सवाल ऐसे बीच में आए कि मुझे थोड़ा कन्फ्यूजन हो गया था,लेकिन अमिताभ बच्चन जी ने कम्फर्टेबल करवाया और कहा कि सोचिए,समझिए और फिर जवाब दीजिए. बच्चन जी कमाल के हैं.
ज़िन्दगी कितनी बदलनेवाली है
बहुत बदलेगी.आप समझ सकती हैं कि एक हाउस वाइफ के लिए यह कितनी बड़ी बात है.बहुत कम लोग इस मुकाम तक पहुंचते हैं.बात सिर्फ पैसे की नहीं है.इससे जो मान-सम्मान जुड़ा है.वो बहुत खास होता है. मैं कोल्हापुर से पहली महिला कौन बनेगा करोड़पति की विनर हूं.
केबीसी के लिए आपकी क्या तैयारियां थी और फैमिली का कितना सपोर्ट था?
फैमिली का पूरा पूरा सपोर्ट रहा है.मेरी सासू मां घर काम में मुझे सपोर्ट करती थी. जिस वजह से समय थोड़ा बच जाता था और मैं उसमें पढ़ाई करती थी.हाउस वाइफ मतलब 24 घंटे का काम इसलिए कई बार समय दिन में नहीं मिल पाता था,लेकिन जो टॉपिक मैंने पढ़ने को तय कर रखा था .उसे पढ़ती ही थी.दिन में नहीं तो रात में जगकर. मेरे बेटे को मैंने ही केजी से आठवीं तक पढ़ाया है.उसे पढ़ाने में मैं भी पढ़ती थी.
एक करोड़ की जीती राशि से आप क्या करने वाली हैं?
अपने बेटे की उच्च शिक्षा में लगाउंगी.उसे आगे पढ़ने के लिए विदेश भेजना है.उसके बाद जो बचेगा.उससे एक अपना घर खरीदूंगी और मुझे भारत भी घूमना है. भारत का कोना -कोना.
घर पहुंचकर सबसे पहले क्या करेंगी?
(हंसते हुए)मैं सोऊंगी. कुछ दिन बहुत ही हेक्टिक से भरे थे.
बिग बी से जुड़ी आपकी शुरुआती यादें क्या रही हैं?
ये बात तो मैं उनको भी बोलना चाहती थी,लेकिन बोल नहीं पायी.जब टीवी पर दूरदर्शन का जमाना था.सिर्फ रविवार को हिंदी फिल्में आती थी.जिस दिन अमिताभ जी की पिक्चर आती थी.उस वक़्त पूरे मोहल्ले में हल्ला मच जाता था. मैं छोटी थी.कुछ पता नहीं था,लेकिन अमिताभ बच्चन का नाम सुनती रहती थी.उनको देखने के लिए कि है कौन. मैं पड़ोसी के घर डेरा मारकर बैठ जाती थी.बहुत छोटी थी.कुछ समझ नहीं आता था कि पर्दे पर क्या चल रहा है. जब मुझे समझ आयी तो मैंने सबसे पहली उनकी फिल्म याराना देखी थी.वो फ़िल्म मेरी आल टाइम फेवरेट है.उस फिल्म को देखने के बाद ही मैं उनकी फैन बन गयी.