संजय लीला भंसाली के प्रोडक्शन की फ़िल्म मलाल से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले मिजान जाफरी जल्द ही डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होने वाली फिल्म हंगामा 2 में नज़र आनेवाले हैं. एक एक्टर के तौर पर उनकी कोशिश है कि वे अपनी पिछली फिल्म से बिल्कुल अलग स्क्रीन पर परफॉर्म करें. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
हंगामा 2 में चुरा के दिल मेरा गाने की शूटिंग के वक़्त कितने नर्वस थे?
इतना बड़ा गाना है. लोगों को निश्चिततौर पर उम्मीदें रहेंगी. मैं खुदको खुशनसीब मानूंगा. सिर्फ गाने पर ही परफॉर्म करने का मौका नहीं मिला है बल्कि जो गाने में लीडिंग लेडी थी. उनके साथ परफॉर्म करने का मौका मिला है तो बहुत ज़्यादा नर्वस था. वो लाजमी भी था चाहे कितनी भी फिल्में कर लूं. शूटिंग के वक़्त नर्वसनेस और टेंशन कई बार ज़रूरी होता है. वो आपको ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होने देता है. आपको कॉन्फिडेंस के दायरे में रखता है. मैंने गाने को अपने तरीके से किया है. खुश हूं कि लोगों को इतना पसंद आ रहा है.
आपकी फ़िल्म थिएटर में रिलीज नहीं हो रही है क्या इसका मलाल है?
बहुत मलाल है कि फ़िल्म थिएटर में नहीं रिलीज हो रही है लेकिन अभी जो समय है. उसने हम सभी को प्रभावित किया है इसलिए फ़िल्म रिलीज हो रही है अभी बस यही बात मायने रखती है. वैसे भी ये फ़िल्म एक साल पहले रिलीज होने वाली थी. शायद इस साल के अंत या आनेवाले साल के शुरुआत में थिएटर शुरू हो जाए तो आशा और दुआ करता हूं कि अगली रिलीज थिएटर में ही हो.
आपसे पहले ये फ़िल्म आयुष्मान खुराना और कार्तिक आर्यन को आफर हुई थी इन सब खबरों पर किस तरह से आप रिएक्ट करते हैं?
मैं खुश हूं और खुशनसीब हूं कि मुझे ये मौका मिला है. मेरे पास फ़िल्म आ गयी. जिन एक्टर्स ने फ़िल्म को ना कहा मैं उनकी तरफ से कुछ नहीं कह सकता हूं क्योंकि उनके पास ना कहने की वजह होगी. मेरे लिए वो बातें मायने भी नहीं रखती हैं क्योंकि मुझे प्रियदर्शन सर के साथ काम करने का मौका मिला. मैं उनके साथ काम करना चाहता था. ये बहुत ही खूबसूरत फ़िल्म है. मैंने इसे देख ली है. बहुत मज़ा आया. मुझे दर्शकों के रिएक्शन का इंतज़ार है.
आपने भंसाली की फ़िल्म से अपनी शुरुआत की है हंगामा 2 के सेट पर कुछ मिनट पहले डायलॉग मिलते थे कितना मुश्किल हंगामा 3 का अनुभव?
मैं मेथड एक्टर नहीं हूं बस कर देता हूं. मलाल में जिस तरह से हमने काम किया था. वो बहुत ही अलग था. वो मेरी पहली फ़िल्म थी तो लगता था कि ऐसा ही होगा लेकिन जब मैं हंगामा 2 के सेट पर पहुंचा तो वहां काम करने का तरीका एकदम अलग था. यहां डायलॉग सीन के कुछ मिनट पहले दिए जाते थे तो मुझे इस सिचुएशन को समझने में थोड़ा समय गया. एक दो दिन गए लेकिन जब मैं घुस गया तो मुझे बहुत मज़ा आया. इस दौरान मैंने ये भी सीखा कि एक्टर के तौर पर मुझे अलग अलग निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिलेगा. सभी के काम करने का तरीका अलग होगा तो हर सिचुएशन के हिसाब से मुझे खुद को बदलना होगा.
आपके दादा जगदीप और पिता जावेद जाफरी कॉमेडी का बहुत पॉपुलर नाम रहे हैं क्या ये लिगेसी आपको प्रेशर देती है क्योंकि इस फ़िल्म में आप कॉमेडी कर रहे हैं?
मेरे लिए तो क्या है कि मुझे बेस्ट करना है चाहे कुछ हो या ना हो. हां मुझे पता है कि लोग कम्पेयर करेंगे कि मैं अपने दादा और पापा की तरह बेस्ट करूं लेकिन मैं ज़्यादा नहीं सोचता हूं क्योंकि फिर वही बात कहीं ना मुझे खा जाएगी. मैं बस यही चाहता हूं कि जब मैं स्क्रीन पर दिखूं तो ये लगे कि मैंने अपने तरह की एक्टिंग की है. अलग कुछ किया है.
परेश रावल के साथ एक्टिंग का अनुभव कैसा रहा?
परेश सर की ऑन स्क्रीन से बिल्कुल अलग ऑफ स्क्रीन होते हैं. वो बहुत कम बात करते हैं लेकिन वे बहुत स्वीट हैं. बहुत ही मददगार हैं. उन्होंने मुझे समझाया तुम प्रेशर मत लो. तुम अच्छा कर रहे हो. ऐसे ही करो और ज़्यादा मत सोचो.
हंगामा 2003 में रिलीज हुई थी उस वक़्त से जुड़ी आपकी क्या मेमोरी है?
मैं आठ साल का था क्लास दो में पढ़ता था. मैं ग्लोबस थिएटर बांद्रा में अपने दोस्त और उसकी मां के साथ गया था. उस वक़्त किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस फ़िल्म के सीक्वल में मैं होऊंगा. चुरा के दिल जब गाना रिलीज हुआ था तो मैं पैदा भी नहीं हुआ था.
क्या एक्टर के तौर पर ओटीटी प्रोजेक्ट्स के लिए भी तैयार हैं?
फिलहाल तो नहीं मेरा फोकस फिल्में हैं. ओटीटी से कई ऑफर्स आए हैं लेकिन मुझे उनमें से कोई ज़्यादा उत्साहित नहीं कर पाया है. दो तीन फिल्में हैं जल्द ही उनकी घोषणा होगी.
आपका नाम अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नंदा से अक्सर जोड़ा जाता है?
मैंने इस बारे में चर्चा पहले भी की है. मैं बोलता कुछ हूं लोग लिखते कुछ हैं. मुझे लगता है कि मैंने ज़्यादा ही हंगामा इन सब बातों से मचा दिया है. अब मैं इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता हूं.